Radhika Yadav Murder Case में चौंकाने वाला खुलासा, पड़ोसी के दावे से केस में आया नया मोड़
punjabkesari.in Sunday, Jul 13, 2025 - 10:59 AM (IST)

नारी डेस्क: हरियाणा के गुरुग्राम में रहने वाली 25 वर्षीय टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या का मामला अब एक साधारण पारिवारिक झगड़े से कहीं ज़्यादा गहरा और चौंकाने वाला होता जा रहा है। पहले यह मामला ऑनर किलिंग यानी इज़्ज़त के नाम पर की गई हत्या के तौर पर देखा जा रहा था लेकिन अब जो बातें सामने आ रही हैं, वे इस घटना को एक पहले से रची गई साजिश की शक्ल दे रही हैं।
नाश्ता बना रही थी राधिका, तभी पिता ने मारी गोली
यह दर्दनाक वारदात गुरुवार, 10 जुलाई को सुबह करीब 10:30 बजे गुरुग्राम के सुशांत लोक-2, ब्लॉक-जी में हुई। राधिका अपने घर के किचन में नाश्ता बना रही थी, तभी उसके पिता दीपक यादव ने उसकी पीठ पर चार गोलियां दाग दीं। यह परिवार एक तीन मंजिला मकान में रहता था, और घटना के समय घर पर सिर्फ राधिका और उसका पिता ही मौजूद थे।
गुरुग्राम पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी संदीप कुमार ने मीडिया को बताया कि यह हत्या किसी गुस्से के बहाव में नहीं की गई, बल्कि पहले से इसकी पूरी प्लानिंग की गई थी। पूछताछ में दीपक यादव ने कबूल किया है कि वह कई हफ्तों से राधिका की शादी को लेकर बहुत परेशान था। राधिका अपनी पसंद के लड़के से शादी करना चाहती थी, जो जाति से अलग था, और यह बात उसके पिता को बिल्कुल मंजूर नहीं थी।
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हत्या वाले दिन की साजिश ऐसे रची गई
हत्या से ठीक पहले दीपक यादव ने जानबूझकर रोजाना के कामों में बदलाव किया। आम तौर पर वह दूध लाने खुद जाता था, लेकिन उस दिन उसने यह ज़िम्मेदारी अपने बेटे को दी, ताकि वह घर पर राधिका के साथ अकेला रह सके। जैसे ही घर में कोई और नहीं था, उसने मौका देखकर राधिका पर गोलियां चला दीं।
जाति से बाहर शादी से था नाराज पिता
पुलिस के मुताबिक राधिका एक ऐसे युवक से शादी करना चाहती थी, जो उसकी जाति से नहीं था। यह बात उसके पिता दीपक यादव को बुरी तरह खल रही थी। राधिका के गांव वजीराबाद के एक पड़ोसी ने भी बताया कि दीपक काफी पुराने सोच वाला इंसान था और वह किसी भी हालत में बेटी की अंतरजातीय शादी को स्वीकार करने को तैयार नहीं था।
पहले भी कई बार हो चुकी थी बहस
पुलिस जांच में यह बात भी सामने आई है कि पिछले कुछ हफ्तों में राधिका और उसके पिता के बीच इस मुद्दे को लेकर कई बार बहस हो चुकी थी। राधिका अपने फैसले पर अड़ी हुई थी, लेकिन दीपक इस बात को बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था। आखिरकार, यह लगातार बढ़ता तनाव एक दिन इस हद तक पहुंच गया कि पिता ने अपनी ही बेटी की जान ले ली।