उम्र के साथ चीजें भूल रहे हैं मा-बाप, तो बच्चों की तरह रखें उनका ख्याल
punjabkesari.in Tuesday, Sep 21, 2021 - 03:37 PM (IST)
हर मां -बाप को उम्मीद होती है कि उनके बच्चे बुढ़ापे में उनका सहारा बनेंगे। लेकिन आज कल के बच्चे मां- बाप द्वारा किए गए त्याग और सेवा को भूलाकर उन्हे दर- दर भटकने के लिए छोड देते हैं। बच्चे ये क्यों नही समझते की बढ़ती उम्र के साथ- साथ उनके मां- बाप कई बिमारियों की चपेट में आ रहे हैं, ऐसे में उनका ख्याल रखना भी बेहद जरूरी है। बुढ़ापे की तमाम समस्याओं में से एक अल्जाइमर भी है, जिसे भूलने की बीमारी भी कहते हैं।
इस बीमारी का नहीं कोई स्थाई इलाज
अल्जाइमर एक तरह की भूलने की बीमारी है, जो सामान्यत: बुजुर्गों में होती है। अमूमन 60 वर्ष की उम्र के आसपास होने वाली इस बीमारी का कोई स्थाई इलाज तो नहीं है, लेकिन आप ख्याल रखकर इसे रोक सकते हैं। चिकित्सकों की मानें तो यदि कोई संतान प्रेम से समझकर मां- बाप की पूरी देखभाल करे तो इससे निकल पाना आसान हो सकता है।
सामान रखकर भूल जाते हैं लोग
इस बीमारी से पीड़ित मरीज सामान रखकर भूल जाते हैं। यही नहीं, वह लोगों के नाम, पता या नंबर, खाना, अपना ही घर, दैनिक कार्य, बैंक संबंधी कार्य, नित्य क्रिया तक भूलने लगता है। ऐसे में एक अध्ययन में कहा गया कि घरेलू काम करने से डिमेंशिया के खतरे को टाला जा सकता है। माना जाता है कि जब इंसान सफाई करता हैं तो इससे आपके मस्तिष्क में एंडोर्फिन रिलीज होता है जो आपके मूड और विचारों को सकारात्मक कर देता है। इससे डिमेंशिया का खतरा कम हो जाता है।
चिड़चिड़ा हो जाता है मरीज
चिकित्सकों के अनुसार इस रोग का शिकार मरीज चिड़चिड़ा, शक्की हो जाता है। अचानक रोने लगना, भाषा व बातचीत प्रभावित होना अल्ज़ाइमर के लक्षण हैं। इससे बचाव का सबसे आसान तरीका यही है कि 35 साल की उम्र से ही हम अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं। इसके अलावा हमें एक्सरसाइज, योग म्यूजिक, पॉजिटिव थिंकिंग, सोशल मीडिया से इतर रियल वर्ल्ड के दोस्तों के साथ मिलना जुलना जारी रखना चाहिए