शिव भक्त अभी से कर लें महाशिवरात्रि की तैयारी, इस दिन है शिव पूजा का सबसे बड़ा पर्व
punjabkesari.in Monday, Feb 03, 2025 - 05:37 PM (IST)
नारी डेस्क: शिव भक्तों के लिए फरवरी का महीना काफी अहम होता है, क्योंकि इसी महीने महाशिवरात्रि का पावन त्यौहार जो मनाया जाता है। यह भगवान शिव की उपासना का सबसे बड़ा पर्व है। यह फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। आइए जानते हैं कि इस साल महाशिवरात्रि कब मनाई जाएगी और भगवान शिव की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।
महा शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। भक्त इस दिन व्रत रखकर शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं, जिससे उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस बार यह पावन तिथि 26 फरवरी 2025 को पड़ रही है। माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 8 मिनट पर होगा। पंचांग के अनुसार, चतुर्दशी तिथि का समापन 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर होगा।
हर माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली मासिक त्रयोदशी-चतुरर्दशी तिथि भगवान शिव को प्रिय है इसे ही मासिक शिवरात्रि कहते है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था, इसलिए यह दिन शिव-पार्वती विवाह उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव ने संसार की रक्षा के लिए तांडव नृत्य किया था।
इस दिन भगवान शिव की पूजा चार प्रहरों में होती है। रात्रि जागरण का विशेष महत्व होता है। इस बार महाशिवरात्रि निशिता काल पूजा समय- 27 फरवरी को मध्यरात्रि 12 बजकर 27 मिनट से रात 1 बजकर 16 मिनट तक है। रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - 06:43 पीएम से 09:47 पीएम तक है। रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - 09:47 पीएम से 12:51 एएम (27 फरवरी 2025) तक है। रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - 12:51 एएम से 03:55 एएम (27 फरवरी 2025) तक है। रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - 03:55 एएम से 06:59 एएम (27 फरवरी 2025) तक है। शिवरात्रि पारण समय- 27 फरवरी को सुबह 6 बजकर 59 मिनट से सुबह 8 बजकर 54 मिनट तक है। महा शिवरात्रि भगवान शिव की कृपा पाने का सबसे शुभ अवसर होता है। इस दिन व्रत, पूजन और रात्रि जागरण करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। शिवजी की कृपा से जीवन में शांति, शक्ति और मोक्ष की प्राप्ति संभव होती है।
नोट : ये जानकारियां धार्मिक आस्था और मान्यताओं पर आधारित हैं।