सुधर जाओ पेरेंट्स! अच्छी नहीं है बच्चों को मोबाइल दिखाकर खाना खिलाने की आदत,यहां पढ़ें इसके नुकसान

punjabkesari.in Monday, Jun 02, 2025 - 04:55 PM (IST)

नारी डेस्क: आज के समय मेंमोबाइल और गैजेट्स हर समय बच्चों के हाथ में रहते हैं , यहां तक कि खाने के वक्त भी। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि  86.49 प्रतिशत बच्चे बिना मोबाइल फोन के न ही नाश्ता करते हैं न ही खाना खाते हैं। ये निष्कर्ष गुजरात की 'चिल्ड्रन रिसर्च यूनिवर्सिटी' के पैरेंटिंग टॉक कार्यक्रम में पैरेंट्स की ओर से दर्शाई गई अपनी चिंताओं और इनसे जुड़े जवाबों पर आधारित हैं। 


स्टडी क्या कहती है

निष्कर्ष बताते हैं कि 83.72% बच्चों को नाश्ता-खाने के समय मोबाइल देखने की आदत लत के स्तर तक जा पहुंची है। 94.59% न्यूक्लियर फैमिली के बच्चों को गर्दन 86.49% बच्चों को आंखों में दर्द की समस्या है। 91.89% अभिभावकों ने माना बच्चे वीडियो देखने से अधिक आक्रामक हो रहे हैं। 78.38% अभिभावकों ने माना बच्चों के सोशलाइजेशन में कमी आई है। 91.11% लड़कियों का व्यवहार मोबाइल के चलते आक्रामक होने की अभिभावकों ने पुष्टि की। डॉक्टरों का कहना है कि जो बच्चे  खाते समय मोबाइल पर व्यस्त रहते हैं, वे ध्यान नहीं देते कि उन्होंने कितना और क्या खाया है। इस दौरान वे अक्सर अधिक मात्रा में चिप्स, कोल्ड ड्रिंक, मिठाइयां और प्रोसेस्ड फूड खा लेते हैं जिसे अनहेल्दी 'माइंडलेस ईटिंग' कहा जाता है। वहीं, जिन्होंने खाने के दौरान फोन दूर रखे, उन्होंने संतुलित और सीमित मात्रा में भोजन किया और जंक फूड की मात्रा भी कम पाई गई।


मोबाइल और खाने का क्या कनेक्शन है?

 खाना खाते समय जब बच्चे स्क्रीन पर व्यस्त होते हैं, तो दिमाग भोजन पर फोकस नहीं करता। इससे भूख का अंदाज़ा नहीं लग पाता, और वे अधिक खा लेते हैं, खासतौर पर जो सामने हो जैसे कि जंक फूड।साथ ही टीवी या सोशल मीडिया पर दिखते खाने के विज्ञापन भी उन्हें ज्यादा खाने के लिए उकसाते हैं।
 

पैरेंट्स और बच्चों के लिए सुझाव

1. खाने के समय "नो फोन" रूल अपनाएं
2. परिवार के साथ टेबल पर बैठकर खाने की आदत डालें
3. बच्चों को खाने की अहमियत और पोषण के बारे में समझाएं
4. शुरुआत पैरेंट्स को खुद करनी होगी – बच्चे वही सीखते हैं जो देखते हैं
5. खाना खाते वक्त मन लगाकर चबाना और हर निवाले का स्वाद लेना सिखाएं


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Content Writer

vasudha

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