कम उम्र में क्यों शुरू हो जाता है जोड़ दर्द, एक्सपर्ट से जानिए आयुर्वेदिक इलाज

punjabkesari.in Friday, Feb 26, 2021 - 10:17 AM (IST)

उम्र के साथ जोड़ों में दर्द होना स्वाभाविक है लेकिन यह समस्या अब कम उम्र में ही होने लगी है हालांकि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले इस समस्या की ज्यादा शिकार हैं। उम्र के साथ ऐसी समस्याएं होना एक आम समस्या माना जाता है लेकिन कम उम्र में ही इस समस्या के बढ़ने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं जैसे मोटापा, बर्साइटिस, कैलिशयम-विटामिन डी की कमी, जिम में ज्यादा वर्कआउट करने, शरीर में किसी तरह की इंफैक्शन होना, कार्टिलेज ब्रेक होना व यूरिक एसिड का स्तर बढ़ना आदि।

सबसे पहले क्या करना जरूरी?

. आयुर्वेदिक डॉक्टर व न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या कालरा के अनुसार, सबसे पहले ब्लड टेस्ट करवाना जरूरी है, ताकि व्यक्ति के शरीर में ईएसआर (ESR) और सीआरपी (CRP) और सीबीसी (CBC) लेवल का पता लगाया जा सके। ईएसआर टेस्ट में लाल रक्त कोशिकाओं की जांच होती हैं जिससे किसी हिस्से में सूजन व संक्रमण का पता लगाया जाता है।

. सीआरपी यानी सी रिएक्टिव प्रोटीन (C-reactive protein) से भी शरीर में सूजन व इंफेक्शन का पता चलता है। अगर शरीर में किसी प्रकार की सूजन हो गई है, तो खून में सीआरपी का स्तर बढ़ जाता है जबकि सीबीसी यह निर्धारित करता है कि आपके रक्त कोशिकाओं की गिनती में कोई वृद्धि या कमी तो नहीं हुई है।

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सही कारण का पता चलने पर ही सही इलाज संंभव होता है।

जोड़ दर्द का आयुर्वेदिक इलाज?

सर्दियो में तापमान काफी गिर जाता है जिसके चलते जोड़ों का दर्द इस मौसम में ज्यादा पीड़ा देता है। अगर दर्द असहनीय हो तो चिकित्सक का परामर्श जरूर लें लेकिन अगर दर्द सहन करने योग्य है तो आप आयुर्वेदिक उपाय फॉलो कर सकते हैं।

1. नमक और रेत को एक साथ कढ़ाई में गर्म करें और फिर इसे किसी जुराब में भर कर या किसी अन्य कपड़े में भरकर पौटली बना लें फिर उससे दर्द वाले हिस्से की सिंकाई करें। नमक व रेत का मिश्रण सारी दर्द खींच लेता है।

2. पंचकर्म क्रिया में जानु बस्ति पद्धति भी उपयोगी मानी जाती हैं जिसमें उड़द की दाल को पीसकर आटा गूंथा जाता है। फिर उस आटे की रिंग बनाकर प्रभावित हिस्से में गोल-गोल दीवार बनाकर चिपकाया जाता हैं और आयुर्वेदिक व मेडिकेटिड तेल को गर्म करके उसमें भरा जाता है जब तक वह ठंडा ना हो या 20 से 45 मिनट तक ऐसे ही रखा जाता है। इससे दर्द से काफी आराम मिलता है।

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डाइट में क्या खाना जरूरी?

अगर आप नॉन वेजिटेरियन हैं तो फैटी फिश का सेवन जरूर करें क्योंकि उसमें ओमेगा-3 भरपूर होता है। शाकाहारी महिलाएं ओमेगा-3 एसिड के लिए सूखे मेवों का सेवन जरूर करें। आप परामर्श से ओमेगा-3 सप्लीमेंट्स का सेवन भी कर सकती हैं। इसके अलावा आपकी डाइट में हल्दी, लहसुन, अश्वगंधा जरूर शामिल हो। कैस्टर ऑयल का सेवन भी आपके जोड़ों के लिए अच्छा है।

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कुछ और जरूरी बातें

कम उम्र में आ रही इन दिक्कतों के लिए बिगड़ा लाइफस्टाइल भी एक बड़ा कारण है। इसलिए लाइफस्टाइल को हैल्दी रखें। एक्सरसाइज करें और पौष्टिक आहार खाएं। फिजिकल एक्टिविटी की ओर ध्यान दें ताकि मोटापे पर कंट्रोल रहे। घुटने दर्द की एक बड़ी वजह मोटापा भी है क्योंकि इससे घुटनों पर दबाव बढ़ता है। 

1. कैल्शियम व विटामिन डी के चलते भी जोड़ दर्द होते हैं। डाइट में कैल्शियम भरपूर आहार शामिल करें। विटामिन डी के लिए सुबह 10 से 20 मिनट धूप जरूर सेंके।

2. खान-पान में जंक व प्रोसेस्ड फूड ना खाएं। ज्यादा ऑयली व मसालेदार भोजन खाने से भी परहेज करें। विटामिन ई के लिए डाइट में बादाम, एवोकाडो, अंडा, जैतून तेल, कीवी, अखरोट, ब्रोकली, शिमला मिर्च, सूरजमुखी के बीच, पालक आदि लें। विटामिन ई आपकी स्किन और बालों के लिए भी बहुत जरूरी है।

3. योग व मेडिटेशन को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। 30 मिनट की सैर को लाइफस्टाइल का हिस्सा बना लें।

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Content Writer

Vandana

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