पिता की जिद्द ने कमल हासन को बनाया सुपरस्टार, कमाई के मामले में फिल्में तोड़ चुकी हैं रिकॉर्ड

punjabkesari.in Monday, Nov 07, 2022 - 06:11 PM (IST)

जानेमाने अभिनेता कमल हासन आज 68 वर्ष के हो गये। उन्होंने अपने सिने करियर की शुरूआत बतौर बाल कलाकार 1960 में प्रदर्शित फिल्म ‘‘कलाथुर कनम्मा'' से की। ए. भीम सिंह के निर्देशन में बनी इस फिल्म में उन्होंने अपने दमदार अभिनय से न सिर्फ दर्शकों का दिल जीता बल्कि वह राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किये गये। उनके पिता चाहते थे कि वह अभिनेता बने और इसे सपने को पूरा करने के लिए कमल हासन ने फिल्मी दुनिया में कदम रखा। उनके खाते में सर्वाधिक 19 फिल्म फेयर अवार्ड जीतने का रिकॉर्ड, चार राष्ट्रीय फिल्म अवार्ड के रिकॉर्ड दर्ज हैं।  

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पिता के कहने पर छोड़ी पढ़ाई 

कमल हासन का जन्म 07 नवंबर 1954 को तमिलनाडु के परमकुडी में हुआ था। सत्तर के दशक में अपने पिता के जोर देने पर उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और अपना ध्यान फिल्म इंडस्ट्री कीओर लगा दिया। इस बीच. अपने पिता के कहने पर उन्होंने नृत्य की भी शिक्षा हासिल की और कुछ फिल्मों में सहायक नृत्य निर्देशक के रूप में भी काम किया। वर्ष 1973 में कमल हसन को दक्षिण भारत के जाने फिल्मकार के. बालचंद्र की फिल्म ‘‘अरंगेतरम'' में काम करने का अवसर मिला। वर्ष 1975 में प्रदर्शित फिल्म ‘‘अपूर्वा रंगानगल'' मुख्य अभिनेता के रूप में उनको सिने कैरियर की पहली हिट साबित हुयी।

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एक के बाद एक दी की कई फिल्में

वर्ष 1977 में प्रदर्शित फिल्म ‘‘16 भयानिथनिले'' की व्यावसायिक सफलता के बाद कमल हसन स्टार कलाकार बन गये। वर्ष 1981 में उन्होंने  हिंदी फिल्मों की ओर भी अपना रूख कर लिया और निर्माता एल. प्रसाद की फिल्म ‘‘एक दूजे के लिये'' में अभिनय किया। वर्ष 1982 में कमल हसन की एक और सुपरहिट तमिल फिल्म ‘‘मुंदरम पिरई रिलीज'' हुयी जिसके लिये वह अपने सिने करियर में पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किये गये। बाद में वर्ष 1983 में ‘‘सदमा'' शीर्षक से यह फिल्म हिंदी में भी रिलीज हुई। वर्ष 1985 में कमल हासन को रमेश सिप्पी की फिल्म ‘‘सागर'' में ऋषि कपूर और डिंपल कपाडिया के साथ कामकरने का अवसर मिला। 

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फिल्म फेयर पुरस्कार से हो चुके हैं सम्मानित

आर. डी. बर्मन के सुपरहिट संगीत और अच्छी पटकथा के बावजूद यह फिल्म टिकट खिड़की पर असफल साबित हुयी लेकिन कमल हसन के अभिनय को दर्शकों ने खूब सराहा। इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय के कमल हासन सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किये गये । वर्ष 1985 में कमल हासन की एक और सुपरहिट फिल्म ‘‘गिरफ्तार'' प्रदर्शित हुयी। जिसमें उन्हें सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का अवसर मिला। वर्ष 1987 कमल हासन के सिने करियर का अहम वर्ष साबित हुआ। इस वर्ष उन्होंने एक मूक फिल्म ‘‘पुष्पक'' में सशक्त अभिनय से दर्शकों को अचंभित कर दिया। वर्ष 1987 में ही उनको मणिरत्नम की फिल्म ‘‘नायकन'' में भी काम करने का मौका मिला। फिल्म में वेलु नायकर केकिरदार को कमल हसन ने जीवंत कर अपना नाम भारत के महान अभिनेताओं में शुमार करा दिया। कमल हासन ‘‘नायकन'' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजे गये ।

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फिल्म ‘‘अप्पू राजा'' से जीत लिया दर्शकों का दिल 

वर्ष 1990 में प्रदर्शित फिल्म ‘‘अप्पू राजा'' में कमल हसन ने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया। इस फिल्म में यूं तो उन्होंने तीन अलग अलग भूमिकाए कीं लेकिन ऊंची कद काठी के रहते हुये भी उन्होंने जिस तरह तीन फुट के बौने के रूप में अपने आप को ढ़ालकर कर दर्शकों अचंभित कर दिया। वर्ष 1996 में उनके सिने कैरियर की एक और महत्वपूर्ण फिल्म ‘‘इंडियन'' प्रदर्शित हुयी। एस .शंकर के निर्देशन में बनी फिल्म में उन्होंने दोहरे किरदार को रूपहले पर्दे पर साकार किया। फिल्म में दमदार अभिनय के लिये कमल हासन अपने करियर में तीसरी बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किये गये । वर्ष 1998 में कमल हासन ने हिंदी फिल्मों में निर्देशन के क्षेत्र में भी कदम रख दिया और ‘‘चाची 420'' में अभिनय के साथ निर्देशन भी किया। उन्होंने चार दशक लंबे सिने करियर में अब तक लगभग 200 फिल्मों में अपने अभिनय का जौहर दिखा चुके है। 

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फिल्म विश्वरूपम रही  सुपरहिट

हिंदी फिल्मों के अलावा उन्होंने तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ फिल्मों में भी काम किया। बहुमुखी प्रतिभा के धनी कमल हसन ने न केवल अभिनय की प्रतिभा से बल्कि गायकी, निर्माण, निर्देशन, पटकथा लेखक, गीतकार नृत्य निर्देशन, पटकथा और गीत लेखन तथा नृत्य निर्देशन से भी सिने प्रेमियों को अपना दीवाना बनाया है। वर्ष 1981 में कमल हासन ने निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया और ‘‘राजा पारवई'' का निर्माण किया। इसके बाद उन्होंने अपूर्व सहोदरगल 1989, थेवर मगन 1992, चाची 420 1998, हे राम 2000 और मुंबई एक्सप्रेस 2005 का भी निर्माण किया। कमल हसन ने कई फिल्मों की कहानी भी लिखी है। इनमें विरासत 1997 और बीबी नंबर वन 1999 प्रमुख है।वर्ष 2008 में कामल हसन की फिल्म ‘‘दशावतारम'' प्रदर्शित हुयी जिसमें दर्शकों को उनके अभिनय का नया रंग देखने को मिला। इस फिल्म में उन्होंने दस अलग अलग भूमिकाएं निभाकर दर्शकों को चकित कर दिया। वर्ष 2012 में कमल हसन के करियर की सर्वाधिक सुपरहिट फिल्म विश्वरूपम प्रदर्शित हुयी। इस फिल्म ने टिकट खिड़की पर 250 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है। कमल हसन की इस वर्ष फिल्म विक्रम प्रदर्शित हुयी जो बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुयी। कमल हसन इन दिनों फिल्म इंडियन के सीक्वल इंडियन 2 में काम कर रहे हैं।


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Content Writer

vasudha

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