क्या होता है Pre-Menopause? वो बातें जो हर महिला को होनी चाहिए पता
punjabkesari.in Wednesday, May 26, 2021 - 12:58 PM (IST)
मेनोपॉज एक ऐसा नेचुरल प्रोसेस है, जिसके कारण महिलाओं को 40 -50 की उम्र में पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं। दरअसल, जब ओवरी में अंडे खत्म हो जाते हैं तो पीरियड्स साइकल रूक जाता है, जिसे मेनोपॉज कहा जाता है। मगर, खराब लाइफस्टाइल के कारण आजकल महिलाओं को कम उम्र में ही पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं, जिसे प्री-मेनोपॉज (Perimenopause) या ओवेरियन फेलियर कहा जाता है।
प्री-मेनोपॉज के लक्षण
. अनियमित पीरियड्स
. हॉट फ्लैशेज यानि बहुत अधिक गर्मी लगना
. बहुत पसीना आना
. मूड स्विंग
. बेवजह थकान रहना
. तनाव
. पीएमएस (premenstrual syndrome)
. स्वभाव में चिड़चिड़ापन
. वेजाइना में ड्राइनेस या ईचिंग होना
. ब्रेस्ट में सूजन और हल्का दर्द
प्री-मेनोपॉज के कारण
1. अल्कोहल- धूम्रपान न करने वाली महिलाओं की तुलना में धूम्रपान करने वाली महिलाओं को 1-2 साल पहले मेनोपॉज हो सकता है।
2. प्री- रजोनिवृत्ति पारिवारिक इतिहास वाली महिलाओं को इसकी संभावना अधिक होती है।
3. कैंसर के लिए कीमोथेरेपी या पेल्विक रेडिएशन थेरेपी ले रही महिलाओं को भी अर्ली मेनोपॉज हो सकता है।
4. हिस्टेरेक्टॉमी (Hysterectomy) या ओवरी सर्जरी से गर्भाशय निकल जाता है लेकिन अंडाशय बनना बंद नहीं होता। आमतौर पर यह रजोनिवृत्ति का कारण नहीं बनती। इससे पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं लेकिन फिर भी अंडाशय एस्ट्रोजन का उत्पादन करते हैं। इस तरह की सर्जरी से मेनोपॉज औसत से पहले हो सकता है।
प्री-मेनोपॉज में जटिलताएं
वैसे तो प्री-मेनोपॉज से घबराने की बात नहीं है लेकिन कुछ स्थिति में डॉक्टर को दिखाना जरूरी हो जाती है जैसे...
1. प्री-मेनोपॉज से पहले बहुत हैवी ब्लीडिंग होना यानि अगर आपको हर दो घंटे में पैड बदलने की जरूरत पड़ रही हो
2. पीरियड्स में ब्लीडिंग 7 दिनों से अधिक समय तक बंद ना हो
3. मासिक धर्म नियमित रूप से 21 दिनों से कम समय में होता है तो भी आपको चेकअप करवाना चाहिए।
इस तरह के संकेतों का मतलब यह हो सकता है कि आपके प्रजनन तंत्र में कोई समस्या है जिसके लिए निदान और उपचार की आवश्यकता है।
महिलाओं की सेहत पर पड़ता बुरा असर
प्री-मेनोपॉज के कारण हड्डियां कमजोर, ऑस्टियोपोरोसिस, हाई बीपी और दिल से जुड़ी बीमारी हो सकती है। इसके कारण एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन्स बनना बंद हो जाते हैं, जो महिलाओं की सेहत के लिए बहुत जरूरी है।
ऐसी स्थिति में क्या करें?
1. प्री-मेनोपॉड के स्थिति में सबसे पहले तो अपनी डॉक्टर से सलाह लें। इसके अलावा डाइट में विटामिन्स, कैल्शियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर आहार लें, ताकि हड्डियां कमजोर ना हो।
2. इसके अलावा रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज, योग करें। साथ ही फिजिकल एक्टिविटी भी करते रहें।
3. खूब पानी पीएं और लिक्विड डाइट अधिक से अधिक लें।
4. इसके अलावा तनाव से जितना हो सके दूर रहने की कोशिश करें।