हड्डियों की कमजोरी, दिमागी धुंधलापन, चिड़चिड़ापन... Calcium की कमी के इन लक्षणों को बिल्कुल ना समझें मामूली

punjabkesari.in Tuesday, Nov 18, 2025 - 11:33 AM (IST)

नारी डेस्क: जब भी हम कैल्शियम शब्द सुनते हैं, तो हममें से ज़्यादातर इसे मजबूत हड्डियों और स्वस्थ दांतों से जोड़ते हैं। मज़बूत हड्डियों और स्वस्थ दांतों का मतलब है कि आपके शरीर में पर्याप्त कैल्शियम है। लेकिन क्या हो अगर कैल्शियम के स्तर में मामूली गिरावट आपके पूरे शरीर में चेतावनी के संकेत भेज रही हो, ऐसे संकेत जिन्हें आप अनदेखा कर रहे हों? कैल्शियम की कमी, या हाइपोकैल्सीमिया, चुपचाप विकसित हो सकती है। नए शोध बताते हैं कि इसके शुरुआती लक्षण अक्सर हल्के, अस्पष्ट होते हैं और आसानी से तनाव, उम्र बढ़ने या थकान के कारण समझ लिए जाते हैं। 


 कैल्शियम की क्या है भूमिका 

कैल्शियम हड्डियों के स्वास्थ्य से कहीं आगे तक एक भूमिका निभाता है - यह मांसपेशियों के कार्य, तंत्रिका संकेतन, हृदय गति और यहां तक कि मनोदशा को भी बेहतर बनाता है। इसलिए, अगर इसका इलाज न किया जाए तो कैल्शियम का निम्न स्तर दौरे, हृदय गति की समस्याओं या यहां तक कि जानलेवा कैल्शियम संकट जैसे खतरनाक लक्षणों में बदल सकता है। हालांकि कैल्शियम की हल्की कमी आपको बस थोड़ी थकान या बेचैनी महसूस करा सकती है, लेकिन पुरानी या तीव्र कमी गंभीर तंत्रिका संबंधी और हृदय संबंधी जटिलताओं का कारण बन सकती है। इसलिए यह जानना बहुत ज़रूरी है कि किन छिपे हुए चेतावनी संकेतों पर ध्यान देना है - ताकि स्थिति बिगड़ने से पहले ही आप जल्दी मदद पा सकें।


 कैल्शियम की कमी के वो संकेत 


मांसपेशियों में ऐंठन और स्पैज़्म (क्रैम्प्स):  कम कैल्शियम से मसल्स अक्सर जकड़ सकते हैं, खासकर पैरों या पीठ में। यह शुरुआत में मामूली दर्द जैसा लग सकता है, जिसे लोग अक्सर सामान्य थकान या स्ट्रेचिंग की कमी मान लेते हैं।

हाथ-पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन:  जब कैल्शियम बहुत कम हो जाता है, तो होंठ, जीभ, उंगलियां और पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन महसूस हो सकता है। यह संकेत तंत्रिका प्रणाली (nerve system) में गड़बड़ी का भी भाग हो सकता है।

थकान, कमजोरी और ऊर्जा की कमी: निरंतर थकान, ऊर्जा का कम होना और मसल्स कमजोर महसूस करना भी कैल्शियम की कमी का संकेत हो सकते हैं। क्योंकि कैल्शियम मसल्स को काम करने में मदद करता है, उसकी कमी से मसल फंक्शन प्रभावित हो सकता है।

त्वचा, बाल और नाखूनों में बदलाव: ड्राई या रूखी त्वचा, नाखूनों का जल्दी टूटना, और बालों की बनावट में बदलाव दिख सकता है। ये ज़रूरी संकेत हो सकते हैं कि शरीर में कैल्शियम का स्तर लंबे समय से कम है।

मूड (मनो स्थिति) में गड़बड़ी और मानसिक लक्षण:  याददाश्त कमजोर होना, “ब्रेन फॉग” (दिमागी धुंधलापन), चिड़चिड़ापन, चिंता या अवसाद जैसी मनोवैज्ञानिक लक्षण भी हो सकते हैं। बहुत गंभीर मामलों में, हलूसी (hallucinations) जैसी समस्या भी हो सकती है। 

हृदय संबंधी समस्या:   बहुत कम कैल्शियम से हृदय की विद्युत गतिविधि पर असर पड़ सकता है, जिससे  irregular heartbeat हो सकती है और अधिक गंभीर कमी में, जीवन के लिए खतरनाक स्थिति भी बन सकती है।

मांसपेशियों की जबरदस्त ऐंठन :  गंभीर कमी में मांसपेशियाँ कठोर हो सकती हैं, स्पाज़्म आ सकते हैं, और गले की मांसपेशियों में ऐंठन इतनी अधिक हो सकती है कि सांस लेना मुश्किल हो जाए।  कुछ मामलों में दौरे (seizures) भी हो सकते हैं। 


यह जीवन‑के‑लिए क्यों खतरनाक हो सकता है

 कैल्शियम सिर्फ हड्डियों के लिए नहीं तंत्रिका तंत्र (नर्व सिस्टम), मांसपेशियों और हृदय  के लिए भी बहुत ज़रूरी है। जब इसकी कमी गहरी हो जाती है, तो इन महत्वपूर्ण सिस्टम्स में गड़बड़ी हो सकती है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। अगर इसे समय पर पहचान नहीं किया जाए, तो हृदय की अतालता, लैरिंजियल स्पाज़्म (गले की मांसपेशियों का सिकुड़ना), दौरे और अन्य खतरनाक स्थितियां हो सकती हैं।इसका इलाज संभव है, लेकिन untreated hypocalcemia (अनचाहा निम्न कैल्शियम) जानलेवा भी बन सकता है। 


क्या करना चाहिए अगर आपको ये संकेत मिलें

- तुरंत ब्लड टेस्ट करवाएं, डॉक्टर से कहें कि कैल्शियम लेवल चेक करें।
-भोजन में उन चीज़ों को शामिल करें जो कैल्शियम से भरपूर हों -जैसे दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां। 
-विटामिन D भी ज़रूरी है क्योंकि यह शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है।
-डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट लें यदि डाइट से पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिल रहा हो।
-यदि लक्षण गंभीर हों (जैसे घबराहट, दिल की धड़कन अनियमित, ऐंठन), तो तुरंत मेडिकल सहायता लें।
 


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Content Writer

vasudha

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