PCOD के कारण 95kg बढ़ गया था दीक्षा का वजन, अब लोगों को दे रही फिटनेस ट्रेनिंग
punjabkesari.in Monday, Jul 13, 2020 - 02:45 PM (IST)
खराब जीवनशैली और गलत खान-पान के चलते मोटापा आजकल हर किसी की समस्या बन गया है। खासकर प्रेगनेंसी, पीसीओडी, गलत लाइफस्टाइल के चलते महिलाओं को वजन बढ़ने की समस्या सबसे अधिक होती। कई बार तो महिलाएं वजन घटाने को नामुमकिन समझ लेती हैं और हार मान लेती हैं। मगर, दीक्षा मल्लिक छाबड़ा ने कुछ समय में ही वजन घटाकर इस धारणा को गलत साबित कर दिया।
कौन है दीक्षा छाबड़ा?
स्टार्ट-अप DCFC की संस्थापक दीक्षा एक फिटनेस एक्सपर्ट , ब्लॉगर और मॉडल हैं। वह "मिसेज इंडिया अर्थ" में 2 रनर-अप रह चुकी हैं। साथ ही वह साल 2017-18 मिसेज बॉडी कॉम्पिटिशन में भी हिस्सा ले चुकीं है। मध्य प्रदेश के जबलपुर में जन्मी दीक्षा के पिता एक बिजनेसमैन और उनकी मां रिटायर्ड शिक्षका हैं। वहीं उनके पति एक सेवारत सेना अधिकारी हैं । श्रीमती छाबड़ा ने सेंट अलॉयसियस कॉलेज में पढ़ाई की और ICFAI यूनिवर्सिटी से HR में MBA भी किया। वह इसके साथ ही उन्होंने K11 से अपना स्पोर्ट्स न्यूट्रिशन कोर्स पूरा किया। वह ऑन न्यूट्रीशन, HCWA (श्रीमती इंडिया अर्थ परोपकार साथी) की हेल्थ और न्यूट्रिशन एंबेसडर भी हैं।
2 साल पहले 95kg बढ़ गया था दीक्षा का वजन
आज एकदम फिट दिखने वाली दीक्षा पहले ऐसी नहीं थी। 2 साल पहले उनका वजन लगभग 95 कि.लो. बढ़ गया था और आज वह दूसरी महिलाओं को वजन कम करने और फिट रहने के लिए प्रेरित करती है। उसकी कहानी सिर्फ वजन कम करने के बारे में नहीं है, बल्कि कड़ी मेहनत, धैर्य और गंभीर दृढ़ संकल्प की भी है।
PCOD था बढ़ते वजन का कारण
दरअसल, पीसीओडी के चलते उनका वजन 96 कि.लो. तक बढ़ गया था, जिसके कारण उनके आत्मविश्वास में भी कमी आई। डॉक्टर्स ने उन्हें वजन घटाने की सलाह दी। फिर उन्होंने अपनी आंतरिक शक्ति को समझा और वजन घटाने का निर्णय लिया। शुरूआत में उन्होंने 5kgs कम करने का निर्णय लिया।
दवा या किसी डाइट से नहीं घटाया वजन
दीक्षा ने वजन घटाने के लिए दवा या क्रैश को फॉलो नहीं किया। इसके लिए उन्होंने एक्सरसाइज का सहारा लिया। उनका कहना है कि लोगों को लगता है कि वर्काउट से बॉडी बनती है जबकि ऐसा नहीं है। उन्होंने वजन घटाने के लिए वर्काउट के साथ हेल्दी डाइट को भी फॉलो किया और नतीजा आपके सामने है।
बता दें कि उन्हें वर्ष 2018 में वुमन अचीवर के रूप में "यूजेड इंडिया फाउंडेशन" द्वारा सम्मानित किया गया था। हाल ही में उन्हें महिलाओं और शिक्षा पर राष्ट्रीय नेतृत्व शिखर सम्मेलन 2018 में "वूमन ऑफ कलर" के रूप में उनकी भूमिका के लिए सम्मानित किया गया है।