खतरे की घंटी है गाढ़ा खून, पतला करने के बेस्ट देसी नुस्खे
punjabkesari.in Saturday, Dec 07, 2024 - 07:14 PM (IST)
नारी डेस्कः आपने बहुत से लोगों के मुंह से कहते सुना होगा कि उनका खून गाढ़ा है। यह एक ऐसी समस्या है जो अपने साथ एक नहीं, कई हैल्थ प्रॉब्लम्स लेकर आती है। खून गाढ़ा होगा तो शरीर में सही तरीके से ब्लड सर्कुलेशन नहीं होगा। खून के थक्के बनने शुरू हो जाएंगे और थक्का बनने से स्ट्रोक की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। हार्ट अटैक (Heart Attack), ब्रेन क्लॉट (Brain Clotting) जैसी कई दिक्कतें हो सकती हैं इसलिए इस और ध्यान देना बहुत जरूरी है। सर्दियों में यह समस्या अधिक होती है। अपनी डाइट में कुछ बदलाव करके और डाक्टरी सलाह लेकर आप गाढ़े खून को पतला कर सकते हैं। चलिए इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी आपके साथ साझा करते हैं।
खून गाढ़ा क्यों होता है? | Khoon gadha kaise hota hai
बिगड़ा लाइफस्टाइल औऱ खान पान से जुड़ी गलत आदतें आपके खून को गाढ़ा कर सकती हैं जिन्हें हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है उनका खून गाढ़ा हो सकता है। जो लोग पानी व लिक्विड डाइट कम लेते हैं, जिसे डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) की समस्या हो।
डायबिटीज के मरीज का खून गाढ़ा हो सकता है।
धूम्रपान और एल्कोहल का अधिक सेवन करने से खून गाढ़ा हो सकता है।
जेनेटिक डिसऑर्डर्स (जैसे फैक्टर V लेडन म्यूटेशन)
मोटापा भी इसकी वजह है।
कुछ दवाइयों का साइड इफेक्ट
हार्मोनल असंतुलन होने पर खून गाढ़ा हो सकता है।
आपका खान-पान अनहैल्दी है।
फिजिकल एक्टिविटी ना के बराबर करने वाले
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खून गाढ़ा होने के कुछ लक्षण | khoon gadha Hone Ke Lakshan
खून गाढ़ा होने की कुछ सामान्य निशानियां और लक्षण हैं, जो यह संकेत देते हैं कि रक्त का प्रवाह ठीक से नहीं हो रहा है हालांकि ये लक्षण व्यक्ति के स्वास्थ्य, उम्र और गाढ़े खून की गंभीरता पर निर्भर करते हैं।
थकावट और कमजोरीः अगर लगातार थकान और कमजोरी महसूस हो रही है तो क्योंकि गाढ़ा खून कोशिकाओं तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाने में बाधा डालता है, जिससे लगातार थकान और कमजोरी महसूस होती है।
सुन्न होना या झुनझुनी महसूस होनाः हाथों, पैरों या अंगुलियों में सुन्नता या झुनझुनी महसूस होना इस बात का संकेत हो सकता है कि खून का प्रवाह ठीक से नहीं हो रहा।
सिरदर्द और चक्कर आनाः खून गाढ़ा होने से मस्तिष्क तक पर्याप्त ऑक्सीजन और रक्त नहीं पहुंचता, जिससे सिरदर्द और चक्कर आने की समस्या हो सकती है।
धुंधलापन या कम दिखनाः आंखों की रक्त वाहिकाओं में खून का संचार सही से ना होने पर धुंधलापन और बाधित या अचानक दृष्टि की समस्या हो सकती है।
सीने में दर्द या भारीपनः गाढ़े खून के कारण हृदय को रक्त पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे सीने में दर्द या भारीपन महसूस हो सकता है।
सांस लेने में कठिनाईः खून का थक्का बनने पर फेफड़ों तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचती, जिससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
त्वचा का लाल या नीला पड़नाः गाढ़ा खून त्वचा तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पाता, जिससे त्वचा का रंग लाल, नीला या फीका दिख सकता है।
पैरों में सूजन और दर्दः खासकर पैरों में, खून के प्रवाह में रुकावट के कारण सूजन, दर्द या भारीपन महसूस हो सकता है। यह डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) का संकेत हो सकता है।
तेज या अनियमित दिल की धड़कनः गाढ़े खून के कारण हृदय पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे दिल की धड़कन तेज या अनियमित हो सकती है।
बार-बार ब्लड क्लॉट्स बननाः शरीर के विभिन्न हिस्सों में बार-बार खून के थक्के बनना गाढ़े खून की प्रमुख निशानी है। यह काफी खतरनाक भी साबित हो सकती है।
हाथ-पैर ठंडे रहनाः गाढ़े खून के कारण अंगों तक रक्त और ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जिससे हाथ और पैर ठंडे महसूस हो सकते हैं। सर्दी में यह परेशानी अधिक हो सकती है।
पाचन खराबः पेट में भारीपन, अपच या पेट दर्द की समस्या भी गाढ़े खून से जुड़ी हो सकती हैं क्योंकि इससे पाचन तंत्र को पर्याप्त रक्त नहीं मिलता।
नोट: यदि आप इनमें से कोई भी लक्षण अनुभव कर रहे हैं, तो यह आवश्यक है कि आप डॉक्टर से संपर्क करें। खून गाढ़ा होने की समस्या गंभीर हो सकती है और इसे अनदेखा करना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। ब्लड टेस्ट और अन्य डायग्नोस्टिक टेस्ट से समस्या का सही कारण जाना जा सकता है।
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खून गाढ़ा होने पर क्या होगा? | Khoon Gadha hone par kya hota hai
गाढ़ा खून होने पर आपको कई तरह ही स्वास्थय संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। खून गाढ़ा होने का मतलब है कि खून सामान्य से अधिक गाढ़ा हो गया है, जिससे रक्त प्रवाह प्रभावित हो सकता है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसे मेडिकल भाषा में हाइपरकोएगुलेबिलिटी या ब्लड क्लॉटिंग डिसऑर्डर कहते हैं।
ब्लड क्लॉट्स (खून के थक्के बनना): खून का गाढ़ा होना रक्त वाहिकाओं में थक्के बनाने की संभावना बढ़ा देता है। ये थक्के डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT), फेफड़ों में थक्का (पल्मनरी एम्बोलिज्म), या स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं।
दिल का दौरा (हार्ट अटैक): खून गाढ़ा होने से हृदय की धमनियों में थक्का जमने का खतरा रहता है जो दिल का दौरा पड़ने का कारण बन सकता है।
स्ट्रोक: यदि थक्का दिमाग तक जाने वाली रक्त वाहिकाओं में फंस जाए तो यह स्ट्रोक का कारण बन सकता है, जिससे लकवा, बोलने में समस्या या मस्तिष्क क्षति हो सकती है। यह ब्रेन हेमरेज का कारण भी बन सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर: गाढ़ा खून शरीर के अंगों तक पहुंचने में अधिक बल लगाता है, जिससे ब्लड प्रैशर बढ़ सकता है और ब्लड प्रैशर का बहुत अधिक बढ़ जाना दिमाग की नसों को डैमेज कर सकता है।
ऑर्गन डैमेज: अगर खून का प्रवाह किसी अंग (जैसे कि किडनी, फेफड़े या लीवर) तक सही से नहीं पहुंचता तो उस अंग को नुकसान हो सकता है। समस्या बढ़ने पर वह अंग पूरी तरह डैमेज हो सकता है।
थकान और कमजोरी: गाढ़ा खून शरीर में थकान और कमजोरी देता है। शरीर की कोशिकाओं तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति कम हो जाती है, जिससे शरीर थका हुआ महसूस करता है और एनर्जी कम हो जाती है।
पैरों में सूजन और दर्द: जब खून गाढ़ा होता है तो पैरों में ब्लड सर्कुलेशन गड़बड़ा जाती है जिससेपैरों में सूजन, दर्द और लालिमा हो सकती है।
प्रेग्नेंसी से संबंधित समस्याएं: गाढ़ा खून गर्भवती महिलाओं में गर्भपात, प्रीक्लेम्पसिया (हाई ब्लड प्रैशर) या गर्भ में शिशु की विकास समस्याओं का कारण बन सकता है। शिशु की जान जोखिम में भी जा सकती है।
गाढ़े खून को पतला कैसे करें? Gada Khoon Patla kaise kare
शरीर में पानी की कमी से खून गाढ़ा होता है इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की आदत डालें।
डाइट में फाइबर युक्त फल- सब्जियां खाएं और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर आहार लें।ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
नियमित व्यायाम खून के प्रवाह को ठीक करता है। आधे घंटे की सैर और योगासन को अपनी रूटीन का हिस्सा बनाएं।
डॉक्टर की सलाह लेना भी बहुत जरूरी है। अगर आप खून गाढ़ा होने की समस्या महसूस करते हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलें और ब्लड टेस्ट कराएं। ब्लड थिनर मेडिसिन से खून पतला किया जाता है लेकिन डॉक्टर की सलाह से ही दवाइयां लें।
खून पतला करने के देसी नुस्खे | Khoon Patla Karne Ka Desi Nuskha
1. हल्दी का सेवन करें। हल्दी में करक्यूमिन नामक एक्टिव कम्पाउंड पाए जाते हैं, जो खून के संचार में मदद करते हैं। हल्दी वाला दूध पीएं। सब्जी के रूप में हल्दी का सेवन करें। कुछ खाद्य पदार्थ और मसाले, जैसे दालचीनी, लाल मिर्च, लहसुन, अदरक और अनानास खून गाढ़ा नहीं होने देते।
2. लहसुन और अदरक का सेवन करें। लहसुन में विटामिन 6 और विटामिन सी के साथ एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते हैं और अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो रक्त संचार को सुधारने में मदद करते हैं। लहसुन का आचार, सब्जी में लहसुन या खाली पेट शहद के साथ लहसुन खाएं। दूध में 1-2 कलियां लहसुन की उबाल कर पी सकते हैं। अदरक की चाय पीएं। या अदरक का इस्तेमाल सब्जी के रूप में करें।
3 .विटामिन ई और फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें। रोज ग्रीन टी पीएं। इससे शरीर में ब्लड फ़्लो में सुधार आता है। विटामिन सी से भरपूर खट्टे फल खाएं। रोज़ाना संतरा, कीवी, अनार, अंगूर, और नींबू जैसे खट्टे फल खाएं। बेरीज, आंवला, अखरोट, अंगूर इत्यादि का सेवन कर सकते हैं। अपने आहार में हरी सब्जियों को शामिल कर सकते हैं।
कौन सी सब्जियां आपके खून को पतला करती हैं?
केल और पालक जैसी हरी पत्तेदार सब्ज़ियों में विटामिन K की मात्रा अधिक होती है, साथ ही ब्रसेल्स स्प्राउट्स और ब्रोकोली में भी। मछली, मांस और अंडे विटामिन K के पशु स्रोत हैं। इनका सेवन करें।
क्या अनार का रस खून पतला करता है?
फलों मे अनार भी खून पतला करता है क्योंकि अनार में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स खून को पतला करने का काम करते हैं। अनार के बीज थक्के बनने और प्लेटलेट्स को चिपकने से रोकते हैं।
खून पतला करने के लिए बेस्ट चीज हैं आंवला और अखरोट
आंवला - आंवला में ऐंटी-ऑक्सीडेंट और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो आपके ब्लड को गाढ़ा होने से बचाते हैं। आप इसका सेवन जूस या चटनी के रूप में कर सकते हैं। इसके अलावा अखरोट में विटामिन ई और ओमेगा-3 फैटी एसिड प्रचूर मात्रा में पाया जाता है जो आपके ब्लड को पतला करने में सहायक होता है।
क्या दालचीनी खून को पतला करती है?
दालचीनी दालचीनी में खून को पतला करने वाला एजेंट कॉमारिन (coumarin) होता है इसलिए डाइट में आप दालचीनी की चाय या पानी शामिल कर सकते हैं।