हाथ-पैरों में दिखें ये लक्षण तो महिलाएं हो जाएं अलर्ट, शरीर का यह अंग हो जाता है खराब
punjabkesari.in Wednesday, Aug 13, 2025 - 01:00 PM (IST)

नारी डेस्क: आज के समय में किडनी की बीमारी तेजी से बढ़ रही है, खासकर महिलाओं में। किडनी हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करती है। यदि किडनी ठीक से काम न करे तो शरीर में कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि महिलाएं किडनी की समस्या के शुरुआती लक्षणों को पहचानें और समय पर इलाज कराएं।
महिलाओं में किडनी खराब होने के लक्षण
पैर और चेहरे में सूजन
किडनी खराब होने पर महिलाओं के पैरों, टखनों और चेहरे में सूजन आ सकती है। यह सूजन खासकर सुबह उठने के बाद ज्यादा दिखाई देती है। यह मूत्र में प्रोटीन की मौजूदगी का संकेत हो सकता है, जो किडनी की चोट का लक्षण होता है।
पेशाब में बदलाव
पेशाब के रंग, मात्रा और आदतों में बदलाव भी किडनी समस्या का संकेत हो सकता है। जैसे पेशाब में झाग आना या फोमीला होना, बार-बार पेशाब आना या बहुत कम पेशाब होना, साथ ही पेशाब में खून आना भी खतरे की घंटी है। इन बदलावों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
थकान और कमजोरी महसूस होना
किडनी की बीमारी के कारण शरीर में एनीमिया (खून की कमी) हो सकती है, जिससे थकान, कमजोरी और भूख कम लगने जैसी शिकायतें होने लगती हैं। यह लक्षण किडनी की खराबी के कारण शरीर में विषाक्त पदार्थों के बढ़ने से भी हो सकते हैं।
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) की समस्या
महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) बहुत आम होता है। इसके कारण पेशाब में जलन, दर्द और बार-बार पेशाब आने की समस्या होती है। अगर UTI बार-बार होता रहे, तो संक्रमण किडनी तक पहुंच सकता है और किडनी खराब हो सकती है।
किडनी खराब होने पर शुरुआती लक्षण मुश्किल से दिखते हैं
डॉक्टर नविनाथ एम के अनुसार, किडनी खराब होने के शुरुआती चरणों में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते या बहुत हल्के होते हैं, इसलिए इसे पहचानना मुश्किल होता है। यही वजह है कि नियमित ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट और डॉक्टर की सलाह बहुत जरूरी होती है। इससे किडनी की बीमारी को समय रहते पकड़ा जा सकता है और इलाज शुरू किया जा सकता है।
बचाव कैसे करें?
नियमित जांच: खासकर अगर आप किडनी रोग के खतरे में हैं, तो नियमित रूप से ब्लड और यूरिन टेस्ट कराएं।
हाइड्रेशन का ध्यान रखें: दिन भर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं ताकि किडनी सही तरीके से काम कर सके।
संतुलित आहार लें: ज्यादा नमक, तेल, तला-भुना खाना कम करें।
संक्रमण से बचाव: अगर पेशाब में जलन या बार-बार पेशाब आ रहा हो तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
डॉक्टर की सलाह लें: अगर कोई भी लक्षण महसूस हो, तो देरी न करें और तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।
किडनी की बीमारी शुरू में धीरे-धीरे बढ़ती है और इसके लक्षण पहचानना आसान नहीं होता। इसलिए खुद की और अपने परिवार की किडनी हेल्थ पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। अगर हाथ-पैरों में सूजन, पेशाब में बदलाव, बार-बार पेशाब आना या थकान जैसी कोई समस्या दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज से किडनी की गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है।