Food Day: बच्चों की डाइट में करें ये 5 सुपर फूड, कोरोना काल में बीमारियों से रहेगा बचाव

punjabkesari.in Friday, Oct 16, 2020 - 01:45 PM (IST)

बच्चों की हैल्थ को लेकर मां- बाप हमेशा से ही टेंशन में रहते हैं। असल में, बच्चों का बीमारियों की चपेट में आने का खतरा  ज्यादा होता है। वैसे भी आज दुनियाभर में फैले कोरोना से बचने के लिए उनकी डेली डाइट में सही व पौष्टिक चीजों को शामिल करना बेहद जरूरी है। तभी उसकी इम्यूनिटी स्ट्रांग हो बीमारियों से बचाव रहने के साथ बेहतर तरीके से विकास होने में मदद मिलेगी। तो चलिए आज 'विश्व खाद्य दिवस' के मौके पर हम आपको ऐसी चीजों के बारे में बताते हैं, जिसे बच्चों की डेली डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। 

हरी-पत्तेदार सब्जियां

हरी व पत्तेदार सब्जियों में सभी जरूरी विटामिन्स, मिनरल्स, एंटी- ऑक्सीडेंट, एंटी- वायरल गुण होते हैं। रोजाना इससे तैयार सब्जियों या सूप का सेवन करने से शरीर को अंदर से मजबूती मिली है। अगर आप के बच्चे सब्जियों को खाने में आनाकानी करते हैं तो ऐसे में आप उन्हें इसका सैंडविच, सूप या उसकी मनपसंद चीज में मिलाकर खिला सकते हैं। इससे उसका टेस्ट बरकरार रहने के साथ स्वास्थ्य भी सही रहेगा। 

दूध 

प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन आदि तत्वों से भरपूर दूध का सेवन करने से बच्चे को सभी जरूरी तत्व आदि से मिल जाते हैं। बात अगर नवजात शिशु की करें तो उसके लिए दूध ही संपूर्ण आहार के तौर पर माना जाता है। ऐसे में बच्चे के विकास के लिए उसे रोजाना 2-3 गिलास दूध पिलाना चाहिए। इससे बच्चे की हड्डियां व मांसपेशियों में मजबूती आने के साथ इम्यूनिटी बढ़ने में मदद मिली है। 

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ताजे फल

बच्चे के विकास के लिए उसका बीमारियों से बचाव बेहद जरूरी है। ऐसे में रोजाना 1 कटोरी ताजे फलों का सेवन करना फायदेमंद होता है। इसमें फाइबर, विटामिन, प्रोटीन, कैल्शियम, एंटी- ऑक्सीडेंट, एंटी- वायरल आदि गुणों से भरपूर होने से पाचन तंत्र को मजबूत करने का काम करते हैं। इसके सेवन से पेट लंबे समय तक भरा रहता है। ऐसे में बाहर का जंक फूड व मसालेदार चीजों को खाने की परेशानी से राहत मिलती है। साथ ही नींबू, आंवला, संतरा, मौसमी आदि खट्टे फलों का सेवन करने से मसूड़ों व मांसपेशियों में मजबूती आती है। 

ड्राई फ्रूट्स

शारीरिक व मानसिक रूप से बच्चे का विकास करने के लिए उसकी डाइट में ड्राई फ्रूट्स यानि सूखे मेवों को जरूर शामिल करें। इसमें आयरन अधिक मात्रा में होने से खून की कमी पूरी होती है। साथ ही फाइबर अधिक होने से बार- बार भूख लगने की परेशानी से राहत मिलती है। ऐसे में बच्चे का वजन भी कंट्रोल में रहता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर सूखे मेवों का सेवन करने से दिमाग के विकास में मदद मिलती है। आप रातभर भिगे या फिर इसे किसी चीज में मिल कर भी बच्चों को खिला सकते हैं।

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दाल का पानी

प्रोटीन से भरपूर दाल का सेवन करना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। बच्चे के 6 महीने का होने बाद उसे दाल का पानी और 1 साल के होने पर पतली दाल बनाकर खिलानी चाहिए। इससे उसके शरीर का सही तरीके विकास होने के साथ चुस्ती व फुर्ती आती है। 

इन बातों का भी रखें ध्यान 

- बच्चों के डेली रूटीन को सेट करें। 
- उसके खाने, सोने व खेलने का समय तय करें। 
- शुरू से ही बच्चे को हल्का- फुल्का योगा करना सिखाएं। 
- बाहर की जगह घर का बना भोजन खाने की आदत डालें।
- घंटों टीवी व लैपटॉप का इस्तेमाल न करने दें। 
- बच्चे को खुद की साफ- सफाई का ध्यान रखने की आदत डालें। 
- घंटों घर बैठे रहने की जगह बच्चों को बाहर खेलने के लिए प्रेरित करें। 
 


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neetu

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