बिना पूछें विटामिन D लेने वाले सावधान! Kidney और दिल को कर सकता फेल
punjabkesari.in Tuesday, Aug 19, 2025 - 09:12 PM (IST)

नारी डेस्क : विटामिन D को अक्सर "सनशाइन विटामिन" कहा जाता है। यह हमारी हड्डियों को मजबूत बनाता है और इम्यून सिस्टम को दुरुस्त रखता है। लेकिन अगर इसकी मात्रा शरीर में जरूरत से ज्यादा हो जाए तो यह फायदेमंद नहीं, बल्कि नुकसानदायक साबित हो सकता है। हाल के स्वास्थ्य अध्ययनों और मामलों ने साफ कर दिया है कि विटामिन D का ओवरडोज़ दिल और किडनी के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।
क्यों होता है विटामिन D खतरनाक?
जब शरीर में विटामिन D का स्तर सामान्य सीमा से अधिक हो जाता है, तो यह कैल्शियम के अवशोषण को अत्यधिक बढ़ा देता है। इससे खून में कैल्शियम की मात्रा असामान्य रूप से बढ़ जाती है, जिसे हाइपरकैल्सीमिया (Hypercalcemia) कहा जाता है। यह स्थिति कई गंभीर शारीरिक समस्याओं को जन्म दे सकती है।
हाइपरकैल्सीमिया से होने वाले लक्षण
कैल्शियम का असंतुलन: विटामिन D की अधिकता से खून में कैल्शियम का स्तर बहुत बढ़ जाता है (हाइपरकैल्सीमिया), जिससे उल्टी, कमजोरी, और भ्रम जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
किडनी डैमेज: शरीर में अधिक कैल्शियम जमने से किडनी में पथरी बन सकती है और लंबे समय तक यह स्थिति किडनी फेलियर का कारण बन सकती है।
दिल पर असर: अधिक कैल्शियम के कारण धमनियों में कैल्शियम जमा हो सकता है, जिससे हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
लक्षणों पर ध्यान दें
भूख में कमी होना, कमजोरी या थकान और मतली या उल्टी आना।
अत्यधिक प्यास लगना और बार-बार पेशाब आना।
भ्रम या मानसिक स्थिति में बदलाव होना।
किडनी पर असर
किडनी स्टोन बनने की संभावना बढ़ जाती है। गुर्दे में कैल्शियम जमा हो जाता है (नेफ्रो कैल्सीनोसिस), जिससे किडनी की क्षमता घटने लगती है। लंबे समय तक ओवरडोज से किडनी फेल्योर तक हो सकता है।
कितना विटामिन D सुरक्षित है?
विशेषज्ञों के अनुसार, वयस्कों के लिए 4000 IU/दिन तक सुरक्षित माना जाता है। इससे ज्यादा डोज़ लंबे समय तक लेने पर खतरा बढ़ जाता है। 10,000 IU/दिन से ऊपर का सेवन केवल डॉक्टर की कड़ी निगरानी में ही होना चाहिए।
एक वास्तविक उदाहरण
ब्रिटेन में एक 89 वर्षीय बुजुर्ग ने करीब 9 महीनों तक रोजाना हाई-डोज़ विटामिन D लिया। नतीजतन उनका कैल्शियम स्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया और अंत में दिल व किडनी फेल होने से उनकी मौत हो गई। यह मामला स्पष्ट करता है कि विटामिन D का ओवरडोज़ कितना खतरनाक हो सकता है।
सुरक्षित रहने के उपाय
खुद से सप्लीमेंट लेना बंद करें, हमेशा डॉक्टर की सलाह लें।
ब्लड टेस्ट कराएं, 25-OH विटामिन D और सीरम कैल्शियम लेवल की जांच कराते रहें।
प्राकृतिक स्रोत अपनाएं, सुबह की धूप, मछली, अंडे, दूध, मशरूम आदि से संतुलित मात्रा में विटामिन D प्राप्त करें।
अन्य दवाओं की जानकारी डॉक्टर को दें क्योंकि विटामिन D कुछ दवाओं (जैसे हार्ट और BP की दवाइयों) के साथ मिलकर नुकसान पहुंचा सकता है।
विटामिन D हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है, लेकिन ज्यादा लेना हमेशा बेहतर है यह सोच खतरनाक साबित हो सकती है। सही मात्रा, संतुलित आहार और डॉक्टर की देखरेख में सप्लीमेंट ही आपके स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं।