Stress बचना है तो टीम वर्क में काम करें पेरेंट्स,  बच्चों को संभालना हो जाएगा बेहद आसान

punjabkesari.in Friday, Dec 12, 2025 - 06:02 PM (IST)

नारी डेस्क: आज की व्यस्त जीवनशैली में बच्चों की परवरिश करना कई बार थकान, तनाव और parental burnout (माता-पिता की मानसिक/भावनात्मक थकान) का कारण बन जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि दोनों पार्टनर मिलकर टीम की तरह काम करें तो न सिर्फ बच्चों की परवरिश बेहतर होती है, बल्कि दोनों के कैरियर और मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर पड़ता है। आज जानते हैं कैसे


 टीमवर्क से कम होता है पैरेंटिंग बर्नआउट

 जब सारी जिम्मेदारी एक ही माता या पिता पर होती है, तो थकान, गुस्सा, चिड़चिड़ापन और मानसिक तनाव बढ़ता है। पार्टनर दोनों मिलकर जिम्मेदारियां बांटते हैं तो काम आसान और कम तनावपूर्ण हो जाता है। इससे बच्चों के साथ समय बिताने की ऊर्जा भी बढ़ती है।


बच्चों की इमोशनल डेवलपमेंट बेहतर होती है

बच्चे तब सुरक्षित महसूस करते हैं जब दोनों माता-पिता उनके साथ जुड़कर काम करते हैं। जब बच्चा देखता है कि उसके माता-पिता एक टीम की तरह हैं, तो उसमें भावनात्मक स्थिरता, आत्मविश्वास, सुरक्षा की भावना, बेहतर व्यवहार विकसित होते हैं।


रिश्ते में प्यार और सम्मान बढ़ता है

टीमवर्क का मतलब “हम बनाम समस्या”, ना कि “एक-दूसरे के खिलाफ।” इससे दंपत्ति के रिश्ते में परस्पर समझ, सहयोग, छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा कम बढ़ता है। यह रिश्ते को मजबूत बनाता है। जब दोनों पार्टनर घर और बच्चों की जिम्मेदारी साझा करते हैं तो माताओं पर करियर रोकने का दबाव कम होता है  पिता भी बच्चों के साथ समय बिताकर work-life balance बना पाते हैं।  दोनों अपने प्रोफेशन पर बेहतर फोकस कर सकते हैं,टीमवर्क काम और परिवार, दोनों को संतुलित करने में मदद करता है।


 बच्चे सीखते हैं ‘पार्टनरशिप’ और ‘सहयोग’

 च्चे वही सीखते हैं जो वे घर में देखते हैं।अगर वे देखें कि उनके माता-पिता एक टीम की तरह निर्णय ले रहे हैं, झगड़े सुलझा रहे हैं, जिम्मेदारियां बांट रहे हैं तो बच्चे भी बड़े होकर बेहतर पार्टनर और जिम्मेदार व्यक्ति बनते हैं। काम बंटने से मानसिक तनाव कम होता है। दोनों पार्टनर खुद के लिए भी समय निकाल पाते हैं—जैसे व्यायाम, नींद, हॉबीज़। इससे पूरा परिवार खुश और स्वस्थ रहता है।


बच्चों के लिए स्थिर और सकारात्मक माहौल

जब माता-पिता टीम की तरह काम करते हैं तो घर में कम तनाव होता है, संवाद बेहतर होता है, बच्चे अधिक स्थिर, खुश और सुरक्षित महसूस करते हैं। याद रखें पेरेंटिंग टीमवर्क का खेल है। जब दोनों पार्टनर एक-दूसरे का साथ देते हैं और जिम्मेदारियां साझा करते हैं, तो बच्चे खुश रहते हैं, माता-पिता बर्नआउट से बचते हैं, रिश्ता मजबूत होता है,करियर भी आगे बढ़ता है।
 


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Content Writer

vasudha

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