करवा चौथ 2024: व्रत के दौरान करें ये 5 बातें, वरना पछताएंगी!

punjabkesari.in Sunday, Oct 20, 2024 - 09:51 AM (IST)

नारी डेस्क: करवा चौथ का व्रत इस वर्ष रविवार, 20 अक्टूबर, 2024 को मनाया जा रहा है। यह व्रत खासतौर पर सुहागिन महिलाओं के लिए होता है, जिसमें वे अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत करती हैं। इस दिन व्रती महिलाओं को कुछ विशेष गलतियों से बचना चाहिए, क्योंकि भूलवश की गई गलतियों से व्रत का फल कम हो सकता है। यदि गलती हो जाए, तो कुछ उपायों से व्रत को पुनः जारी रखा जा सकता है। आइए जानते हैं उन गलतियों और उपायों के बारे में।

भूलकर से भी न करें ये 5 गलतियां

चांद दिखने से पहले व्रत न खोलें

कई महिलाएं चांद निकलने की जल्दबाजी में व्रत खोल देती हैं। ध्यान रखें कि व्रत केवल चांद दिखने के बाद ही खोला जाए। यदि जल्दी किया गया तो इसका असर व्रत के फल पर पड़ता है। इससे आपके व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता। चांद के दर्शन से पहले जल ग्रहण करना या अन्न लेना व्रत की शुद्धता को प्रभावित कर सकता है। इसीलिए, धैर्य रखें और चांद के उगने का इंतज़ार करें। जब चांद पूर्ण रूप से दिखे, तब ही व्रत खोलें और अपने पति के लिए प्रार्थना करें।

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दिन में अन्न-जल ग्रहण न करें

सूर्योदय से लेकर शाम को चांद की पूजा तक, यदि किसी प्रकार का अन्न-जल ग्रहण किया जाए तो व्रत खंडित हो जाता है। इससे व्रती को मानसिक और आध्यात्मिक नुकसान हो सकता है। व्रत के दौरान अन्न-जल ग्रहण न करने से आपकी संकल्प शक्ति मजबूत होती है और आप अपनी भक्ति में और भी गहराई पाते हैं। यह ध्यान रखना जरूरी है कि व्रत के समय में संयम और अनुशासन बनाए रखें। अगर किसी कारणवश भूख या प्यास महसूस हो, तो आप मन को भक्ति में लगाकर या पूजा की विधियों में शामिल होकर अपने मनोबल को बनाए रख सकते हैं। इस प्रकार, अन्न-जल से परहेज करना आपके व्रत की पवित्रता को और बढ़ाता है।

दिन में सोना न

व्रत के दौरान सोने से भी व्रत टूट जाता है। इसीलिए, व्रत कथा सुनें, मंत्रों का जाप करें और भक्ति गीत सुनें ताकि नींद न आए। ध्यान और साधना में मन लगाना इस दिन महत्वपूर्ण है। जब आप सोते हैं, तो व्रत का उद्देश्य और संकल्प कमजोर पड़ सकते हैं। इसलिए, अपनी ऊर्जा को सकारात्मक गतिविधियों में लगाएं, जैसे पूजा और मंत्रों का जाप करना। इससे आपका मन भी सक्रिय रहेगा और आप अपने व्रत के प्रति समर्पित रहेंगे। इसके अलावा, कुछ साधारण योग आसनों या प्राणायाम का अभ्यास करना भी फायदेमंद हो सकता है, जिससे मानसिक स्पष्टता बनी रहे। इस प्रकार, सजग रहकर आप अपने व्रत को पूरी श्रद्धा और निष्ठा से निभा सकते हैं।

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गलत दिशा में पूजा न करें

करवा चौथ की पूजा करते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। गलत दिशा में पूजा करने से व्रत का फल कम हो सकता है। इससे आपके मन में भी अशांति आ सकती है। सही दिशा में बैठकर पूजा करने से आपको मानसिक शांति मिलती है और आपकी भक्ति में भी बढ़ोतरी होती है। यह माना जाता है कि पूर्व दिशा में पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे आपके संकल्प को बल मिलता है। इसलिए, पूजा स्थल को सही दिशा में व्यवस्थित करें और ध्यान लगाकर अपनी आराधना करें।

16 श्रृंगार का ध्यान रखें 

व्रत के दिन सुहागिन महिलाओं को 16 श्रृंगार कर ही पूजा करनी चाहिए। काले या धूसर रंग के वस्त्र पहनने से बचना चाहिए। इसके साथ ही, पूजा के समय अपने मन में सकारात्मक विचार रखना भी आवश्यक है। 16 श्रृंगार करने से न केवल आपकी सुगंध बढ़ती है, बल्कि यह आपके पति के प्रति आपके प्रेम और समर्पण को भी दर्शाता है। इस दिन सजने-संवरने से आत्मविश्वास बढ़ता है और आपकी ऊर्जा भी सकारात्मक रहती है। इस दिन के लिए हल्के और शुभ रंगों का चुनाव करें, जैसे लाल, गुलाबी या सुनहरा, जो आपके व्रत की पवित्रता को और बढ़ाते हैं। इस प्रकार, सजावट के साथ-साथ मानसिक शांति भी बनाए रखें।

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करवा चौथ व्रत खंडित होने पर करें ये उपाय

यदि व्रत के दौरान कोई गलती हो जाए, तो व्रत को पुनः जारी रखने के लिए ये उपाय करें:

1. चांद निकलने से पहले यदि गलती से व्रत खंडित हो जाए, तो तुरंत स्नान करें। इसके बाद साफ कपड़े पहनकर शिव-पार्वती, भगवान गणेश और करवा माता की पूजा करें और अपनी भूल के लिए क्षमा मांगें। यह आपको मानसिक शांति प्रदान करेगा।

2.  शाम को चांद उदय होने पर सबसे पहले चांद को शहद मिश्रित जल से अर्घ्य देकर अपनी भूल के लिए क्षमा मांगें। इसके बाद रुद्राक्ष की माला से शिव मंत्र और चंद्र मंत्र का जाप करें। इस प्रक्रिया से आपके व्रत की शक्ति में वृद्धि होगी।

3.  व्रत खंडित होने से किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव से बचने के लिए 16 श्रृंगार का सामान दान करें। दान करने से आपकी साधना और भक्ति में और भी गहराई आएगी। इसे आप किसी गरीब या जरूरतमंद महिला को दे सकती हैं।

4. व्रत खंडित होने पर ध्यान करें और अपनी मनोकामनाओं के लिए प्रार्थना करें। इससे आप मानसिक रूप से सशक्त महसूस करेंगी।

5.  इस दिन अपने परिवार के सदस्यों के साथ सामंजस्यपूर्ण व्यवहार रखें। आपसी प्रेम और सहयोग से व्रत का फल और भी बढ़ जाता है।

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करवा चौथ का व्रत न केवल पति की लंबी उम्र के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह परिवार में सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की भी कामना करता है। इसलिए, व्रत के दौरान इन बातों का विशेष ध्यान रखें और सभी धार्मिक विधियों का पालन करें। इस दिन की तैयारियों में अपना पूरा मन लगाएं और सकारात्मकता के साथ इस पवित्र व्रत का पालन करें।


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Content Editor

Priya Yadav

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