''देश पहले बाक़ी सब बाद में''…जोधपुर में Blackout, ना बैंड-ना बाजा जोड़े ने बिल्कुल सादगी में की शादी
punjabkesari.in Friday, May 09, 2025 - 11:29 AM (IST)

नारी डेस्क: भारत के विभिन्न हिस्सों में 7 मई को ब्लैकआउट की प्रैक्टिस की गई। यह प्रैक्टिस युद्ध के दौरान होने वाली आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए की गई थी। इस दौरान कुछ समय के लिए शहरों और गांवों में सभी लाइट्स बंद कर दी गईं। यह अभ्यास एक तरह से यह सुनिश्चित करने के लिए था कि लोग युद्ध जैसी परिस्थितियों में तैयार रहें।
जोधपुर में ब्लैकआउट की घटना
इस ब्लैकआउट की प्रैक्टिस जोधपुर शहर में भी की गई। जोधपुर के विभिन्न इलाकों में पंद्रह मिनट के लिए लाइट्स बंद कर दी गईं। इस दौरान, शहर के लोग और दुकानदार अपनी-अपनी लाइट्स बंद करने के साथ-साथ सड़क पर चलने वाली गाड़ियों के इंजन भी बंद कर दिए। यह पूरी तरह से एक अभ्यास था, ताकि लोग आपातकालीन परिस्थितियों में बिना घबराए ऐसी स्थितियों से निपट सकें।
शादी समारोह में अचानक अंधेरा
ब्लैकआउट के दौरान जोधपुर में एक शादी समारोह भी हो रहा था। अचानक सायरन की आवाज सुनाई दी और दूल्हे ने तुरंत अपने घर के सभी लाइट्स बंद करवा दिए। शादी के सभी कार्यक्रम रोक दिए गए और लोग पूरी तरह से अंधेरे में आ गए। यह स्थिति कुछ समय के लिए थी, और दूल्हे ने ब्लैकआउट के बाद शेष रिवाजों को फिर से शुरू किया।
देश सर्वोपरि
— WASIM R KHAN (@wasimkhan0730) May 9, 2025
भारतीय जोड़े ने सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए अंधेरे में शादी की! pic.twitter.com/mh4kCWSiP9
दूल्हे की जिम्मेदारी और मेहमानों की सराहना
सायरन की आवाज सुनते ही दूल्हे ने शादी के कार्यक्रम को कुछ समय के लिए रोकने का निर्णय लिया। उन्होंने जिम्मेदार नागरिक होने का फर्ज निभाते हुए सभी लाइट्स बंद करवा दीं। शादी के मेहमानों ने इस कदम की बहुत सराहना की। उन्होंने दूल्हे को एक समझदार और देशभक्त नागरिक माना, जिन्होंने आपातकालीन स्थिति की गंभीरता को समझते हुए ऐसा कदम उठाया।
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ब्लैकआउट की महत्ता और उद्देश्य
ब्लैकआउट का मुख्य उद्देश्य युद्ध के दौरान होने वाली आपातकालीन स्थितियों की प्रैक्टिस करना था। युद्ध के दौरान अंधेरे का उपयोग इस तरीके से किया जाता है कि आसमान से हमला करने वाले विमान नीचे से घरों को नहीं देख पाते और हमला नहीं करते। यह ब्लैकआउट भारतीय सेना के लिए एक महत्वपूर्ण अभ्यास था, जो संभावित हमलों से बचने के लिए आवश्यक होता है।
भारत-पाकिस्तान के बढ़ते तनाव के बीच तैयारी
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए यह ब्लैकआउट प्रैक्टिस की गई थी। इस प्रकार के अभ्यास से नागरिकों को युद्ध जैसी परिस्थितियों में कैसे प्रतिक्रिया करनी चाहिए, इसका प्रशिक्षण दिया जाता है। ब्लैकआउट का उद्देश्य सिर्फ तैयारी नहीं था, बल्कि लोगों को मानसिक रूप से तैयार करना भी था, ताकि वह किसी भी आपातकालीन स्थिति का सामना कर सकें।
7 मई को हुआ यह ब्लैकआउट सिर्फ एक अभ्यास था जो नागरिकों को युद्ध जैसे आपातकालीन हालात में निपटने के लिए तैयार करता है। जोधपुर में यह ब्लैकआउट न केवल शहर के नागरिकों के लिए एक अभ्यास था बल्कि शादी समारोह में भी इस प्रक्रिया को सही तरीके से अपनाया गया। दूल्हे और अन्य मेहमानों ने यह समझा कि ऐसे समय में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सबकी जिम्मेदारी है और यह सब की सुरक्षा के लिए जरूरी है।