शीशा देखकर पता लगाएं कि आपका Liver Fatty है या नहीं? डॉ. की बात गौर करनी जरूरी
punjabkesari.in Saturday, Nov 01, 2025 - 06:36 PM (IST)
नारी डेस्कः फैटी लिवर की समस्या इस समय इतनी आम सुनने को मिल रही है कि आप छोटे बच्चे से लेकर उम्रदराज, हर वर्ग के लोगों इसकी चपेट में आ रहे हैं। मुश्किल की बात यह है कि फैटी लिवर होने की जानकारी लोगों को तब होती है जब बीमारी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है लेकिन घर बैठें इस समस्या को समय पर पकड़ा जा सकता है। डॉ शिव कुमार सरीन की मानें तो शीशा देखकर भी आप खुद से पता लगा सकते हैं कि आपका लिवर फैटी है या नहीं। चलिए आपको इस बारे में ही बताते हैं।
फैटी लिवर होने के दो प्रकार- पहला नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर (NAFLD) और दूसरी अल्कोहलिक फैटी लिवर (AFLD)
फैटी लिवर एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर में फैट की मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती है और फैटी लिवर के दो प्रकार होते हैं, पहला नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर (NAFLD) और दूसरी अल्कोहलिक फैटी लिवर (AFLD)। नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर होने का सीधा संबंध आपके अनहैल्दी लाइफस्टाइल से है। अधिकतर खराब खानपान, मोटापा, डायबिटीज और इनएक्टिव लाइफस्टाइल, जबकि अल्कोहलिक फैटी लिवर की वजह अधिक शराब का सेवन करना है।
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शीशे में नजर आ सकते हैं फैटी लिवर के संकेत
इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बाइलरी साइंसेज (ILBS) के डायरेक्टर, हेपेटोलॉजिस्ट और गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. शिवकुमार सरीन ने इंटरव्यू ने इस बारे में बहुत जरूरी जानकारी लोगों के साथ साझा की।
क्या कहते हैं डॉ. सरीन?
डॉ. सरीन के अनुसार, एक व्यक्ति अपनी गर्दन पर काली लाइन देखकर ही पता लगा सकता है कि उसकी मेटाबॉलिक हेल्थ अच्छी नहीं है मतलब इंसुलिन रेजिस्टेंस है। इसे चैक करने के लिए उन्होंने कहा कि लोग शीशे के सामने खड़े होए और पीछे किसी दोस्त महिला या पुरूष से कहें कि वो आपकी गर्दन देखें यदि गर्दन में काली लाइनें दिखती हैं तो ये एक बड़ा संकेत हैं क्योंकि ये लाइन अक्सर डायबिटीज या फैटी लिवर का संकेत हो सकती हैं।

क्या होती हैं गर्दन पर पड़ी ये काली लाइनें?
काली गर्दन, जिसे कुछ मामलों में एकेंथोसिस निग्रिकन्स (acanthosis nigricans) भी कहा जाता है। ऐसा तब होता है जब गर्दन की त्वचा काली, मखमली, मोटी और रंगहीन हो जाती है और धीरे-धीरे यह शरीर के अन्य हिस्सों जैसे बगल, कमर या अंगुलियों के जोड़ों तक भी फैल सकती है।
बहुत से लोग इसे ब्यूटी से जोड़ कर देख लेते है जबकि ये काली गर्दन अक्सर आंतरिक असंतुलन का संकेत होती है न कि केवल एक कॉस्मेटिक समस्या का। इसके समाधान के लिए केवल ब्लीचिंग या स्क्रबिंग की नहीं, बल्कि उसके मूल-कारण को जानने की भी जरूरत होती है जिसकी सही स्टीक जानकारी आपको डॉक्टर से जांच के बाद ही पता चल सकती है।
फैटी लिवर के लक्षण क्या हैं?
शुरुआती अवस्था में यह बीमारी कोई लक्षण नहीं दिखाती लेकिन समय के साथ थकान, पेट में भारीपन और खाया पिया ना पचना, उल्टी जी मचलाना और पाचन संबंधी समस्याएं महसूस हो सकती हैं। अगर इसका इलाज समय पर न किया जाए तो यह सिरोसिस या लिवर फेलियर जैसी गंभीर बीमारियों में भी बदल सकता है।
लिवर को हैल्दी रखने के लिए लिक्विड डाइट में ताजे फलों का जूस, नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी का सेवन अधिक करना चाहिए। बैलेंस डाइट, रोजाना एक्सरसाइज और शराब का परहेज बहुत जरूरी है। याद रखिए कि समय-समय पर जांच और डॉक्टर की सलाह से लिवर को हैल्दी रखा जा सकता है।

