Pitru Paksha: श्राद्ध के दौरान क्या करें और क्या नहीं? पढिए काम की बातें
punjabkesari.in Friday, Sep 24, 2021 - 01:23 PM (IST)
पितृपक्ष के दौरान, प्रियजनों से मिलने के लिए पृथ्वी पर लौटने वाली दिवंगत आत्माओं को प्रसन्न करने के लिए परिवार के लोग श्राद्ध, तर्पण और पिंड दान जैसे अनुष्ठान करते हैं। शास्त्रों के अनुसार, पितरों की संतुष्टि हेतु और उनका शुभाशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हर व्यक्ति को पितरों का श्राद्ध करना चाहिए। मगर, श्राद्ध करते समय और इन पूरे महीने के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है। चलिए आपको बताते हैं कि श्राद्ध के दौरान क्या करें और क्या नहीं...
श्राद्ध में क्या करें और क्या नहीं?
. श्राद्ध में ब्राह्मण को भोजन करना ना भूलें और भोजन के बाद उन्हें आदर-सम्मान के साथ घर के द्वार तक विदा करके आएं।
. श्राद्धकर्म में उस गाय का दूध इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जिसे पिछले 10 में बछड़े को जन्म दिया हो।
. अर्घ्य, पिण्ड और भोजन के लिए सोने, चांदी, कांसे, तांबे के बर्तन श्रेष्ठ माना जाते हैं इसलिए श्राद्ध के लिए इन्हीं का इस्तेमाल करें तो बेहतर होगा। मगर, केले के पत्ते का इस्तेमाल वर्जित है।
. दूसरे की भूमि पर कभी भी श्राद्ध नहीं करना चाहिए लेकिन वन, पर्वत और मंदिर इस श्रेणी में नहीं आते।
. श्राद्ध करवाते समय अगर कोई भिखारी आ जाए तो उसे भोजन खिलाएं बिना घर से ना भेजें।
इस समय ना करें श्राद्ध
-धर्म ग्रंथों के अनुसार, सायंकाल का समय राक्षसों का होता है इसलिए श्राद्धकर्म शाम के समय नहीं करना चाहिए।
-इस दौरान पिंडदान जरूरी है, जिसमें चावल और तिल के बीज होते हैं। इन्हें कौवे को अर्पित किया जाना चाहिए क्योंकि वे यम के दूत, मृत्यु के देवता या स्वयं मृत पूर्वजों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
पितृ-पक्ष के दौरान क्या करें?
. सभी दंपत्ति इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।
. पूर्वज किसी भी रूप में आपसे मिलने आ सकते हैं। इसलिए हर जीव के साथ सम्मान और प्यार से पेश आएं।
. पुरुषों को धोती पहननी चाहिए और अनुष्ठान करते समय नंगे-छाती रहना चाहिए।
. इस दौरान शांति, विनम्रता, दयालुता बनाए रखें और किसी से अपशब्द , गाली-गलोच ना करें।
. श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को भोजन के दौरान केवल एक ही भोजन परोसना चाहिए।
. गायों, कुत्तों, चींटियों या किसी अन्य जीवित प्राणी को भोजन खिलाएं।
पितृ पक्ष के दौरान भूलकर भी ना करें ये काम
. मांसाहारी भोजन का सेवन सख्त वर्जित है। साथ ही प्याज, लहसुन, चना, जीरा, काला नमक, काली सरसों, खीरा, बैगन और मसूर की दाल, काली उड़द की दाल का सेवन भी बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
. पान, सुपारी, तंबाकू या शराब का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
. इस दौरान शुभ कार्यों का आयोजन न करें। साथ ही नया वाहन, कपड़ा, इंटीरियर का भी कोई सामान आदि ना खरीदें।
. अपने बाल -दाढ़ी, नाखून न काटें। इनमें से कोई भी काम करना हो तो पितृ पक्ष के एक दिन पहले या बाद में ही करना चाहिए।
. इस दौरान लोहे के बर्तन या लोहे से बनी किसी वस्तु का प्रयोग न करें। इसके बजाए चांदी, पीतल या तांबे के बर्तन यूज करें।
. पूर्वज किसी भी रूप में दर्शन कर सकते हैं इसलिए किसी भी जीव के साथ बुरा व्यवहार नहीं करना चाहिए।