जानिए ''जया एकादशी'' का शुभ मुहूर्त व पूजा विधि
punjabkesari.in Monday, Feb 22, 2021 - 11:00 AM (IST)
हिंदू धर्म में एकादशी का खास महत्व होता है। पूरे साल में कुल 24 और 1 महीने में 2 एकादशी की तिथियां आती है। इन दिनों पर भगवान श्रीहरि की सच्चे मन से पूजा करने व व्रत रखना शुभ माना जाता है। माघ मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को 'जया एकादशी' कहा जाता है। इस साल यह तिथि 23 फरवरी 2021 दिन मंगलवार को आएगी। कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखकर श्रीहरि की विधि-विधान से पूजा करने से शुभफल की प्राप्ति होती है। जीवन के सभी परेशानियां, कष्ट दूर होकर खुशहाली व शांति का आगमन होता है। साथ ही भगवान का नाम जपने से भूत, प्रेत आदि के डर से मुक्ति मिलती है। तो चलिए आज हम आपको जया एकादशी का महत्व, शुभ मुहुर्त व पूजा की विधि बताते हैं...
जया एकादशी का महत्त्व-
मान्यता है कि जया एकादशी का व्रत रखने से शुभफल की प्राप्ति होती है। इससे जीवन में किए पापों से मुक्ति मिलने के साथ घर में सुख, समृद्धि व खुशहाली का आगमन होता है। माना जाता है कि इससे व्यक्ति के दोष दूर होकर परिवार में सुख व शांति का वास होता है।
जया एकादशी का शुभ मुहूर्त-
एकादशी व्रत तिथि आरंभ- 22 फरवरी 2021, दिन सोमवार को शाम 05:16 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त- 23 फरवरी 2021, दिन मंगलवार शाम 06:05 मिनट तक।
जया एकादशी पारणा का शुभ मुहूर्त- 24 फरवरी 2021, दिन बुधवार प्रातः 06:51 मिनट से प्रातः 09 बजकर 09 मिनट तक
पारणा की समय सीमा- 2 घंटे 17 मिनट तक रहेगी।
पूजा की विधि-
1. सुबह जल्दी उठकर नहाकर विष्णु भगवान की पूजा करें।
2. अगर आप व्रत रख रहे हैं तो संकल्प करके चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर विष्णु जी की मूर्ति या तस्वीर रखें।
3. श्रीहरि को रोली व हल्दी से टीका लगाकर फूल व अगरबत्ती चढ़ाएं।
4. प्रसाद में तुलसी तल, नारियल, फल, मिठाई का भोग लगाकर विष्णु सहस्रनाम का पाठ व मंत्रों का जाप करके आरती करें।
5. व्रत दौरान खासतौर पर किसी से लड़ाई-झगड़ा ना करें।
6. पूरा दिन फलों का सेवन करें।
7. चाहे तो एक समय में खाना खाएं। मगर नमक खाने से बचें। आप चाहे सेंधा नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
8. अगर आप व्रत नहीं रख रहे हैं तो भी इस दिन चावल खाने से बचें।
9. पूरा दिन व्रत करके अगले दिन यानि द्वादशी पर पूजा करने के बाद उपवास का पारण करें। साथ ही खाना खाएं।
मान्यता है कि जया एकादशी का व्रत रखने या पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलने के साथ जीवन में खुशियों का आगमन होता है।