सऊदी अरब में भी दिखी नारी शक्ति! मक्का मस्जिद में पहली बार तैनात हुईं महिला सुरक्षाकर्मी
punjabkesari.in Thursday, Jul 22, 2021 - 11:47 AM (IST)
साल 2018 में सऊदी सरकार ने महिलाओं के हक़ में कई ऐसे अहम फ़ैसले लिए, जिससे सऊदी अरब के समाज में बदलाव देखने को मिला, खासकर महिलाओं के अधिकारों में। बतां दें कि सऊदी अरब के पवित्र स्थल मक्का की सिक्योरटी में महिला सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। बतां दें कि ऐसा पहली बार हुआ है जब सऊदी सरकार ने मक्का मस्जिद की सुरक्षा में महिला सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया हो। यहां पर तैनात महिला सुरक्षाकर्मी हज करने आने वाले तीर्थयात्रियों की मदद कर रही हैं।
मक्का एवं मदीना में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा में तैनात हुई महिला सुरक्षाकर्मी
एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिते अप्रैल महीने से महिला सुरक्षा के इस दस्ते में दर्जनों महिलाएं शामिल हुई हैं। अब ये महिलाएं इस्लाम के अहम स्थलों मक्का एवं मदीना में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा में तैनात हुई हैं। इन्हीं में से एक मोना का कहना कि वह अपने दिवंगत पिता की प्रेरणा से इस बल में शामिल हुईं।
हज यात्रियों की सेवा करना अत्यंत ही सम्मानजनक काम
वहीं, मक्का में तैनात एक महिला सुरक्षाकर्मी मोना ने इस पर अपना अनुभव बताया। बतां दें कि खाकी यूनिफॉर्म, जैकेट और काली टोपी पहने मोना मक्का की ग्रैंड मस्जिद के चारों तरफ सुरक्षा का ध्यान रखती हैं। अपना पारिवारिक नाम बताने से इंकार करते हुए मोना ने कहा कि मैं सबसे पवित्र स्थल मक्का में तैनात होकर अपने दिवंगत पिता की अधूरे सपने को पूरा कर रही हूं। हज यात्रियों की सेवा करना अत्यंत ही सम्मानजनक काम है।
सऊदी अरब को आधुनिक बनाने की तैयारी में है प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान
बतां दें कि सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अपने इस देश को आधुनिक बनाने की तैयारी में है। इसके लिए उन्होंने बीते समय में कई सामाजिक एवं आर्थिक बदलाव किए हैं। सलमान सऊदी अरब के बारे में प्रचलित सोच के बारे में बदलाव चाहते हैं। उन्होंने विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए लीक से हटकर फैसले भी किए हैं।
बतां दें कि सऊदी अरब ने पिछले कुछ सालों से महिलाओं के अधिकारों में बड़े बदलाव किए हैं। अपने 'विजन 2030' के तहत सऊदी प्रिंस ने महिलाओं के वाहन चलाने पर लगे प्रतिबंध को हटाया। इतना ही नहीं वयस्क महिलाओं को अपने अभिभावकों की अनुमति के बगैर यात्रा करने की इजाजत दी और परिवारिक मामलों में महिलाओं को ज्यादा अधिकार दिए।