महिलाओं में बढ़ा Epidural Analgesia का चलन, Labor Pain 80% तक होगा कम
punjabkesari.in Wednesday, Sep 15, 2021 - 04:11 PM (IST)
जहां मां बनना हर औरत के लिए सौभाग्य की बात है वहीं डिलीवरी पेन महिलाओं के लिए दर्दनाक अनुभव हो सकता है। महिलाएं प्रसव पीड़ा को कम करने के लिए कई तरीके अजमाती है वहीं डिलवरी पेन कम करने के लिए आजकल महिलाओं में एपिड्यूरल एनाल्जेसिया का काफी चलन है। दरअसल, एपिड्यूरल एनाल्जेसिया (Epidural Analgesia) एक ऐसी तकनीक है जो महिलाओं को उस दर्द से राहत देती है। यही कारण है कि कई महिलाएं डिलीवरी के दौरान एपिड्यूरल एनाल्जेसिया की मांग करती हैं। चलिए आपको बताते हैं कि एपिड्यूरल क्या है, यह महिलाओं को डिलीवरी पेन में कैसे दिया जाता है और यह कैसे काम करता है।
कैसे काम करती है एपिड्यूरल एनाल्जेसिया?
एपिड्यूरल एनाल्जेसिया एक इंजेक्शन है, जिसे रीढ़ की एपिड्यूरल जगह में इंजेक्ट किया जाता है। यह रीढ़ की नसों को सुन्न करके प्रसव के दौरान होने वाले दर्द से राहत देता है। दवा एपिड्यूरल स्पेस से नसों तक जाती है और दर्द के संकेतों को मस्तिष्क तक पहुंचने से रोकने का काम करती है।
क्या इंजेक्शन से होता है दर्द
चूंकि इसे रीढ़ के काठ वाले हिस्से (पीठ के निचले हिस्से) में इंजेक्ट किया जाता है इसलिए गर्भवती महिलाओं को शरीर के निचले हिस्से में कोई सनसनी या दर्द महसूस नहीं होता। जो महिलाएं प्राकृतिक प्रसव पीड़ा का अनुभव नहीं करना चाहती और दवाएं भी नहीं लेना चाहती, उनके लिए एपिड्यूरल एनाल्जेसिया बेहतरीन विकल्प बन गया है।
एपिड्यूरल कैसे किया जाता है इस्तेमाल?
एनेस्थीसिया देने से पहले डॉक्टर बाजू में एक ड्रिप डालेंगे और फिर उस एक ठंडा एंटीसेप्टिक इंजेक्ट किया जाएगा। इसके बाद एक सुई को रीढ़ की एपिड्यूरल जगह में डाला जाएगा। यह प्रक्रिया लगभग 10 मिनट तक चलती है और एपिड्यूरल लगने के 15 मिनट बाद आप महसूस करेंगी कि दर्द कम हो गया है। हालांकि, मोटापे या असामान्य रीढ़ वाली महिलाओं के मामले में प्रक्रिया थोड़ा अधिक समय लगता है।
क्या एपिड्यूरल से सी-सेक्शन की संभावना बढ़ जाती है?
इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि एपिड्यूरल सी-सेक्शन की संभावना को बढ़ाते हैं। अगर आपको कोई संदेह है तो इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। अगर आप प्रसव पीड़ा से निपट सकती हैं तो एपिड्यूरल इंजेक्शन लेने की कोई जरूरत नहीं।
क्या भ्रूण पर एपिड्यूरल का कोई प्रभाव पड़ता है?
एपिड्यूरल एनाल्जेसिया मां के रक्तप्रवाह में प्रवेश करती है और गर्भनाल के माध्यम से भ्रूण तक पहुंचती है। हालांकि इसका बच्चे के स्वास्थ्य पर कोई गहरा प्रभाव नहीं पड़ता। अध्ययन के अनुसार, 100 में से 10 महिलाएं बिना एपिड्यूरल के इंस्ट्रुमेंटल डिलीवरी ले सकती हैं और 100 में से 14 महिलाओं को एपिड्यूरल की जरूरत पड़ती है।