क्या Facebook और Insta हो जाएंगे बंद? लोगो में बढ़ा Posting Zero का नया क्रेज़
punjabkesari.in Wednesday, Dec 03, 2025 - 04:31 PM (IST)
नारी डेस्क: डिजिटल दुनिया में सोशल मीडिया पहले जितना चहल-पहल वाला प्लेटफॉर्म रहा करता था, अब वैसा नज़र नहीं आता। युवाओं में एक नया और चौंकाने वाला ट्रेंड उभर रहा है, जिसे “Posting Zero” कहा जाता है। यह ऐसा दौर है जहां लोग सोशल मीडिया पर सक्रिय तो रहते हैं, लेकिन अपनी जिंदगी का एक भी पल दुनिया के सामने साझा नहीं करना चाहते। यह बदलाव कई सवाल खड़े कर रहा है क्या लोग सोशल मीडिया से दूर हो रहे हैं? क्या फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म अपनी पहचान खो देंगे?
क्या है ‘Posting Zero’? – सोशल मीडिया पर आई खामोशी का नया नाम
‘Posting Zero’ का मतलब है लोग सोशल मीडिया को इस्तेमाल तो कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने पोस्ट करना लगभग बंद कर दिया है। वे ऐप खोलते हैं, दूसरों की रील देखते हैं, स्टोरीज़ स्किप करते हैं, लेकिन खुद कुछ शेयर नहीं करते।
पहले लोग हर छोटी-बड़ी बात सोशल मीडिया पर डाल देते थे खाने की तस्वीर, ट्रिप की अपडेट, नए कपड़े, या फिर दोस्तों के साथ फोटो। लेकिन अब वही लोग अपनी फीड को खाली रखने में ज़्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं। यह ट्रेंड दिखाता है कि सोशल मीडिया अब एक “कनेक्शन प्लेटफॉर्म” से बदलकर केवल “मनोरंजन और खपत का साधन” बन गया है, जहाँ लोग सिर्फ देखते हैं लेकिन खुद कुछ जोड़ते नहीं।
POSTING ZERO!! pic.twitter.com/WXgYxka4cc
— RVCJ Media (@RVCJ_FB) November 30, 2025
क्यों बढ़ रहा है Posting Zero का क्रेज़?
एल्गोरिदम और विज्ञापनों का बढ़ा बोझ – असली पोस्ट भीड़ में दब रही हैं आज सोशल मीडिया पूरी तरह एल्गोरिदम पर चल रहा है। आपकी अपनी पोस्ट को आपकी ऑडियंस देखेगी भी या नहीं—इसका कोई भरोसा नहीं इसके ऊपर लगातार बढ़ते विज्ञापन, स्पॉन्सर्ड रील, AI-generated वीडियो और वायरल कंटेंट ने असली पोस्ट को कहीं पीछे धकेल दिया है।
लोगों को महसूस होने लगा है कि उनकी पोस्ट इस भीड़ में कहीं गायब हो जाती है और कोई खास असर नहीं छोड़ती। जब अपनी ही पोस्ट देखने वाले कम हों, तो पोस्ट करने का मन भी धीरे-धीरे खत्म होने लगता है। यही वजह है कि कई यूज़र अब सिर्फ स्क्रॉल करना पसंद करते हैं और खुद कुछ शेयर नहीं करते।
प्राइवेसी का डर – लोग अपनी असली जिंदगी छिपाना बेहतर समझ रहे हैं
पिछले कुछ सालों में डेटा लीक, अकाउंट हैकिंग, ट्रोलिंग और मीम कल्चर ने लोगों को सोशल मीडिया से डराया है। कई यूज़र्स के निजी पलों की फोटो वायरल हुईं, कई पर बिन वजह कमेंट्स और तंज किए गए। युवाओं को लगता है कि एक फोटो पोस्ट करने का मतलब है खुद को लोगों के जजमेंट के सामने पेश करना। हर पोस्ट पर लाइक्स, कमेंट और रिएक्शन को लेकर बढ़ती चिंता ने लोगों को मानसिक रूप से थका दिया है। इसलिए अब वे अपनी जिंदगी को ऑनलाइन दिखाने की बजाय निजी रखना ज़्यादा पसंद करते हैं।
What is ‘Posting Zero’? The internet generation is growing tired of social media
— ThePrintIndia (@ThePrintIndia) November 24, 2025
Shubhangi Misra @shubhangi_misra reports #ThePrintFeaturehttps://t.co/eWeAiYLY5p
मानसिक थकान – ‘परफेक्ट लाइफ’ दिखाने का दबाव लोगों को तोड़ रहा है
सोशल मीडिया पर हर कोई अपनी जिंदगी का सबसे सुंदर हिस्सा दिखाता है फिल्टर वाली तस्वीरें, शानदार वेकेशन, महंगी चीज़ें और मुस्कुराहट से भरी जिंदगी। लेकिन वास्तविकता अक्सर इससे बिल्कुल उलट होती है। इस “परफेक्ट बने रहने” के दबाव ने युवाओं को अंदर ही अंदर बहुत थका दिया है। कई लोग अब इस तुलना के खेल से बाहर निकलना चाहते हैं और इसलिए उन्होंने पोस्ट करना कम कर दिया है। उनके लिए मानसिक शांति और निजी रिश्ते ज़्यादा महत्वपूर्ण हो गए हैं।
भारत में यूज़र ज्यादा, लेकिन पोस्ट कम – आंकड़े चौंकाने वाले
भारत सोशल मीडिया का सबसे बड़ा बाज़ार बन चुका है। 2025 में इंडिया में सोशल मीडिया यूज़र्स की संख्या 692 मिलियन तक पहुँच गई है। इंस्टाग्राम पर ही 414 मिलियन लोग मौजूद हैं।
लेकिन इसके बावजूद एक दिलचस्प बात सामने आई है
यूज़र्स तो बढ़ रहे हैं, लेकिन पोस्टिंग कम हो रही है। 2024 की एक रिपोर्ट बताती है कि भारतीयों का कुल engagement time पिछले साल की तुलना में 10% कम हुआ। 18–30 वर्ष की आयु के 60% युवा सोशल मीडिया का इस्तेमाल तो करते हैं, लेकिन खुद कुछ पोस्ट करने से बचते हैं। वे सिर्फ रील्स देखते हैं, स्टोरीज़ स्किप करते हैं, और बस आगे बढ़ जाते हैं। इससे सोशल मीडिया की दुनिया असली यूज़र्स की पोस्ट से खाली होती जा रही है, और उसकी जगह ले रहे हैं ब्रांड्स, इंफ्लुएंसर, बॉट्स और AI कंटेंट। सोशल मीडिया का नया रूप – असली कंटेंट गायब, कॉरपोरेट कंटेंट हावी Posting Zero ट्रेंड के कारण यूज़र अब Passive Viewer बन चुके हैं। वे केवल देखने वाले हैं, बनाने वाले नहीं। इससे सोशल मीडिया की फीड में असली पोस्ट बहुत कम नजर आती है।जो बचता है वह है ब्रांड प्रमोशन,इंफ्लुएंसर वीडियो, एड्स, AI-generated रील्स यानी सोशल मीडिया अब इंसानों के रिश्तों से ज़्यादा मार्केटिंग का माध्यम बनता जा रहा है।
क्या फेसबुक और इंस्टाग्राम बंद होने वाले हैं?
इसका जवाब है नहीं। लेकिन Posting Zero सोशल मीडिया के लिए एक खतरे की घंटी जरूर है। अगर यूज़र पोस्ट करना बंद कर देंगे, तो सोशल मीडिया की पहचान ही खत्म हो जाएगी। सोशल मीडिया की असली ताकत हमेशा रही है आम लोगों की आवाज़, उनकी कहानियां, उनकी पोस्ट। और यही हिस्सा अब धीरे-धीरे गायब होता जा रहा है। भविष्य में सोशल मीडिया एक ऐसी जगह बन सकता है जहां कॉरपोरेट, इंफ्लुएंसर और बॉट्स का कब्ज़ा होगा, और आम लोगों की असली जिंदगी कहीं पीछे रह जाएगी।

