Parenting Tips: घर रहकर बच्चा हो गया है जिद्दी तो अपनाएं ये टिप्स
punjabkesari.in Sunday, Feb 27, 2022 - 12:24 PM (IST)
कोरोना कहर के कारण ज्यादातर छोटे बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है। मगर इसपर कई पेरेंट्स की शिकायत हैं कि बच्चे इसतरह घर रहकर जिद्दी हो रहे हैं। ऐसे में बच्चे के इस व्यवहार को बदलने या सुधारने के लिए आप कुछ टिप्स अपना सकते हैं। चलिए जानते हैं इसके बारे में...
बच्चे को अटेंशन दें
आमतौर पर बच्चे की ओर ध्यान ना देने से वे जिद्दी होने लगते हैं। ऐसे में आप उनके साथ ज्यादा से ज्यादा समय बताएं। आप उनके साथ कोई गेम खेल सकते हैं। इसके अलावा उन्हें किचन में नो बेक और गैस कुकिंग करवा सकते हैं।
बच्चों का मूड समझने की कोशिश करें
हर पेरेंट्स को बच्चे का माइंडसेट समझने की कोशिश करनी चाहिए। अगर आप बच्चे के मूड मुताबिक उनसे बात करेंगी तो उन्हें अच्छा लगेगा। इसके साथ ही उनके सामने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करें जो वे समझते हो। इससे वे आपकी बात जल्दी समझेंगे और मानेंगे। इसके विपरित बच्चों को बड़ों की बात समझ ना आने पर वे अपनी मनमर्जी करने लगते हैं।
बच्चों से हंसकर बात करें
कई पेरेंट्स अक्सर बच्चों से गुस्से में बात करते हैं। मगर ऐसा व्यवहार बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसके कारण बच्चे के मन में नेगेटिविटी बढ़ती है। इस स्थिति में वे एकदम चुप या जिद्दी होने लगते हैं। कई बार तो बच्चे आगे से जवाब भी देने लगते हैं। इसलिए बच्चे से हमेशा हंसकर बात करें। अगर आप उनके साथ सही तरीके व हंसकर बात करेंगे तो वे आपकी जल्दी सुनेंगे। इसके साथ ही उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
बच्चों का रोल मॉडल बनने की कोशिश करें
बच्चे अपने पेरेंट्स को जल्दी फॉलो करते हैं। ऐसे में उनका रोल मॉडल बनने की कोशिश करें। इसके लिए बच्चे के साथ समय बीताएं। उनकी छोटी-बड़ी हर जरूरत का ध्यान रखें। बच्चे की बातों को ध्यान से सुने और हर काम में उनका साथ व मदद दें। तौर पर बच्चा पेरेंट्स की बात टालकर खेलने लगता है। ऐसे में पेरेंट्स को गुस्सा आ जाता है। ठीक उसी तरह जब बच्चे मां-बाप से कोई बात करते हैं तो वे फोन, लैपटॉप या अपने किसी काम में बिजी रहते हैं। ऐसे में आपको सबसे पहले अपनी आदत को सुधारना होगा।
एक समय एक ही बात करें
छोटे बच्चों के साथ एक समय में एक ही बात करनी चाहिए। कई बार मां-बाप एक ही समय कई टॉपिक पर बात करने लगते हैं। मगर इसे बच्चा सही से समझ नहीं पाता है। ऐसे में वह बात में रुचि लेना छोड़ देता है। इसतरह वह पेरेंट्स की बातों सुनने या समझने की जगह खेलने लगता है। इसलिए कुछ ना करें जिससे बच्चे कंफ्यूज हो जाएं। इससे आपके बच्चे जिद्दी भी हो सकते हैं।
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