कमजोर नसों में जान फूंक देता है इस मसाले का पानी, ये लोग ज़रूर करें डाइट में शामिल
punjabkesari.in Saturday, Sep 06, 2025 - 04:40 PM (IST)

नारी डेस्क : आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लोग अक्सर थकान, कमजोरी और सुन्नपन जैसी समस्याओं का सामना करते हैं। इन सबके पीछे एक बड़ा कारण है – नसों की कमजोरी। नसें शरीर के हर अंग तक संदेश पहुंचाने का काम करती हैं, लेकिन जब इनमें कमजोरी आ जाती है, तो शरीर की कार्यक्षमता भी प्रभावित होती है। आयुर्वेद में चक्रफूल को एक औषधीय मसाले के रूप में जाना जाता है, जो कमजोर नसों में नई जान फूंक सकता है। आइए, जानते हैं इसके फायदे और इस्तेमाल का तरीका।
कमजोर नसों की वजह क्या होती है?
नसों की कमजोरी कोई अचानक होने वाली समस्या नहीं होती। इसके पीछे कई कारण होते हैं, जैसे शरीर में विटामिन D और B12 की कमी, जो तंत्रिका तंत्र को कमजोर बना देती है। खराब ब्लड सर्कुलेशन, जिससे नसों को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिल पाता। समय तक तनाव या शारीरिक थकावट, जिससे नसें थक जाती हैं। शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी, खासकर आयरन, मैग्नीशियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड की। इन वजहों से नसें सुस्त, कमजोर और प्रतिक्रियाशील हो जाती हैं, जिससे हाथ-पैर सुन्न होना, झनझनाहट और दर्द जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
चक्रफूल क्या है और यह कैसे मदद करता है?
चक्रफूल (Star Anise) एक खास किस्म का मसाला है जो तारों की तरह दिखता है। इसका उपयोग भारतीय रसोई में स्वाद बढ़ाने के लिए तो होता ही है, लेकिन साथ ही ये औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है।
नर्व सिस्टम पर इसका असर इस प्रकार है
यह ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है, जिससे नसों तक पोषण और ऑक्सीजन अच्छे से पहुंचता है। चक्रफूल में मौजूद प्राकृतिक तत्व नसों की ताकत और लचीलापन बढ़ाते हैं। यह नसों को रिलैक्स करता है और मानसिक थकान को भी कम करता है। यह तंत्रिका तंत्र की प्रतिक्रियाशीलता (reactivity) को सुधारता है, जिससे शरीर के मूवमेंट तेज और बेहतर होते हैं।
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चक्रफूल का पानी पीने के फायदे
चक्रफूल को पानी में उबालकर पीने से इसके औषधीय तत्व सीधे शरीर में पहुंचते हैं और नसों पर असर करते हैं। इसके नियमित सेवन से मिलते हैं ये फायदे
नसों की कमजोरी दूर होती है और वे अधिक सक्रिय हो जाती हैं। शरीर की रक्त नलिकाओं में ब्लड फ्लो बेहतर होता है। में झनझनाहट, सुन्नपन या ऐंठन जैसी समस्याएं धीरे-धीरे कम होती हैं। शरीर में ऊर्जा और स्फूर्ति महसूस होती है।
चक्रफूल का पानी कैसे बनाएं?
यह पानी बनाना बहुत आसान है और किसी भी समय तैयार किया जा सकता है। 1 से 2 चक्रफूल को हल्का कूट लें। इसे एक कप पानी में डालें और 5-7 मिनट तक उबालें। उबालने के बाद पानी को छान लें। स्वाद बढ़ाने और औषधीय गुणों को बढ़ाने के लिए इसमें 1 चम्मच शहद मिला लें।
पानी पीने का सही समय और तरीका
यह पानी रात को सोने से पहले पिया जा सकता है। इससे नींद अच्छी आती है और नसें रिलैक्स होती हैं।इसे सुबह खाली पेट भी पिया जा सकता है, ताकि पूरे दिन नसें सक्रिय और मजबूत बनी रहें। आप दोनों में से कोई भी समय चुन सकते हैं, लेकिन नियमित सेवन करना जरूरी है।
चक्रफूल का तेल – मालिश के लिए असरदार उपाय
अगर आपको नसों में ऐंठन, झनझनाहट या रात को बेचैनी रहती है, तो चक्रफूल का तेल भी बहुत लाभकारी हो सकता है।
कैसे बनाएं चक्रफूल का तेल
एक कप नारियल या सरसों के तेल में 2–3 चक्रफूल डालें। इसे हल्की आंच पर 5–10 मिनट तक गर्म करें। फिर ठंडा होने पर तेल को छान लें और किसी बोतल में भरकर रख लें।
कैसे करें इस्तेमाल: रात को सोने से पहले इस तेल से पैरों, कमर या उन हिस्सों की मालिश करें, जहां झनझनाहट या दर्द महसूस होता है। यह नसों को शांत करता है, ब्लड फ्लो को सुधारता है और गहरी नींद में मदद करता है।
यह उपाय सामान्य जानकारी और आयुर्वेदिक दृष्टिकोण पर आधारित है। यदि आपकी नसों की समस्या गंभीर है या पहले से कोई दवा ले रहे हैं, तो डॉक्टर या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।
नसों की कमजोरी को नजरअंदाज करना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। दवा के साथ-साथ आयुर्वेदिक उपायों को भी अपनाया जा सकता है। चक्रफूल का पानी और तेल, दोनों ही शरीर की नसों को ताकत देने और उन्हें सक्रिय रखने में मदद कर सकते हैं।
थोड़ा सा बदलाव, नियमितता और सही जानकारी — यही है बेहतर सेहत का मूलमंत्र।