पत्नी की मर्जी के बिना संबंध रेप या नहीं? Marital rape को लेकर आपको कितनी है जानकारी
punjabkesari.in Monday, Jan 16, 2023 - 02:12 PM (IST)
देश में 82% शादीशुदा महिलाएं ऐसी हैं, जो पति की यौन हिंसा की शिकार हैं। इसके बावजूद भारत में मैरिटल रेप या वैवाहिक बलात्कार को लेकर कानून बंटा हुआ है। महिलाओं की स्थिति सामने आने के बावजूद भारत उन 34 देशों में शामिल है, जहां मैरिटल रेप को लेकर कोई कानून नहीं हैं। अब उच्चतम न्यायालय ने वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध के दायरे में लाने की मांग कर रही याचिकाओं पर केंद्र से जवाब मांगा है।
भारत में मैरिटल रेप काे लेकर नहीं है कानून
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की पीठ ने केंद्र सरकार से 15 फरवरी तक इस मुद्दे पर जवाब देने को कहा है। इन याचिकाओं पर सुनवाई 21 मार्च से शुरू होगी। भारतीय कानून में मैरिटल रेप कानूनी अपराध नहीं है। इसे अपराध घोषित करने की मांग को लेकर कई संगठनों की ओर से लंबे वक्त से मांग उठ रही है।
कई महिलाएं लगा चुकी हैं गुहार
एक अपील दिल्ली उच्च न्यायालय की एक याचिकाकर्ता खुशबू सैफी ने दायर की दी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले साल 11 मई को इस मुद्दे पर विभाजित फैसला दिया था। हालांकि, पीठ में शामिल दोनों न्यायाधीशों न्यायमूर्ति राजीव शकधर और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने इस मामले पर उच्चतम न्यायालय में अपील करने की अनुमति दी थी क्योंकि इसमें कानून से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल शामिल हैं जिन पर उच्चतम न्यायालय द्वारा गौर करने की आवश्यकता है।
विवाहित महिलाओं के साथ भेदभाव का आरोप
एक अन्य याचिका कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक व्यक्ति ने दायर की थी जिसके बाद उस पर अपनी पत्नी से कथित तौर पर दुष्कर्म करने का मुकदमा चलाया गया। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पिछले साल 23 मार्च को कहा था कि अपनी पत्नी के साथ दुष्कर्म तथा आप्राकृतिक यौन संबंध के आरोप से पति को छूट देना संविधान के अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता) के खिलाफ है। उच्चतम न्यायालय में इस मामले पर कुछ अन्य याचिकाएं भी दायर की गयी है। कुछ याचिकाकर्ताओं ने भारतीय दंड संहिता की धारा 375 (दुष्कर्म) के तहत वैवाहिक दुष्कर्म से छूट की संवैधानिकता को इस आधार पर चुनौती दी है कि यह उन विवाहित महिलाओं के खिलाफ भेदभाव है जिनका उनके पति द्वारा यौन शोषण किया जाता है।
क्या है मैरिटल रेप
आईपीसी या भारतीय दंड विधान रेप की परिभाषा तो तय करता है लेकिन उसमें वैवाहिक बलात्कार या मैरिटल रेप का कोई जिक्र नहीं है। धारा 376 रेप के लिए सजा का प्रावधान करता है और आईपीसी की इस पत्नी से रेप करने वाले पति के लिए सजा का प्रावधान है बर्शते पत्नी 12 साल से कम की हो। इसमें कहा गया है कि 12 साल से कम उम्र की पत्नी के साथ पति अगर बलात्कार करता है तो उस पर जुर्माना या उसे दो साल तक की क़ैद या दोनों सजाएं दी जा सकती हैं.
क्या कहता है हिंदू मैरिज एक्ट
हिंदू विवाह अधिनियम पति और पत्नी के लिए एक-दूसरे के प्रति कई जिम्मेदारियां तय करता है। इनमें संबंध बनाने का अधिकार भी शामिल है। क़ानूनन यह माना गया है कि शारीरिक संबंध बनाने से इनकार करना क्रूरता है। इस आधार पर तलाक भी मांगा जा सकता है।
कब माना जाएगा रेप
महिला को डर दिखाकर संबंध बनाना।
शादी का झांसा देकर उसके साथ संबंध बनाना।
यदि सहमति देते वक्त महिला की मानसिक स्थिति सही न हो।
यदि महिला महिला नशे में हो एवं वह सहमति के नतीजों को समझ पाने की स्थिति में न हो।
16 साल से कम उम्र की महिला से संबंध बनाए गए हों. फिर भले ही उसकी मर्जी और सहमति ही क्यों न हो।