वाटर प्यूरीफायर को बैन करने की क्यों बढ़ रही हैं मांग?

punjabkesari.in Monday, Jan 20, 2020 - 01:53 PM (IST)

समय-समय पर पानी से जुड़ी समस्याएं सामने आती रहती हैं। कभी गंदे पानी से बीमारियों की चपेट में आते लोगों की खबरें तो या फिर पानी की बर्बादी। पानी में जमा गंदगी से बचने के लिए बहुत से लोगों ने आज घरों में RO वाटर प्लांट लगवा लिए हैं। RO वाटर यानि पानी को शुद्ध करने का तरीका। मगर अब सवाल यह उठ रहा है कि RO वाटर आपके लिए कितना सुरक्षित है? आइए जानते हैं विस्तार से...

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ये बात सब जानते हैं कि कोई भी वाटर प्यूरीफायर हो पानी को साफ करते वक्त वह दोगुने पानी का इस्तेमाल करता है। RO का भी कुछ यही सिस्टम है, पानी को शुद्ध करते वक्त RO में बहुत सारा पानी वेस्ट भी करना पड़ता है। जिससे साफ तौर पर पानी की बर्बादी समझा जाता है। साथ ही एक और बात सामने आई है कि RO का उपयोग केवल वहीं जरुरी है जहां के पानी का टी.डी.एच लेवल 500 से अधिक है।

ऐसा क्यों?

पुराने जमाने में जब नलके से पानी निकालकर पिया जाता था, तो धरती के नीचे मौजूद मिट्टी पानी का शुद्ध करने का काम करती थी। जब हैंडपंप से पानी खींचा जाता था तो पानी छनकर नलके में से आता था। जिस वजह से वाटर प्यूरीफायर जैसे उपकरणों की ज्यादा जरुरत नहीं पड़ती थी।

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क्यों लग रही है रोक?

जैसा कि हम आपको बता चुके हैं 500 या फिर इससे कम टी.डी.एच वाले पानी के लिए RO की जरुरत नहीं पड़ती, ऐसे में यदि आप 500 से कम टी.डी.एच वाले पानी के लिए RO का इस्तेमाल करते हैं तो आपके शरीर को नुकसान पहुंचता है। पानी हमारे शरीर के लिए कितना जरुरी है, यह  बात तो लगभग सभी लोग जानते हैं। पानी में मौजूद खनिज तत्व हमारे शरीर के लिए बहुत जरुरी हैं, अगर पानी में मौजूद सभी पोषक तत्व खत्म हो जाएंगे तो वह पानी आपके शरीर के लिए जहर समान बन जाएगा।

ऐसे में RO लगवाने से पहले एक बार अपने घर में आने वाले पानी का टी.डी.एच लेवल जरुर चेक करवा लें। उसी के बाद ही RO की जरुरत हो ते इसे लगवाएं। कोशिश करें मटके का पानी पिएं। मटके का पानी आपकी सेहत औऱ त्वचा से जुड़ी कई परेशानियों का हल भी करता है। 


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Content Writer

Harpreet

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