Harry Potter के फैंस के लिए बुरी खबर, ''प्रोफेसर डंबलडोर'' ने इस दुनिया को कहा अलविदा
punjabkesari.in Friday, Sep 29, 2023 - 10:20 AM (IST)
हैरी पॉटर के फैंस के लिए बुरी खबर है। जानेमाने अभिनेता माइकल गैम्बन ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। हॉलीवुड की मशहूर हैरी पॉटर सीरीज में प्रोफेसर एल्बस डम्बलडोर का किरदार निभाने वाले एक्टर ने 82 की उम्र में आखिरी सांस ली। माइकल गैम्बन के निधन से परिवार के साथ- साथ फैंस भी बुरी तरह से टूट गए हैं।
गैम्बन को ‘हैरी पॉटर' की आठ फिल्मों में से छह में हॉगवर्ट्स के हेडमास्टर एल्बस डंबलडोर के किरदार के लिए जाना जाता है। उनके प्रचारक ने उनके परिवार के हवाले से जारी एक बयान में कहा कि उन्हें "निमोनिया" हो गया था। एक्टर के परिवार की ओर से कहा गया- ‘‘हमें सर माइकल गैम्बन के निधन की घोषणा करते हुए बहुत दुख हो रहा है। माइकल का अस्पताल में निधन हो गया, उस दौरान उनकी पत्नी ऐनी और बेटा फर्गस उनके पास थे।''
RIP #MichaelGambon - you will be missed!
— Jason Frazer (@ITSJASONFRAZER) September 28, 2023
“Happiness can be found, even in the darkest of times, if one only remembers to turn on the light” - Prof. Albus Percival Wulfric Brian #Dumbledore pic.twitter.com/lIQqQKkklp
परिवार ने अपने बयान में यह भी कहा कि- हम सभी आपसे आग्रह करते हैं कि इस दर्दभरे समय में हमें प्राइवसी दे. आप सभी के सपोर्ट और प्यार भरे मैसेज का शुक्रिया। बता दें कि माइकल गैम्बन को प्यार से 'द ग्रेट गैम्बन' बुलाया जाता था आयरलैंड की राजधानी डबलिन में 1940 में जन्मे माइकल ने 1965 में उन्होंने फिल्म ओथेलो से डेब्यू किया था। अपने 54 साल के लंबे फिल्मी करियर में माइकल को असली पहचान हैरी पॉटर से ही मिली थी।।
इस फिल्म से वह प्रोफेसर डंबलडोर के रूप में दुनियाभर में फेमस हो गए थे। माइकल को इसके बाद से प्रोफेसर डंबलडोर के रूप में ही जाना जाने लगा था। उन्होंने हैरी पॉटर सीरीज की तीसरी फिल्म से लेकर आखिरी फिल्म तक डम्बलडोर का रोल प्ले किया था। पांच दशकों से अधिक समय तक के अपने करियर में गैम्बन ने चाहे जो भी भूमिका निभाई, उनकी आवाज से उनकी पहचान सहजता से की जा सकती थी।
रिचर्ड हैरिस की वर्ष 2002 में मृत्यु के बाद गैम्बन को डंबलडोर की भूमिका निभाने के लिए चुना गया था। गैम्बन ने एक बार स्वीकार किया था कि उन्होंने जे के राउलिंग की सबसे अधिक बिकने वाली किताबों में से कोई भी नहीं पढ़ी है। इसके लिए उन्होंने दलील दी थी कि किताबों से बहुत अधिक प्रभावित होने के बजाय पटकथा का अनुपालन करना अधिक सुरक्षित है।