फूलों की बारिश के साथ शुरु हुआ प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम, कुछ ऐसा था दिल छू लेने वाला नजारा
punjabkesari.in Monday, Jan 22, 2024 - 03:54 PM (IST)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम होने के बाद पूरी रामनगरी इस समय जय श्रीराम के नारों से गूंज उठी है। चौराहे से लेकर गलियों हर कई जय श्रीराम के नारे लगाए जा रहे हैं। वहीं भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर द्वारा राम मंदिर के ऊपर पुष्पवर्षा की गई है। राम मंदिर उद्घाटन के बाद अयोध्या के लता मंगेशकर चौक, चूड़ामणी चौराहा अंडर पास, हनुमान गढ़ी, भरतकुंड समेत सभी इलाकों में लोगों द्वारा जय श्रीराम के नारे लगाए गए।
#WATCH | Flower petals being showered down from a helicopter over Shri Ram Janmabhoomi Temple premises in Ayodhya.
— ANI (@ANI) January 22, 2024
(Video Source: Uttar Pradesh CMO) pic.twitter.com/ifvVoy6UwN
प्रधानमंत्री ने किया प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से अयोध्या अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे थे। हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद हेलीकॉप्टर के द्वारा अयोध्या धाम में पहुंचे। जब पीएम ने भगवान राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा की गई तो लोगों ने कहा कि 500 साल से ज्यादा समय का इंतजार आज पूरा हुआ है। इस दौरान कुछ ऐसे रामभक्त भी थे जो रामलला की पहली झलक पाते ही रो पड़े। लोगों के द्वारा जय श्रीराम के नारे लगाए गए। साथ ही लोगों ने कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्व में ही यह संभव था।
इसलिए है मूर्ति का रंग काला
महार्षि वाल्मीकि ने रामायण में भगवान श्रीराम के श्यामल रुप के ही वर्णन किया गया है। इसलिए प्रभु को श्यामल रुप में पूजा जाता है। वहीं श्रीराम की मूर्ति का निर्माण श्याम शिला के पत्थर से किया गया है। यह पत्थर बेहद ही खास है। श्याम शिला की आयु हजारों वर्ष मानी जाती है। यही कारण है कि मूर्ति हजारों सालों तक अच्छी अवस्था में रहेगी और इसमें किसी भी तरह का बदलाव नहीं आएगा। वहीं हिंदू धर्म में पूजा पाठ के दौरान अभिषेक भी किया जाता है ऐसे में मूर्ति को जल, चंदन, रोली या दूध जैसी चीजों से भी कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।
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बालस्वरुप में इसलिए बनाई गई है प्रतिमा
मान्यताओं के अनुसार, जन्म भूमि में बाल स्वरुप की ही उपासना की जाती है इसलिए भगवान श्रीराम की मूर्ति बाल स्वरुप में बनाई गई है।
जरुरी है मूर्ति में प्राण डालना
प्राण-प्रतिष्ठा का अर्थ होता है कि मूर्ति में प्राण डालना। बिना प्रतिष्ठा के मूर्ति पूजन पूरा नहीं माना जाता। मूर्ति में प्राण डालने के लिए मंत्र उच्चारण के साथ देवों का आवाहन किया जाता है इसलिए जिस प्रतिमा को पूजा जाता है उसकी प्राण-प्रतिष्ठा करना जरुरी माना जाता है।