पेट में गर्मी और जलन की ऐसे करें पहचान, इन आयुर्वेदिक तरीकों से पाएं ठंडक
punjabkesari.in Wednesday, Sep 08, 2021 - 09:59 AM (IST)
लोग अक्सर रात को हैवी फूड खाते हैं जो ठीक से पच नहीं पाता है। इसके कारण पेट में जरूरत से ज्यादा एसिड बढ़ने लगता है। ऐसे में सुबह होते ही पेट में गर्मी, जलन, गैस आदि की परेशानी होने लगती है। इसके अलावा पाचन तंत्र कमजोर होकर धीमी गति से काम करने लगता है। इससे बचने के लिए आप आयुर्वेद द्वारा बताएं कुछ उपाय अपना सकती है। चलिए आज इस आर्टिकल में हम आपको पेट में जलन व गर्मी होने के कारण, पहचान के तरीके व बचने के कुछ कारगर उपाय बताते हैं...
चलिए जानते हैं पेट में जलन व गर्मी होने के कारण...
. रोजाना अधिक मसालेदार चीजें खाना
. भारी मात्रा में नॉनवेज का सेवन करना
. अल्कोहल व धूम्रपान का अधिक सेवन
. छोटी सी समस्या होने पर भी पेन व अन्य दवाओं का अपनी मर्जी से सेवन करना
. लंबे समय तक भूखे रहना
. भोजन का समय तय न होना
. अधिक मात्रा चाय-कॉफी पीना
पेट में गर्मी होने की ऐसे करें पहचान
. सीने में बार-बार जलन होना
. सांस लेने में दिक्कत आना
. खट्टी डकार आने की शिकायत होना
. बैचेनी, घबराहट होना व उल्टी करने का मन होना
. पेट में दर्द, कब्ज, गैस व पेट फूलने की शिकायत होना
. सिर में अक्सर दर्द रहना
. गले में दर्द, जलन व खराश होना
चलिए अब हम आपको पेट की जलन व गर्मी को शांत करने के कुछ आयुर्वेदिक उपाय बताते हैं....
तुलसी के पत्ते
तुलसी पोषक तत्वों, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल व औषधीय गुणों से भरपूर होती है। इसके सेवन से पेट में पानी व तरल पदार्थ बढ़ने में मदद मिलती है। यह तेज मसाले व मिर्ची वाले खाने को पचाने में मदद करती है। ऐसे में पेट में अधिक एसिड बनने से बचाव रहता है। आयुर्वेद अनुसार, रोजाना भोजन के बाद 4-5 तुलसी के पत्ते खाने से एसिडिटी, पेट में जलन, अपच आदि समस्याओं से आराम मिलता है।
सौंफ
सौंफ की तासीर ठंडी होने से यह पेट को ठंडक पहुंचाने में मदद करती है। भोजन के बाद इसका सेवन करने से पेट की जलन, गैस, गर्मी आदि शांत होती है। साथ ही ठंडक का एहसास होता है। आयुर्वेद अनुसार एसिडिटी की समस्या होने पर सौंफ को पानी में उबालकर पीने से आराम मिलता है।
इलायची
सौंफ की तरह इलायची की तासीर भी ठंडी होती है। इसका सेवन करने से पेट की गर्मी, जलन, एसिडिटी दूर होने लगेंगी मदद मिलती है। इलायची खाने से पेट में अतिरिक्त एसिड बनने से बचाव रहता है।
पुदीना
आयुर्वेद अनुसार, पेट की गर्मी, जलन व अधिक एसिड को रोकने के लिए पुदीना फायदेमंद होता है। यह एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी व औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसके सेवन से पाचन तंत्र व इम्यूनिटी मजबूत होती हैं। ऐसे में पेट संबंधी समस्याओं से बचाव रहता है। आप इसके पत्तों का सेवन कर सकती हैं। इसके अलावा इसे पानी में उबालकर पीने से भी फायदा मिलता है।
आंवला
आंवला में विटामिन सी, फाइबर, आयरन, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल व औषधीय गुण होते हैं। इसका सेवन करने से पेट की गर्मी, जलन, एसिडिटी आदि समस्याएं दूर होने में मदद मिलती है। ऐसे में पेट स्वस्थ व ठंडा रहता है। आप इसे कच्चा, अचार, मुरब्बा आदि के रूप में खा सकती है।