Holika Dahan 2025: इन चीजों को अग्नि में डालने से बचें वरना हो सकता है दुर्भाग्य!
punjabkesari.in Monday, Mar 10, 2025 - 04:57 PM (IST)

नारी डेस्क: होलिका दहन का त्योहार हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, और इस साल होलिका दहन 13 मार्च को किया जाएगा। यह दिन पवित्र माना जाता है, और होलिका की आग में कई महत्वपूर्ण कार्यों की पूजा की जाती है। इस दिन का महत्व धार्मिक दृष्टि से बहुत अधिक है, क्योंकि इसे बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। होलिका दहन के दौरान बहुत सी मान्यताएं जुड़ी होती हैं। अगर हम इन मान्यताओं का पालन करते हैं, तो हमें जीवन में सुख, समृद्धि और शांति मिलती है। लेकिन, अगर हम इन नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है।
होलिका की अग्नि में क्या डालना चाहिए?
सूखा नारियल
होलिका दहन की अग्नि में सूखा नारियल चढ़ाना एक महत्वपूर्ण धार्मिक परंपरा मानी जाती है। यह न केवल आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है। माना जाता है कि सूखा नारियल चढ़ाने से भगवान को प्रसन्न किया जा सकता है और व्यक्ति के जीवन में आने वाली समस्याओं और संकटों का निवारण होता है। यह कार्य समृद्धि और खुशहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है। इसके अतिरिक्त, नारियल का आध्यात्मिक महत्व भी है, जो आपके जीवन में शुभ संकेतों की शुरुआत करता है।
अक्षत (कच्चा चावल) और ताजे फूल
अक्षत (कच्चे चावल) और ताजे फूल होलिका दहन की अग्नि में अर्पित करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। अक्षत को शांति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, और यह किसी भी पूजा में ताजगी और सकारात्मकता लाता है। ताजे फूल भी पवित्रता का प्रतीक होते हैं, जो वातावरण को शुद्ध करते हैं और दिव्य ऊर्जा का संचार करते हैं। इन दोनों को होलिका की अग्नि में चढ़ाने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता के द्वार खुलते हैं।
साबुत मूंग की दाल, हल्दी के टुकड़े, और गाय के सूखे गोबर से बनी माला
होलिका की अग्नि में साबुत मूंग की दाल, हल्दी के टुकड़े, और गाय के सूखे गोबर से बनी माला अर्पित करना विशेष महत्व रखता है। मूंग की दाल को समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है, जो घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है। हल्दी के टुकड़े आध्यात्मिक उन्नति और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। वहीं, गाय के सूखे गोबर से बनी माला एक शुद्धता और पुण्य का प्रतीक है, जो आपके जीवन में स्थिरता और संतुलन लाती है। इन चीजों को अर्पित करने से न केवल घर में सुख-शांति का वातावरण बनता है, बल्कि जीवन में समृद्धि और सुख-शांति का वास भी होता है।
चांदी या तांबे के कलश से जल
चांदी या तांबे के कलश से जल लेकर उसमें गुलाल डालकर होलिका की अग्नि में अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह प्रक्रिया विशेष रूप से आपकी आत्मिक शांति और मानसिक संतुलन के लिए लाभकारी होती है। जल में गुलाल डालने से यह विश्वास किया जाता है कि यह शुभता और सौभाग्य का संचार करता है, जो आपके जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। चांदी और तांबे के कलश को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इन धातुओं को शुभता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। यह प्रक्रिया आपके जीवन में समृद्धि और खुशहाली की ऊर्जा का संचार करती है, जिससे आपकी समस्त इच्छाएं पूरी हो सकती हैं।
तुलसी के पत्ते और गंगाजल
होलिका दहन की अग्नि में तुलसी के पत्ते और गंगाजल अर्पित करने से आपकी पूजा और हवन की शक्ति में कई गुना वृद्धि होती है। तुलसी को शुद्धता और देवत्व का प्रतीक माना जाता है, जबकि गंगाजल को सबसे पवित्र जल माना जाता है। यह दोनों चीजें होलिका दहन की अग्नि में डालने से आपके जीवन में दोषों का निवारण और पापों का शोधन होता है, जिससे जीवन में सुख, शांति और पुण्य की प्राप्ति होती है। यह अनंत आशीर्वाद और खुशहाली का स्रोत बनता है।
ये भी पढ़ें: आज आमलकी एकादशी के दिन करले ये खास उपाय: भगवान विष्णु देंगे खुशियों का आशीर्वाद
नम्रता से प्रार्थना
होलिका दहन के दौरान नम्रता से की गई प्रार्थना और श्रद्धा से अर्पित की गई चीजें आपके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाती हैं। अपनी आस्था को दृढ़ रखते हुए, भगवान से शुभ आशीर्वाद की प्रार्थना करें। इस दिन की पूजा में ईश्वर से सकारात्मक और शुभ फल प्राप्त करने की कामना करना, आपके जीवन में सच्ची खुशहाली का कारण बन सकता है।
होलिका दहन में क्या नहीं डालना चाहिए?
होलिका की आग में कुछ चीजें डालने से बुरा असर पड़ सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए ये चीजें नहीं डालनी चाहिए:
गंदे कपड़े, टायर या अन्य अप्राकृतिक सामान: होलिका की अग्नि में इन चीजों को डालने से मंगल ग्रह का दुष्प्रभाव पड़ सकता है और आपकी जिंदगी में नकारात्मक प्रभाव आ सकता है।
पानी वाला नारियल: होलिका दहन में पानी वाला नारियल नहीं डालना चाहिए। केवल सूखा नारियल ही चढ़ाना चाहिए। पानी वाला नारियल डालने से चंद्रमा की स्थिति खराब हो सकती है, जो जीवन में समस्याएं पैदा कर सकता है।
टूटे-फूटे लकड़ी के सामान: जैसे पलंग, सोफा, अलमारी का सामान आदि होलिका में नहीं डालना चाहिए। इनसे शनि, राहु और केतु का अशुभ प्रभाव हो सकता है।
गुजिया की संख्या तीन नहीं होनी चाहिए: होलिका दहन में चढ़ाए गए पकवानों की संख्या तीन नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह शुभ नहीं माना जाता।
सूखी गेहूं की बालियां और सूखे फूल: इन चीजों को होलिका की अग्नि में डालने से शुभ फल नहीं मिलते, और यह आपके जीवन में अवरोध उत्पन्न कर सकता है।
होलिका दहन एक महत्वपूर्ण धार्मिक कार्य है, और इस दौरान विशेष ध्यान रखना चाहिए कि हम होलिका की अग्नि में कौन सी चीजें डाल रहे हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि हम सही चीजें डालते हैं, तो हमारी परेशानियां दूर होती हैं और हमें जीवन में सफलता और खुशियां मिलती हैं। इसलिए होलिका दहन के समय इन नियमों का पालन करना न भूलें।