बहुएं चली मायके, घर आयी बेटियां... जानें महिलाओं के लिए हरितालिका तीज क्यों है इतनी खास

punjabkesari.in Saturday, Sep 16, 2023 - 06:09 PM (IST)

मध्य भारत का करवाचौथ कहे जाने वाले पर्व ‘हरितालिका तीज' पर प्रत्येक गांव-शहरों में लाखों घरों की बहुओं ने दो-चार दिन के लिए मायके का रूख कर लिया है और वहां घर की बेटियां आ गयी हैं। पति की दीर्घायु और मंगल कामना को लेकर सोमवार को मनाये जाने वाले तीज पर्व के मौके पर महिलाएं 24 घंटे का कठोर निर्जला व्रत करेंगी और भगवान शिव और गौरी की पूजा-आराधना करेंगी। दिलचस्प बात यही है कि तीज के दौरान दो-चार दिन के लिए बहुत से घरों की बहुएं अपने मायके चली जाती हैं और उनकी जगह बेटियां घर आ जाती है। 

PunjabKesari
मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ़ , बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में महिलाओं का यह प्रमुख त्योहार है। विशेषकर छत्तीसगढ़ में तीज की इतनी धूम होती है कि स्कूल , कॉलेज और राज्य सरकार के कार्यालयों में इस दिन अवकाश रहता है। ज्यादातर विवाहित महिलाएं सदा सुहागन रहने और कुंआरी युवतियां सुयोग्य वर की अभिलाषा में अपने मायके में निर्जला उपवास पर रहती हैं। त्योहार के दो-तीन दिन पहले ही लोग अपनी बहन-बेटियों को घर ले आते हैं। बहन-बेटियों को ससुराल से विदा करके लाने के दौरान बसों और ट्रेनों में बेतहाशा भीड़ नजर आ रही है। वहीं उनको उपहार देने के लिए वस्त्र,आभूषण और सौंदर्य प्रसाधनों की दुकानों पर मेला सा-माहौल है।

PunjabKesari
 तीज की पहली रात व्रती महिलाएं ‘करूभात' (करेले की सब्जी के साथ चावल और अन्य) खाने के बाद खीरे का सेवन करती हैं जो अनिवार्य माना जाता है। दूसरे दिन वे व्रत शुरू करती हैं तथा रात में रेत से बनाये माता गौरी और भगवान शंकर की प्रतिरूप की विधिवत पूजा करती हैं और इसके अगले दिन सुबह स्नान से निवृत होकर इन प्रतिरूपों को विसर्जित करने के बाद अपने यहां के पारंपरिक व्यंजनों का सेवन करके व्रत तोड़ती हैं। 

PunjabKesari
छत्तीसगढ़ में ये व्यंजन खुरमी , ठेठरी और पुए कहलाते हैं जिनकी खुशबू इन दिनों प्रत्येक घरों की रसोई से आ रही है। इसे बनाने में पूरे घर के लोग उत्साह के साथ जुटे होते हैं , हालांकि समयाभाव और आधुनिकता के इस दौर में ये व्यंजन अब बाजारों में रेडीमेड भी मिलने लगे हैं। चौबीस घंटे से अधिक समय तक कठिन निर्जला व्रत रखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन हिमालय राजा की पुत्री पार्वती ने अपने कठोर तप से भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करके उन्हें पति रूप में पाने का वरदान पाया था।मान्यता है कि इस दिन ऐसा ही कठोर व्रत रखने वाली महिलाएं अखंड सौभाग्यवती रहती हैं और नवयौवनाओं को मनभावन वर की प्राप्ति होती है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

vasudha

Related News

static