खाना कम खा लेना मगर ये 10 टेस्ट जरूर करा लेना, पता चल जाएगा शरीर में Cancer है या नहीं

punjabkesari.in Saturday, Oct 25, 2025 - 11:11 AM (IST)

 नारी डेस्क:  कैंसर एक खतरनाक बीमारी है, लेकिन समय पर जांच और निदान से इसे हराया जा सकता है। अक्सर शरीर में कैंसर बिना किसी लक्षण के धीरे-धीरे बढ़ता है और जब तक पता चलता है, तब तक इलाज मुश्किल हो जाता है। इसलिए डॉक्टर सलाह देते हैं कि हर व्यक्ति, चाहे पुरुष हो या महिला, साल में कम से कम एक बार कुछ जरूरी टेस्ट जरूर करवा ले।  इन टेस्टों से शरीर में किसी भी समस्या का पता शुरुआती चरण में ही चल जाता है। समय पर पता चलने से इलाज आसान और खर्च कम होता है। अच्छी बात यह है कि ये टेस्ट महंगे नहीं हैं, कुछ ₹100–200 में भी हो सकते हैं।

CBC (Complete Blood Count) – खून की पूरी जांच

CBC टेस्ट सबसे बेसिक और ज़रूरी ब्लड टेस्ट होता है। इससे आपके खून में मौजूद लाल रक्त कोशिकाएं (RBCs), सफेद रक्त कोशिकाएं (WBCs) और प्लेटलेट्स की संख्या का पता चलता है। यह टेस्ट बताता है कि कहीं आपको खून की कमी (एनीमिया) तो नहीं है, या शरीर में कोई संक्रमण या सूजन तो नहीं चल रही। 25 साल से ऊपर के पुरुष और महिलाएं इस जांच को साल में कम से कम एक बार जरूर करवाएं। इससे कई बीमारियों का शुरुआती पता चल सकता है और सही इलाज समय पर मिल सकता है।

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 LFT (Liver Function Test) – लिवर की सेहत जांच

LFT से पता चलता है कि आपका लिवर ठीक तरह से काम कर रहा है या नहीं। यह टेस्ट लिवर से बनने वाले एंजाइम्स और प्रोटीन का स्तर बताता है। अगर लिवर में सूजन, संक्रमण (जैसे हेपेटाइटिस) या कोई फैटी लिवर या लिवर डिजीज हो रही है, तो उसका संकेत LFT में मिल जाता है। लिवर हमारे शरीर में पाचन, दवाओं के असर को तोड़ने (मेटाबॉलिज़्म) और ज़हरीले पदार्थों को निकालने का काम करता है, इसलिए इस टेस्ट से इसकी स्थिति जानना बहुत ज़रूरी है।

 KFT (Kidney Function Test) – किडनी की स्थिति की जांच

KFT से हमारी किडनी कितनी ठीक तरह से खून को फ़िल्टर कर रही है, इसका पता चलता है। इस जांच में क्रिएटिनिन, यूरिया, यूरिक एसिड जैसी चीज़ों का स्तर मापा जाता है। अगर ये स्तर ज़्यादा बढ़े हुए हों, तो इसका मतलब है कि किडनी पर ज़्यादा दबाव है या वो सही काम नहीं कर रही। किडनी शरीर से गंदगी और अतिरिक्त पानी निकालती है, इसलिए इस जांच से किडनी की बीमारी का शुरुआती पता चल सकता है। हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज़ वाले लोगों को ये टेस्ट नियमित रूप से कराना चाहिए।

Thyroid Profile – थायराइड हॉर्मोन की जांच

थायराइड प्रोफाइल से शरीर में थायराइड हॉर्मोन (T3, T4, TSH) का संतुलन जांचा जाता है। थायराइड हॉर्मोन हमारे वजन, ऊर्जा, मूड, मेटाबॉलिज़्म और दिल की धड़कन को नियंत्रित करता है। अगर ये असंतुलित हो जाएं, तो आपको बाल झड़ना, थकान, वजन बढ़ना या घटना, कमजोरी, मूड स्विंग्स और दिल की धड़कन तेज़ होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। महिलाओं में यह समस्या ज़्यादा देखी जाती है, इसलिए साल में एक बार थायराइड प्रोफाइल ज़रूर कराना चाहिए।

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Lipid Profile – दिल और कोलेस्ट्रॉल की जांच

यह टेस्ट दिल की सेहत से जुड़ा होता है। इससे शरीर में अच्छा (HDL) और बुरा (LDL) कोलेस्ट्रॉल, साथ ही ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर पता चलता है। अगर LDL या ट्राइग्लिसराइड्स ज़्यादा हों, तो दिल की धमनियों में फैट जमा होने लगता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। यह टेस्ट 30 साल की उम्र के बाद हर व्यक्ति को नियमित रूप से कराना चाहिए, खासकर अगर परिवार में दिल की बीमारी का इतिहास हो।

6–10. कैंसर से जुड़े मार्कर टेस्ट – शुरुआती चेतावनी संकेत

 पुरुषों के लिए (40 साल से ऊपर)

PSA (Prostate-Specific Antigen): यह टेस्ट प्रोस्टेट कैंसर की शुरुआती स्थिति का पता लगाने में मदद करता है। अगर PSA का स्तर बढ़ा हुआ हो, तो प्रोस्टेट में सूजन या कैंसर की संभावना हो सकती है। CA 19.9: यह पैंक्रियास (अग्न्याशय) के कैंसर से जुड़ा मार्कर है। अगर इसका स्तर बढ़े, तो डॉक्टर आगे की जांच की सलाह देते हैं। CA 72.4: यह मार्कर पेट (stomach) के कैंसर का संकेत देता है।

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 महिलाओं के लिए (40 साल से ऊपर)

CA-125: यह टेस्ट ओवरी (अंडाशय) के कैंसर की जांच में मदद करता है। अगर इसका स्तर बढ़ा मिले, तो डॉक्टर आगे की जांच के लिए कह सकते हैं। CA 15.3: यह मार्कर ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ा होता है और शुरुआती चरण में पता लगाने में मदद करता है।

सामान्य कैंसर मार्कर – CEA (Carcinoembryonic Antigen)

यह टेस्ट शरीर के किसी भी हिस्से में कैंसर की मौजूदगी या उसके फैलने की संभावना का पता लगाने के लिए किया जाता है। इसे पुरुष और महिला दोनों करवा सकते हैं। साल में कम से कम एक बार ये टेस्ट कराना जीवन रक्षक साबित हो सकता है। शुरुआती चरण में पता चलने पर इलाज आसान, प्रभावी और सस्ता होता है। ध्यान रखें, यह जानकारी सामान्य जागरूकता के लिए है, किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं। किसी भी स्वास्थ्य समस्या में अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

इन सभी जांचों का मकसद यह है कि हम अपने शरीर की अंदरूनी स्थिति को समझें, ताकि कोई भी बीमारी शुरुआती स्टेज पर ही पकड़ में आ जाए। 25 साल की उम्र के बाद साल में एक बार इन बेसिक हेल्थ चेकअप्स को कराना चाहिए। 40 साल के बाद कैंसर और हार्मोन से जुड़ी जांचें भी ज़रूरी हो जाती हैं।


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Content Editor

Priya Yadav

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