दो खास लोगों के साथ तिरुपति बालाजी के दर्शन करने पहुंची जान्हवी, यहां पूरी होती है भक्तों की मुराद
punjabkesari.in Tuesday, Apr 04, 2023 - 03:26 PM (IST)
बॉलीवुड एक्ट्रेस जान्हवी कपूर इन दिनों अपनी धार्मिक यात्रा को लेकर छाई हुई है। हाल ही में भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन करने तिरुपति बालाजी मंदिर पहुंचीं। इस दाैरान एक्ट्रेस भक्ति के रंग में डूबी नजर आ रही है। साथ में उनकी बहन खुशी कपूर और रूमर्ड बॉयफ्रेंड शिखर पहाड़िया भी जर आ रहे हैं। ऐसे में उनकी यह यात्रा कुछ ज्यादा ही सुर्खियां बटोर रही है।
#WATCH | Andhra Pradesh: Actor Janhvi Kapoor visited Tirupati Balaji Temple, Tirumala. pic.twitter.com/nYxZq7NA2A
— ANI (@ANI) April 3, 2023
आंध्र प्रदेश से तिरुपति बालाजी मंदिर के बाहर का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें साउथ इंडियन ड्रेस में नजर आ रही है। वही शिखर पहाड़िया ने पारंपरिक लुंगी पहनी है और गले में गमछा भी डाला हुआ है। दोनों मंदिर से बाहर आकर घुटने टेक कर प्रणाम कर रहे हैं। जाह्नवी ने इस दौरान जहां पिंक कलर की साड़ी पहनी है तो वहीं उनकी बहन खुशी रेड कलर की साड़ी में बेहद प्यारी लग रही थी। चलिए जानते हैं इस मंदिर के बारे में श्रीदेवी की दोनो बेटियाें ने टेका माथा
लाखों श्रद्धालु माथा टेकने आते है यहां
तिरुपति बालाजी का विश्व प्रसिद्ध आन्ध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के तिरुपति के पास तिरूमाला पहाड़ी पर स्थित है, जहां पर भगवान श्रीहरि विष्णु की वेंकटेश्वर के रूप में पूजा होती है। माना जाता है कि यहां भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है इसलिए हर साल यहां लाखों श्रद्धालु माथा टेकने आते हैं। कहते हैं कि भगवान वेंकटेश की मूर्ति पर कान लगाकर सुनने पर समुद्र की लहरों की ध्वनि सुनाई देती है। यही कारण है कि मंदिर में मूर्ति हमेशा नम रहती है।
ये है इस मंदिर का रहस्य
मंदिर में एक ओर ऐसा रहस्य है, जिसे आज तक कोई नहीं जान पाया है। दरअसल भगवान बालाजी के गर्भ ग्रह में जाने पर मूर्ति मध्य में दिखाई पड़ती है जबकि गर्भ गृह से बाहर आने पर मूर्ति दाईं तरफ दिखती है। वेंकटेश्वर स्वामी भगवान विष्णु का ही स्वरुप है इसलिए उनके मन में देवी लक्ष्मी वास करती है। वीरवार के दिन बालाजी का श्रृंगार उतारकर उन्हें स्नान करवाया जाता है। उसके बाद मूर्ति पर चंदन लेप लगाया जाता है, जिससे मां लक्ष्मी की छवि उभर कर सामने आती है। यही नहीं, क्योंकि बालाजी भगवान में माता लक्ष्मी समाहित है इसलिए उनकी मूर्ति को नीचे धोती और ऊपर साड़ी पहनाई जाती है।
दीये में नहीं डाला जाता घी और तेल
बता दें कि भगवान बालाजी के मंदिर में एक दीया ऐसा है, जिसमें कभी भी तेल और घी नहीं डाला जाता। फिर भी वह हमेशा जलता रहता है और कभी नहीं बुझता। इस बात की भी कोई जानकारी नहीं है कि दीया किसने और कब जलाया था। ऐसा कहा जाता है कि मंदिर में जो भगवान वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति रखी गई है, उसके बाल असली है।