मौत से तेज न दौड़ पाया पिता, पुल बंद था, बीमार बेटे को गोद में लेकर भागा, फिर भी नहीं बच पाई जान

punjabkesari.in Wednesday, Jul 23, 2025 - 12:03 PM (IST)

नारी डेस्क: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर शहर से एक बार फिर एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां के पटकाना मोहल्ला निवासी एक गरीब पिता नसीम को अपने बीमार बेटे जुनैद को बचाने के लिए बंद यमुना पुल पर गोद में लेकर दौड़ना पड़ा। यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और हर किसी की आंखें नम कर रहा है। नसीम कबाड़ का काम कर अपने परिवार का पालन-पोषण करता है। उसके पांच बच्चे हैं, जिनमें से जुनैद सबसे बड़ा था। जुनैद कक्षा 1 में पढ़ता था। कुछ दिनों पहले जुनैद को तेज बुखार हो गया था। गलती से घर में रखी एक्सपायरी दवा दे दी गई, जिससे उसकी तबीयत और ज्यादा खराब हो गई।

पहले सदर अस्पताल, फिर कानपुर रेफर

बच्चे की हालत बिगड़ने पर परिजन उसे हमीरपुर सदर अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां डॉक्टरों ने हालत गंभीर देखते हुए उसे कानपुर हैलट अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन नसीम के पास बच्चे के इलाज के लिए पैसे नहीं थे। पड़ोसियों ने नसीम की हालत देखकर आर्थिक मदद की। सबने मिलकर 20 हजार रुपये से ज्यादा चंदा करके उसे दिए ताकि वह कानपुर जाकर बच्चे का इलाज करा सके।

नसीम अपने बेटे को लेकर जब यमुना पुल पर पहुंचा तो पता चला कि पुल पर मरम्मत का काम चल रहा है। इस वजह से वहां किसी भी वाहन की आवाजाही पर रोक थी। नसीम के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था, इसलिए उसने बेटे को गोद में उठाकर पैदल पुल पार करने का फैसला लिया।

गोद में बीमार बेटा, 900 मीटर तक दौड़ा पिता

करीब 900 मीटर लंबा यमुना पुल नसीम ने बेटे को गोद में लेकर दौड़ते हुए पार किया। उसकी हालत खराब हो गई, लेकिन बेटे को बचाने की जिद में वह किसी तरह पुल के पार पहुंचा। इसके बाद किसी साधन से वह कानपुर पहुंचा। नसीम जब कानपुर पहुंचा तो वहां के प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए उसे जगह नहीं मिली। काफी परेशान होने के बाद वह हैलट अस्पताल पहुंचा। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने पूरी कोशिश की लेकिन जुनैद को नहीं बचाया जा सका।

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वायरल हुआ बेबसी का वीडियो, प्रशासन पर उठे सवाल

नसीम का अपने बेटे को गोद में उठाकर पुल पर दौड़ने का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे एक बेबस पिता अपने बीमार बच्चे को बचाने के लिए जान की बाज़ी लगा रहा है। राहगीरों की आंखें नम हो गईं लेकिन कोई कुछ नहीं कर सका। स्थानीय लोगों का कहना है कि यमुना पुल पर मरम्मत के चलते एम्बुलेंस तक को आने-जाने की इजाजत नहीं है। इससे पहले भी कई मरीज समय पर इलाज न मिलने की वजह से दम तोड़ चुके हैं। लेकिन फिर भी प्रशासन इस मुद्दे पर गंभीर नहीं है।

इस दर्दनाक घटना ने व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। लोगों का कहना है कि अगर एम्बुलेंस को पुल से गुजरने की अनुमति होती तो शायद जुनैद की जान बच सकती थी। चार मौतें पहले ही हो चुकी हैं लेकिन कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाया गया है।
 


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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