Hariyali Teej: पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है यह व्रत, जानिए हरे रंग का महत्व भी

punjabkesari.in Tuesday, Aug 10, 2021 - 02:41 PM (IST)

भारत में त्योहारों की तरह शुभ तिथियों का विशेष महत्व है। इनमें सावन मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का व्रत रखा जाता है। इस साल यह शुभ तिथि 11 अगस्त दिन बुधवार को पड़ रही है। मान्यता है कि इस दिन सुहागिन महिलाओं अपनी पति की लंबी उम्र की कामना के लिए और कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए व्रत रखती है। इसे व्रत को करवा चौथ की तरह निर्जला रखा जाता है। इस दिन सुहागने सोहल श्रृंगार करके शिव जी और पार्वती मां की पूजा व व्रत रखती है।

भगवान शिव और मां पार्वती से जुड़ा है हरियाली तीज का त्योहार

मान्यताओं के अनुसार, मां पार्वती ने भगवान शिव को वर के रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या की थी। तपस्या से प्रसन्न होकर सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया यानि हरियाली तीज के दिन ही भगवान शिव ने मां पार्वती से विवाह किया था। तभी से सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र और भगवान शिव की कृपा पाने के लिए और कुंवारी लड़कियां मनचाहे वर के लिए यह व्रत रखती हैं।

PunjabKesari

हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त

हरियाली तीज आरंभ- 10 अगस्त 2021, मंगलवार, शाम 06:03 मिनट से
हरियाली तीज समाप्त 11 अगस्त 2021, बुधवार, शाम 05:01 मिनट तक

उदय तिथि बुधवार यानि 11 अगस्त को है तो यह व्रत इस दिन ही रखा जाएगा।

पूजा का शुभ मुहूर्त
पहला बृह्म मुहूर्त सुबह 04:24 मिनट से 05:17 मिनट तक
दूसरा विजया मुहूर्त दोपहर 02:30 मिनट से 03:07 मिनट तक
इसके अलावा रवि योग सुबह 10:42 मिनट से शुरू होकर रात तक रहेगा।

PunjabKesari

हरियाली तीज की पूजा विधि

. यह व्रत खासतौर पर सुहागिनों द्वारा रखा जाता है।
. सुबह स्नान करके मायके से आए कपड़े पहनें।
 फिर घर के मेन गेट या दरवाजे पर तोरण लगाएं।
. पूजा स्थल को साफ करके मिट्टी में थोड़ा-सा गंगाजल मिलाकर भगवान शिव, गणपति बप्पा और माता पार्वती की मूर्ति बनाएं। आप बाजार से भी मूर्ति खरीद सकते हैं लेकिन उसपर गंगाजल छिड़कर शुद्ध जरूर कर लें।
. मूर्ति को चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर स्थापित करें।
. फिर शिव-पार्वती का स्मरण कर व्रत का संकल्प लें।
. पूजा में शिव जी को भांग, धतूरा, रोली, चावल, बेलपत्र, फूल आदि चढ़ाएं।
. मां पार्वती को चूड़ियां, मेंहदी, बिंदी, सिंदूर, चुनरी आदि श्रृगांर का सामान अर्पित करें।
. पार्वती और शिव चालीसा का पाठ करें।
. तीज की कथा व आरती करके पंचामृत का भोग लगाकर पति की लंबी आयु व खुशहाल दाम्पत्य जीवन की कामना करें।
. इस व्रत में पूरा दिन कुछ ना खाएं।

हरियाील तीज का महत्व

भारत में हरियाली तीज का त्योहार सुहागनों व कुंवारी कन्याओं द्वारा मनाया जाता है। इसे उत्तर भारत में खासतौर पर मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं शिव-पार्वती जी की पूजा व व्रत रखने के साथ 16 श्रृंगार करती है। इसके साथ ही झूला झूलती है। इस दिन सुहागिन महिलाएं मायके आने का रिवाज है। इसके साथ ही शुभ व्रत में महिलाओं द्वारा हरे रंग की चूड़ियां, कपड़े व मेंहदी लगाने का विशेष महत्व है।

PunjabKesari

हरियाली तीज पर हरे रंग का महत्व

इस दिन महिलाएं हरे रंग के कपड़े व सोलह श्रृंगार करती हैं क्योंकि इसी रंग का खास महत्व होता है। वैसे तो सावन में चारों तरफ हरियाली होती है लेकिन तीज के दिन एक अलग तरह की हरियाली दिखाई देती है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, हरा रंग खुशहाली का प्रतीक है और प्रकृति का भी रंग हरा है। इसे जीवन और खुशियों का रंग भी कहा जाता है। हरा रंग मन को शांति भी प्रदान करता है इसलिए महिलाएं हरी मेहंदी, चूड़ियां, हरी ड्रेस आदि इस दिन पहने तो शुभ माना जाता है।

PunjabKesari

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

neetu

Related News

static