इस साल करवा चौथ पर बन रहे हैं ये शुभ संयोग, पूरे विधि के साथ करें व्रत

punjabkesari.in Wednesday, Oct 12, 2022 - 10:50 AM (IST)

महिलाओं का सबसे पसंदीदा त्योहार करवाचौथ कल सारे भारत में मनाया जाएगा। सुहागिन महिलाओं के लिए यह त्योहार बहुत ही खास माना जाता है। सुखी दांपत्य जीवन में यह व्रत बहुत ही मान्यता रखता है।  कुंवारी लड़कियां मनचाहा वर पाने के लिए करवाचौथ का व्रत रखती हैं। खासकर सुहागिन स्त्रियां पूरी श्रद्धा और  भक्ति भाव के साथ करवाचौथ का व्रत रखकर अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। इस साल करवाचौथ पर बहुत ही खास संयोग बनने वाला है। तो चलिए आपको बताते हैं कि इस बार करवाचौथ पर कौन सा संयोग बनने जा रहा है...

बन रहा है यह शुभ संयोग 

करवाचौथ इस बार 13 अक्टूबर की शाम 6:41 मिनट पर कृतिका नक्षत्र में रहने वाला है। इस मुहूर्त के बाद रोहिणी नक्षत्र शुरु होगा। करवाचौथ वाले दिन चंद्र देव अपनी उच्च राशि वृष में संचार करेंगे। साथ ही दोपहर में 1:55 तक सिद्ध योग की स्थिति बनी रहेगी। ग्रहों का यह योग सुहागिन स्त्रियों के लिए बहुत ही खास होगा और व्रत रखने वाले सुहागिन स्त्रियों के लिए यह व्रत बहुत ही अच्छा रहेगा। 

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करवाचौथ पर ब्रह्म मुहूर्त

करवाचौथ पर ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:54 पर शुरु होकर 05:43 तक रहेगा। वहीं अगर बात अभिजीत मुहूर्त की करें तो दोपहर 12:01 मिनट से लेकर 12:48 तक रहेगा। अमृत काल शाम 4:08 से लेकर 5:50 तक रहेगा। वहीं 13 अक्टूबर को 05:54 से लेकर 07:09 मिनट तक करवाचौथ का मुहूर्त पूजा के लिए शुभ माना जा रहा है। इसके बाद चंद्रोदय के साथ अपना उपवास तोड़ेंगी। करवाचौथ व्रत का समय सुबह 06:32 से लेकर 08:48 तक रहेगा। 

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इस विधि से करें पूजा की विधि 

करवाचौथ पर आप सूर्योदय से पहले ही उठकर स्नान कर लें। इसके बाद अपनी सास के द्वारा दिया गया भोजन ग्रहण करें। इसके बाद सारा दिन निर्जला व्रत का संकल्प करके व्रत रखें। व्रत को सूर्य अस्त के बाद चंद्रमा देखकर ही खोलें और इस दौरान पानी का सेवन बिल्कुल भी न करें। शाम के समय एक मिट्टी की वेदी पर देवताओं की स्थापना करें और इसमें 10-13 करवे(यानि की करवाचौथ के बने हुए खास मिट्टी के कलश) रख लें। चंद्रमा निकलने से लगभग एक घंटा पहले आप पूजा की जानी चाहिए। अच्छा हो कि परिवार की सभी महिलाएं एक साथ मिलकर ही पूजा करें। पूजा के दौरान करवा चौथ की कथा सुनें या सुनाएं। चन्द्रमा के दर्शन छलनी के साथ ही करें। चंद्रमा के दर्शन के बाद बहु अपनी सास को थाली में सजाकर मिष्ठान, फल, मेवे रुपये आदि चीजें देकर उनसे आशीर्वाद ले। 

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palak

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