शरीर में होने वाले हर दर्द का इलाज है हल्दी

punjabkesari.in Tuesday, Jul 17, 2018 - 06:00 PM (IST)

हल्दी एक भारतीय मसाला है, जिसका इस्तेमाल लगभग घर में खाने का टेस्ट बढ़ाने के साथ-साथ स्किन की कई प्रॉबल्म दूर करने के लिए भी किया जाता हैं। हल्दी में विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और प्रोटीन होता है, जो हल्दी को एंटी-इंफ्लेमेटॉरी ,एंटी- ऑक्सीडेंट, एंटी-फंगल, एंटीसेप्टिक और कैंसर विरोधी घटक बनाने का काम करते हैं। हल्दी का इस्तेमाल जहां चेहरे की रंग निखारने में होता है, वहीं हल्दी स्वास्थ्य संबंधी प्रॉबल्म को दूर करने में कारगर होती है। इसके अलावा हल्दी एक दर्द निवारक औषधी भी हैं, जिसका इस्तेमाल सदियों किया आता जा रहा है। 
    

 

हल्दी ओस्टियोआर्थराइटिस, रूमेटोइड अर्थराइटिस , गठिया, मांसपेशियों में दर्द, पोस्ट-ऑपरेटिव दर्द और फाइब्रोमाल्जिया से जुड़े दर्द से छुटकारा पाने में मदद करती है। हल्दी में मौजूद कर्कुमिन(curcumin) नामक तत्व होता है जो दर्द को दूर करने में मदद करता हैं। हल्दी का इस्तेमाल आप अपनी रूटीन लाइफ में किसी भी तरह जैसे हल्दी चाय या हल्दी दूध और हल्दी के पानी के रूप में कर सकते है। 

 


1. ऑस्टियोआर्थराइटिस
ऑस्टियोआर्थराइटिस की बीमारी चिकने ऊतकों(जो हड्डियों के जोड़ को ढकते है) को नुकसान पहुंचाती है। इस बीमारी में हड्डियों के जोड़ का किनारा बढ़ जाता है, जिस वजह से हड्डी या जोड़ के टिश्यू टूट सकते है और दर्द की शिकायत रहती है। ऑस्टियोआर्थराइटिस एक गठिया रोग की तरह होता है जो केवल जोड़ो को प्रभावित करता है। ऐसे में हल्दी का अर्क इस समस्या में काफी फायदेमंद साबित होता है। 

 

2. रयूमेटायड अर्थराइटिस 
रयूमेटायड अर्थराइटिस एक प्रकार का गठिया है, जो यूरिक एसिड के बढ़ने के कारण होता है। इस बीमारी में मरीज की उंगलियों, कलाइयों, पैरों, टखनों, कूल्हों और कंधों में दर्द और सूजन रहने लगती है। हल्दी में मौजूद कर्कुमिन एंटीऑक्सीडेंट इससे छुटकारा दिलाने में काफी कारगर है।

 

3. गठिया
गठिया दर्द की शिकायत अधिकतर लोगों को रहती है जो सर्दियों में और भी बढ़ जाती है। हल्दी में मौजूद कर्कुमिन तत्व गठिया दर्द को दूर करता है और सूजन की शिकायत भी कम होती है। 

 

4. मांसपेशियों में दर्द
ज्यादा एक्सरसाइज और बिना एक्सपर्ट के वर्कआउट करने की वजह से अक्सर मांसपेशियों में दर्द रहने लगते है। कई बार तो हड्डी टूटने का भी डर बना रहता है। शोध का मुताबिक, व्यक्ति के लिए डैली रूटीन में वर्कआउट से पहले कर्कुमिन सप्लीमेंट लेना बहुत जरूरी है। इसके अलावा अपनी रूटीन लाइफ में हल्दी दूध या चाय को शामिल करके किसी वर्कआउट संबंधित दर्द और सूजन से बचा जा सकता है। 

 

5. फाइब्रोमायल्जिया
फाइब्रोमायल्जिया के कारण पूरे शरीर में दर्द और थकान महसूस होती रहती है, जिसकी शिकार ज्यादातर महिलाए होती हैं। फाइब्रोमायल्जिया का दर्द दूर करने के लिए कर्कुमिन तत्व काफी कारगर साबित होता है। एक शोध का मानना है कि कर्कुमिन की मात्रा लेने से 24 से 48 घंटों के भीतर फाइब्रोमायल्जिया के दर्द से राहत पाई जा सकती है। 


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Sunita Rajput

Recommended News

Related News

static