पैसा शोहरत सब मिला सिवाए एक हमसफर के, सच्चा प्यार किया लेकिन अधूरा रह गया अरमान
punjabkesari.in Sunday, Feb 06, 2022 - 12:59 PM (IST)
बॉलीवुड की महान गायिका सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर का आज सुबह निधन हो गया है। इस दुखद खबर पर पूरा देश शोक में डूब गया है। पिछले करीब एक महीने से वे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थी। वहीं अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया। फिर आज सुबह उनके निधन की खबर आ गई।
बता दें कि लता मंगेशकर पिछले 7 दशकों से गायिकी के जरिए बॉलीवुड इंडस्ट्री से जुड़ी हुई हैं। 92 साल की लता जी 36 से ज्यादा भाषाओं में करीब 30 हजार से ज्यादा गाने गा चुकी हैं। 11 साल की उम्र में गाना शुरू करने वाली लता जी ने 13 साल की उम्र में मराठी फिल्म ‘पहली मंगलागौर’ के लिए गाना गाया। लता ने साल 1947 में हिंदी सिनेमा के लिए गाना शुरू किया था। इस दौरान उनकी उम्र 18 साल थीं। सबस पहले लता ने फिल्म ‘आपकी सेवा’ के लिए गाना गाया था। लता जी का करियर बुलंदियों पर रहा उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण, दादा साहब फाल्के पुरस्कार एवं कई राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुके हैं।
पैसा-शौहरत-नाम होते हुए भी अकेले गुजारी जिंदगी
पैसा-शौहरत-नाम उन्हें सबकुछ मिला लेकिन सिवाए एक हमसफर के। बहुत से लोग ये सोचते भी हैं और जानने के लिए इच्छुक भी आखिर लता जी ने अपनी जिंदगी अकेले क्यों गुजार दी क्यों उन्होंने अपने लिए कोई हमसफर नहीं चुना तो चलिए इस पैकेज में आपको इसके पीछे की वजह भी बताते हैं कि आखिर लता जी ने अपना घर ना बसाने का फैसला क्यों किया था।
इसलिए नहीं की शादी
लता जी ने ये बात खुद एक इंटरव्यू में बताई थी। उनके मुताबिक, जब वो 13 साल की थी तो उनके पिता जी का निधन हो गया था और ऐसे में पूरे घर-परिवार और अपने भाई बहनों को संभालने की जिम्मेदारी लता जी के कंधों पर आ गई थी। ऐसे में कई बार शादी का ख्याल तो आया लेकिन वह इस पर अमल नहीं कर सकी। छोटी सी उम्र में ही उन्होंने काम शुरू कर दिया था और परिवार व अपने भाई-बहनों को संभालने में व्यस्त हो गई। लता मंगेशकर अपने भाई-बहनों को अच्छा जीवन देने के लिए खुद के लिए समय नहीं निकाल पाईं।
वहीं काम की व्यस्त्ता के अलावा उनकी अधूरी लवस्टोरी भी शादी ना करने की वजह बताई जाती है। जी हां, ‘सुरों की रानी’ को एक शख्स से प्यार हो गया था, जिसकी वजह से उन्होंने कभी भी शादी नहीं की। वो प्रोफेशनल लाइफ में सबसे सफल सिंगर रहीं, लेकिन निजी जिंदगी में वो अपने प्यार के लिए ताउम्र तड़पती रहीं।
दिवंगत क्रिकेटर राज सिंह से प्यार हो गया था
उनका नाम सिर्फ एक शख्स से जुड़ा। खबरों के मुताबिक, लता मंगेशकर को दिवंगत क्रिकेटर और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष राज सिंह से प्यार हो गया था जो डूंगरपुर के महाराजा भी थे। लता मंगेशकर को क्रिकेट का बहुत शौक था, उनके भाई हृदयनाथ भी एक क्रिकेटर थे वह राज सिंह के करीबी दोस्त थे। इस तरह एक बार लता मंगेशकर क्रिकेट देखने गई तो वह राज सिंह को पंसद कर बैठी थी। लता जहां उनके क्रिकेट खेलने के अंदाज पर मर मिटीं, तो वहीं राज सिंगर की आवाज के कायल थे।
हृदयनाथ मंगेशकर और राज सिंह की ज्यादातर मुलाकातें हृदयनाथ के घर पर होती थीं और यही से लता और राज के बीच भी कई मुलाकातें हुई जिसके बाद दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे थे। कहा यह भी जाता है कि राज सिंह लता मंगेशकर को 'मिट्ठू' नाम से बुलाते थे और राज अपनी जेब में एक कैसेट लेकर चलते थे, जिसमें लता के कुछ चुनिंदा गाने थे।
सच्चा प्यार किया लेकिन अधूरा रह गया अरमान
‘पत्रिका’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक-दूसरे को समझने के बाद दोनों शादी करने की योजना बना रहे थे लेकिन राज सिंह के पिता महारावल लक्ष्मण सिंह ने शादी करने के उनके विचार को खारिज कर दिया था। इसके पीछे का कारण, लता का एक शाही परिवार से ना होना था और महारावल लक्ष्मण सिंह अपने बेटे की शादी एक आम लड़की से शादी नहीं कराना चाहते थे।
महारावल लक्ष्मण सिंह के इस फैसले ने दोनों के सपनों को चकनाचूर कर दिया। राज सिंह ने अपने पिता के फैसले को स्वीकार तो किया लेकिन खुद पिता के सामने कसम भी खाई थी कि वो वो कभी भी शादी नहीं करेंगे और उन्होंने इस कसम को अपने मरते दम तक भी निभाया। वहीं लता ने भी उम्रभर कुंवारे रहने का फैसला कर लिया था। दोनों ने भले ही शादी नहीं की, लेकिन वो हमेशा एक अच्छे दोस्त बने रहे।
राज सिंह डूंगरपुर, 12 सितंबर 2009 को मुंबई में अल्जाइमर रोग से लंबी लड़ाई दुनिया को अलविदा कह गए। भले ही दोनों की प्रेम कहानी का अंत सबसे अच्छा नहीं था लेकिन दोनों का प्यार लोगों के लिए प्रेरणा बन गया।