अच्छा या बुरा? जानिए पितृ पक्ष में जन्‍मे बच्‍चों का कैसा होता है स्वभाव और भविष्य

punjabkesari.in Wednesday, Sep 18, 2024 - 12:00 PM (IST)

नारी डेस्क: जन्म और मौत दोनों पर किसी का बस नहीं है। जन्म-मरण का चक्र भगवान के हाथ मेंं ही है। ऐसे में पितृपक्ष के दौरान बच्चे के जन्म को लेकर  लोगों के मन में कई सवाल उठते हैं।  धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में बच्चे का जन्म होना यह भी दर्शाता है कि, आपका कोई पितृ धरती पर फिर से लौटा हो। आइए इस बारे में जानते हैं विस्तार से। 

 

क्या पितृ पक्ष में जन्मे बच्चे अपने ही कुल के पूर्वज होते हैं?

 हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का समय विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दौरान पूर्वजों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। यह समय पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए समर्पित होता है। कई हिंदू मान्यताओं के अनुसार, यह कहा जाता है कि पितृ पक्ष में जन्मे बच्चे अपने कुल के पूर्वजों का पुनर्जन्म हो सकते हैं। इस विश्वास के पीछे यह धारणा है कि पितरों (पूर्वजों) की आत्मा पुनर्जन्म लेकर अपने परिवार में वापस आती है। यह एक धार्मिक और सांस्कृतिक विश्वास है, जो पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और सम्मान को दर्शाता है। 

 

पितृ पक्ष में बच्चे के जन्म का संकेत

पूर्वजों का आशीर्वाद: यह माना जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान जन्म लेने वाले बच्चे अपने परिवार के लिए विशेष आशीर्वाद लेकर आते हैं। इसे परिवार के लिए शुभ संकेत माना जाता है और यह दर्शाता है कि पूर्वज प्रसन्न हैं और उनके आशीर्वाद से बच्चा पैदा हुआ है।
   
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व : पितृ पक्ष के समय बच्चे का जन्म धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दर्शाता है कि पूर्वजों की आत्मा परिवार में एक नए रूप में आई है। इसके साथ ही, परिवार में पितरों की आत्मा की शांति और आशीर्वाद की प्राप्ति मानी जाती है।

कर्म और पुनर्जन्म : हिंदू धर्म में कर्म और पुनर्जन्म का सिद्धांत मान्यता प्राप्त है। यह माना जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान जन्म लेने वाले बच्चे परिवार के पूर्वजों के पुनर्जन्म का प्रतीक हो सकते हैं, और वे परिवार के कर्म के साथ जुड़े होते हैं। 

बच्चे का भविष्य : कुछ मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में जन्म लेने वाले बच्चों का भविष्य उज्ज्वल और सफल माना जाता है। यह विश्वास है कि ऐसे बच्चे अपने परिवार के लिए समृद्धि और खुशहाली लेकर आते हैं।
 

श्राद्ध के दौरान बच्चे के जन्म का प्रभाव 

श्राद्ध के दौरान बच्चे के जन्म को पूर्वजों की प्रसन्नता का संकेत माना जाता है। परिवार को यह मानना चाहिए कि पूर्वज प्रसन्न हैं और उनका आशीर्वाद परिवार पर बना हुआ है। श्राद्ध के समय में बच्चे का जन्म आध्यात्मिक दृष्टि से परिवार के लिए एक शुभ अवसर हो सकता है, क्योंकि यह दर्शाता है कि पूर्वजों की आत्मा का पुनर्जन्म हुआ है और वे परिवार के बीच मौजूद हैं।
 

पितृ पक्ष में जन्म लेने वाले बच्चों में होती है ये खूबी

माना जाता है कि पितृ पक्ष में जन्म लेने वाले बच्चे अपनी उम्र से ज्यादा ज्ञानी और समझदार होते हैं। बचपन से ही इनके अंदर जटिल चीजों को भी आसानी से समझने की क्षमता विकसित हो जाती है। जो व्यक्ति पितृ पक्ष के दौरान पैदा होता है, उसके अंदर भविष्य को देखने की क्षमता भी होती है। ये परिस्थितियों का आकलन करने भविष्य को लेकर पहले ही सतर्क हो जाते हैं। वैसे तो पितृ पक्ष में जन्म लेने वाले बच्चों में कई खूबियां होती हैं, लेकिन इनका चंद्रमा थोड़ा कमजोर हो सकता है। इसके कारण मानसिक परेशानियों का सामना ये कर सकते हैं।


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Content Writer

vasudha

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