भारत के 5 अनोखे रेलवे स्टेशन, इनमें से एक पर जाने के लिए लगता है वीजा
punjabkesari.in Sunday, Oct 24, 2021 - 05:42 PM (IST)
देशभर में घूमने के लिए लोग ट्रेन से सफर करते हैं। इससे सफर करके हम एक से दूसरे शहर तक आसानी से पहुंच सकते हैं। वहीं भारत देश में करीब 7,325 रेलवे स्टेशन बने हुए है। इनमें से कई रेलवे स्टेशनों की खूबसूरती देखने वाली है। मगर इसके साथ ही कई रेलवे स्टेशन ऐसे है जो अपने अनोखेपन से जाने जाते हैं। चलिए आज हम आपको भारत के 5 अलग से रेलवे स्टेशन के बारे में बताते हैं...
भवानी मंडी
भवानी मंडी का रेलवे स्टेशन दिल्ली-मुंबई रेल लाइन पर स्थित है। ऐसे में इसका संबंध दो राज्यों से माना गया है। यह अनोखा स्टेशन राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच बंटा हुआ है। इसकी खासियत की बात करें तो स्टेशन पर ट्रेन का इंजन एक राज्य में तो ट्रेन के गार्ड का डिब्बा दूसरे राज्य में खड़ा होता है। ऐसे में रेलवे स्टेशन के एक ओर राजस्थान तो दूसरे छोर पर मध्य प्रदेश राज्य का बोर्ड लगा है।
नवापुर रेलवे स्टेशन
नवापुर रेलवे स्टेशन भी गुजरात और महाराष्ट्र दो राज्यों में बंटा हुआ है। इस रेलवे स्टेशन पर आपको बेंच पर बैठने पर ध्यान रखना होगा कि आप किस राज्य में बैठे हैं। दरअसल बेंच के एक भाग पर महाराष्ट्र तो दूसरे हिस्से में गुजरात लिखा हुआ है। साथ ही इस रेलवे स्टेशन की खासियत है कि यहां पर हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी आदि कई भाषाओं में घोषनाएं होती है। ताकि यात्रियों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो। बता दें, इस स्टेशन का जब निर्माण हुआ था तब महाराष्ट्र और गुजरात दोनों एक ही राज्य माने जाते थे। मगर 1 मई 1961 में दोनों राज्यों में विभाजन होने पर इनके बीच नवापुर स्टेशन आ गया।
बेनाम रेलवे स्टेशन
पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिले में एक बेनाम यानि बिना किसी नाम का स्टेशन है। इस रेलवे स्टेशन का निर्माण 2008 में बर्धमान टाउन से 35 किलोमीटर दूर बांकुरा-मैसग्राम रेल लाइन पर किया गया था। उस समय इस स्टेशन को रैनागढ़ कहा जाता था। मगर बात में रैना गांव के लोगों को यह नाम पसंद नहीं आया और उन्होंने रेलवे बोर्ड से इसकी शिकायत भी की। फिर इस रेलवे स्टेशन का नाम हटा दिया गया और तब से यह बिना नाम वाला ही रेलवे स्टेशन है।
झारखंड का बेनाम स्टेशन
पश्चिम बंगाल की तरह झारखंड की राजधानी रांची से टोरी जाने वाली ट्रेन भी एक बेनाम स्टेशन से गुजरती है। इस स्टेशन पर 2011 में जब पहली बार ट्रेन चली थी तब इसका नाम बड़कीचांपी रखने की बात हुई थी। मगर इसपर कमले गांव का विरोद्ध होने पर यह स्टेशन बेनाम यानि बिना नाम का है। दरअसल, उस दौरान कमले गांववालों का कहना था कि इस रेलवे स्टेशन को बनाने के लिए उनके गांव की जमीन व मजदूर लगे थे। ऐसे में इसका नाम कमले स्टेशन होना चाहिए।
अटारी
जैसे की सभी जानते हैं कि देशभर में घूमने के लिए किसी को भी वीजा की जरूरत नहीं पड़ती है। मगर फिर भी आपकी जानकारी के लिए बता दें अमृतसर के अटारी रेलवे स्टेशन पर जाने के लिए आपको पाकिस्तान का वीजा की जरूरत पड़ेगी। वीजा के बिना आने पर लोगों को सजा हो सकती है। भारत-पाकिस्तान पर बने इस रेलवे स्टेशन पर हर समय सुरक्षा बालों की सख्त निगरानी रहती है। ऐसे में अगर कोई बिना वीजा के मिले तो उसपर तुरंत 14 फोरन एक्ट के तहत मामला दर्ज हो सकता है।