आंख का कैंसर कैसे शुरू होता है? जानिए Eye Cancer के शुरुआती लक्षण
punjabkesari.in Thursday, Nov 20, 2025 - 09:32 AM (IST)
नारी डेस्क: आंख हमारा बेहद नाज़ुक और महत्वपूर्ण अंग है जिसके बिना जीवन की कल्पना मुश्किल है। जब आंखों के अंदर या आसपास की कोशिकाओं में असामान्य बदलाव होने लगते हैं और वे अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं, तो इसे आंख का कैंसर (Eye Cancer) कहा जाता है। यह कैंसर कई जगहों पर हो सकता है जैसे आँख का गोल हिस्सा (Eyeball), पलक (Eyelid), या आंख की हड्डी वाला हिस्सा (Eye Socket)। कई बार आंखों के आसपास बनने वाले छोटे दाने या निशान भी आगे चलकर कैंसर का रूप ले सकते हैं, इसलिए शुरुआती जानकारी बहुत जरूरी होती है।
आंखों के कैंसर के प्रकार और शुरुआत
आंखों के कैंसर आम तौर पर चार मुख्य प्रकार के होते हैं
आई मेलानोमा (Eye Melanoma)
स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (Squamous Cell Carcinoma)
लिंफोमा (Lymphoma)
रेटिनोब्लास्टोमा (Retinoblastoma) - यह ज़्यादातर छोटे बच्चों में देखा जाता है।
अक्सर इन कैंसरों के शुरुआती चरण में कोई खास लक्षण दिखाई नहीं देते। जब ट्यूमर बनकर आकार लेने लगता है, तभी समस्याएँ दिखाई देने लगती हैं। इसी वजह से समय पर पहचान करना मुश्किल हो सकता है।

आंखों के कैंसर के शुरुआती लक्षण
आंखों में होने वाले कैंसर के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ आम संकेत इस प्रकार हैं
धुंधला दिखना या नजर कमजोर पड़ना: अगर अचानक से धुंधला दिखने लगे, चीजें साफ दिखाई न दें या एकदम से विज़न में बदलाव आने लगे, तो यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।
आंखों की रोशनी कम होना या खो जाना: कुछ मामलों में आंख की रोशनी धीरे-धीरे या अचानक कम हो सकती है, जो कैंसर का शुरुआती संकेत हो सकता है।
आंखों के सामने चमक या रोशनी दिखना: बिना किसी कारण चमक, चमकीली रेखाएं या रोशनी के फ्लैश दिखाई देना आंख के भीतर बदलाव की ओर इशारा करता है।
आंखों का बाहर की ओर उभरना: यदि आंख सामान्य से ज्यादा बाहर निकली हुई दिखने लगे, तो यह ट्यूमर के बढ़ने का परिणाम हो सकता है।
आंख में जलन या लगातार इरिटेशन: लगातार खुजली, जलन या असहजता भी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।
पलक पर दाना या आईबॉल पर निशान दिखना: पलक पर कोई दाना या आंख की सतह पर कोई दाग, जो ठीक न हो, वह प्रीकैंसरस भी हो सकता है।
आंख की पोज़िशन बदलना: यदि आईबॉल सॉकेट में अपनी सामान्य जगह से कुछ हटकर दिखाई दे, तो यह भी ट्यूमर बनने का संकेत हो सकता है।

आंखों का कैंसर कैसे होता है?
आंखों का कैंसर तब शुरू होता है जब आंख के अंदर या आसपास की कोशिकाएं अपने सामान्य तरीके से काम करना बंद कर देती हैं और अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगती हैं। धीरे-धीरे ये कोशिकाएं एक ट्यूमर का रूप ले लेती हैं।
अगर ट्यूमर का पता समय रहते न चले, तो यह लिंफ नोड्स तक फैल सकता है, खून के माध्यम से शरीर के अन्य अंगों में पहुंचकर उन्हें भी नुकसान पहुंचा सकता है। कई बार आंखों की आम समस्याएं, जैसे कोई छोटा दाना या पिगमेंटेशन, समय के साथ कैंसरस बन सकते हैं। इसीलिए हर बदलाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
किन लोगों में आंख का कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है?
50 साल से ज्यादा उम्र वाले लोग: बढ़ती उम्र के साथ आंखों की कोशिकाओं में बदलाव की संभावना बढ़ जाती है, जिससे कैंसर का जोखिम भी बढ़ जाता है।
हल्की या गोरी त्वचा वाले लोग: जिनकी त्वचा ज्यादा संवेदनशील होती है, उनमें आंखों के कैंसर का खतरा अधिक देखा गया है।
नीली या हरी आंखों वाले लोग: ऐसे लोगों में सूरज की UV किरणों से नुकसान जल्दी होता है, जिससे कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।
आनुवांशिक कारण: कुछ मामलों में परिवार में कैंसर की हिस्ट्री होने पर यह खतरा और अधिक हो जाता है।
सूरज की ज्यादा रोशनी में रहना: बहुत ज्यादा UV किरणों के संपर्क में रहने से इंट्राऑक्युलर मेलानोमा होने की संभावना बढ़ जाती है।
आंख का कैंसर भले ही कम दिखाई देने वाला रोग हो, लेकिन यह बेहद खतरनाक है। लक्षण अक्सर देर से दिखाई देते हैं, इसलिए जैसे ही नजर में कोई बदलाव, आंखों में असहजता, पलक पर दाना या आंख के रंग में बदलाव दिखे, तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। समय पर पहचान और इलाज से आंख की रोशनी और जीवन दोनों बचाए जा सकते हैं।

