बढ़ता कोलेस्ट्रॉल! शरीर के इन हिस्सों में चुपचाप देता है दर्द, Ignore करना पड़ सकता है भारी
punjabkesari.in Saturday, Apr 12, 2025 - 10:24 AM (IST)

नारी डेस्क: अगर आपके शरीर में बार-बार कुछ हिस्सों में दर्द या असहजता महसूस हो रही है, तो इसे नजरअंदाज बिल्कुल न करें, क्योंकि ये संकेत हो सकते हैं कि आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ चुका है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर अक्सर लोग इसके लक्षणों को मामूली समझकर टाल देते हैं, लेकिन यही लक्षण आगे चलकर दिल की बीमारी, स्ट्रोक और अन्य गंभीर समस्याओं की वजह बन सकते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर शरीर के किन हिस्सों में दर्द होता है और किन संकेतों को गंभीरता से लेना जरूरी है।
टांगों में दर्द और ऐंठन – खराब ब्लड सर्कुलेशन का संकेत
अगर आप नियमित रूप से टहलते समय या थोड़ी दूर चलने पर टांगों में दर्द, भारीपन या ऐंठन महसूस करते हैं, तो यह Peripheral Artery Disease (PAD) का लक्षण हो सकता है। कोलेस्ट्रॉल के कारण धमनियों में ब्लॉकेज आ जाता है, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट होती है। यह दर्द आमतौर पर टांगों के पिछले हिस्से या पिंडलियों में महसूस होता है और आराम करने पर कुछ समय के लिए ठीक भी हो जाता है। इसे 'क्लॉडिकेशन' कहते हैं। अगर इसे नजरअंदाज किया जाए, तो यह धीरे-धीरे गंभीर हो सकता है।
छाती में दबाव या जलन – दिल की बीमारी की आहट
छाती में दबाव, कसाव या जलन महसूस होना, खासकर सीढ़ियां चढ़ने या थोड़ा अधिक चलने के बाद, दिल की धमनियों में ब्लॉकेज का संकेत हो सकता है।
LDL कोलेस्ट्रॉल हृदय की धमनियों की भीतरी सतह पर जमा हो जाता है और कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD) का कारण बनता है। इससे हृदय को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे व्यक्ति को एंजाइना पेन (Angina Pain) हो सकता है। यह लक्षण हार्ट अटैक की ओर भी इशारा कर सकता है।
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गर्दन, जबड़ा और कंधे में दर्द – हल्के लक्षण, लेकिन गंभीर कारण
बहुत से लोग गर्दन में जकड़न, जबड़े में भारीपन या कंधे में दर्द को सामान्य मानकर छोड़ देते हैं। लेकिन ये भी कोलेस्ट्रॉल के कारण रक्त प्रवाह की कमी का संकेत हो सकते हैं। कई बार दिल की समस्याएं केवल छाती में दर्द तक सीमित नहीं रहतीं, बल्कि उनका असर गर्दन और कंधे के आसपास के हिस्सों में भी महसूस होता है। महिलाओं में हार्ट अटैक के दौरान ये लक्षण ज्यादा आम होते हैं, इसलिए इन्हें नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।
हाथ-पैरों में सुन्नता और झुनझुनी – नसों तक ऑक्सीजन न पहुंचने का संकेत
कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से जब रक्त प्रवाह प्रभावित होता है, तो इसका असर शरीर के सिरों पर भी दिखता है। अगर आपको अक्सर हाथों या पैरों में झुनझुनी, सुन्नता या ठंडापन महसूस होता है, तो यह संकेत हो सकता है कि आपकी नसों तक पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण नहीं पहुंच रहा। यह स्थिति विशेषकर डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल वाले मरीजों में आम होती है, जिन्हें नसों की चोट का खतरा रहता है।
पैरों का रंग बदलना – गंभीर ब्लॉकेज की चेतावनी
अगर आपके पैरों का रंग नीला या गहरा बैंगनी दिखाई देता है, तो यह संकेत हो सकता है कि रक्त संचार में रुकावट है।यह स्थिति तब आती है जब धमनियों में इतना कोलेस्ट्रॉल जम जाता है कि रक्त प्रवाह बेहद धीमा या रुक जाता है। इसका इलाज समय रहते न किया गया तो यह गैंगरीन या अंग की क्षति जैसी गंभीर समस्या का कारण बन सकता है।
सिर में भारीपन या चक्कर आना – ब्रेन तक रक्त की कमी
जब कोलेस्ट्रॉल के कारण मस्तिष्क की रक्तवाहिकाएं प्रभावित होती हैं, तब व्यक्ति को सिर भारी लगना, चक्कर आना या ध्यान केंद्रित न कर पाना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह Transient Ischemic Attack (TIA) का संकेत हो सकता है, जिसे मिनी स्ट्रोक भी कहते हैं। यदि समय पर जांच न कराई जाए, तो यह पूर्ण स्ट्रोक में भी बदल सकता है।
आंखों के आसपास पीलापन या पीली रिंग – कोलेस्ट्रॉल के जमाव का संकेत
अगर आपकी आंखों के आसपास पीली परत या रिंग दिखाई देती है, तो यह xanthelasma हो सकता है। यह कोलेस्ट्रॉल के जमने से बनने वाली चर्बीयुक्त गांठ होती है, जो त्वचा के नीचे उभरती है। भले ही यह दर्द न करे, लेकिन यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल असंतुलन का स्पष्ट संकेत है।
समय रहते पहचानें संकेत और बचाएं जीवन
कोलेस्ट्रॉल धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाता है, इसलिए इसे 'साइलेंट किलर' भी कहा जाता है। अगर आप ऊपर बताए गए लक्षणों को नजरअंदाज करेंगे, तो यह आगे चलकर हार्ट अटैक, स्ट्रोक या ऑर्गन डैमेज जैसी गंभीर बीमारियों का रूप ले सकता है। इसलिए जरूरी है कि समय-समय पर लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराएं और संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, तनाव नियंत्रण और हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाएं।
कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखने के लिए सुझाव
हेल्दी डाइट लें – फाइबर, फल, सब्जियां और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाना खाएं।
फास्ट फूड, तली-भुनी चीजें और ट्रांस फैट से दूर रहें।
नियमित वॉक या एक्सरसाइज करें।
स्मोकिंग और शराब से परहेज करें।
स्ट्रेस को कंट्रोल में रखें।
समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराते रहें।
स्वस्थ जीवन के लिए जागरूक रहना जरूरी है, क्योंकि लक्षणों को समझकर ही आप गंभीर बीमारियों से समय रहते खुद को बचा सकते हैं।