बेंगलुरु भगदड़ में पानी पूरी बेचने वाले ने भी खोया अपना जवान बेटा, बोला- एक करोड़ ले लो मेरा बच्चा दे दो

punjabkesari.in Friday, Jun 06, 2025 - 03:40 PM (IST)

नारी डेस्क: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की विक्ट्री परेड कई लोगों की जान की दुश्मन बन गई।  इस दौरान मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई है और 33 लोग घायल हुए हैं। मृतकों में ज्यादातर कम उम्र के युवक-युवतियां शामिल हैं। बीबीएम के दूसरे साल के छात्र मनोज भी अपनी पसंदीदा टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को आईपीएल में ऐतिहासिक जीत का जश्न मनाने गया था लेकिन वह जिंदा  नहीं लौटा।
 

यह भी पढ़ें: कहां खो गई दादी-नानी की कहानियां?
 

पानी पूरी बेचने वाले 43 वर्षीय देवराज एनटी को यकीन नहीं हो रहा है कि उनका बेटा चला गया है। देवराज ने कांपती आवाज़ में कहा, - "जब वह क्रिकेट के बारे में बात करता था तो उसकी आंखें चमक उठती थीं। अब, वे हमेशा के लिए बंद हो गई हैं और मेरी दुनिया तबाह हो गई है।" उनके बेटे मनोज कुमार की उम्र सिर्फ़ 18 साल थी। 


यह भी पढ़ें: जानिए Maternity Leave को लेकर हमारे देश का कानून
 

 देवराज अपने बेटे को एक सपने देखने वाले दिल वाले महत्वाकांक्षी व्यक्ति के रूप में याद करते हैं। उन्होंने कहा- "वह मुझे दिन-रात काम करते हुए देखकर बड़ा हुआ, वह हमेशा कहता था कि वह अच्छी तरह से पढ़ना चाहता है, कमाना चाहता है और हमारी ज़िंदगी आसान बनाना चाहता है। मेरा प्यारा बेटा... वह बहुत कुछ करना चाहता था,"।  देवराज ने सरकार द्वारा 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा पर भावुक होकर कहा, “मैं 50 लाख… 1 करोड़ रुपये देने को तैयार हूं। क्या इससे मेरा बेटा वापस आ जाएगा?”
 

यह भी पढ़ें: खूबसूरत बैंक मैनेजर का कांड सुन घूम जाएगा माथा
 

इस बेबस पिता ने अपने बेटे को याद करते हुए कहा-   "मनोज के लिए क्रिकेट सिर्फ़ मनोरंजन नहीं था, यह जुनून, आनंद और पलायन था।वह खेल, हर खिलाड़ी, हर आंकड़े के बारे में हर विवरण जानता था। वह मैच देखते समय खुश हो जाता था, ऐसे चीयर करता था जैसे उसकी ज़िंदगी इस पर निर्भर हो। उसे इसमें खुशी मिलती थी। उस प्यार ने उसे मुझसे दूर कर दिया।" उन्होंने कहा- "कोई भी पिता को अपने बच्चे को कभी इस तरह नहीं देखना चाहता,"। 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

vasudha

Related News

static