पूर्वजों की तस्वीर को लेकर क्या आपको है सही ज्ञान? जरूर ध्यान में रखें ये नियम
punjabkesari.in Wednesday, Sep 18, 2024 - 07:24 PM (IST)
नारी डेस्क: हिंदू धर्म के अनुसार पितृ पक्ष के 15 दिनों में पूर्वज धरती पर आते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि किया जाता है, इससे पितरों को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होकर अपने परिवार को आशीर्वाद देते हैं। बहुत से लोग अपने घरों में मृत पूर्वजों की याद में उनकी तस्वीर लगाते हैं और पूजा करते हैं, परंतु दिशा का सही ज्ञान नहीं होने के कारण घर में पितृ दोष लग सकता है। ताे पहले जानिए , पितरों की तस्वीर को लेकर वास्तु नियम।
दक्षिण दिशा है शुभ
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पितरों (पूर्वजों) की तस्वीर या फोटो को घर की दक्षिण दिशा में रखना शुभ माना जाता है। यह दिशा यमराज की दिशा मानी जाती है, और पितरों की आत्मा की शांति और आशीर्वाद के लिए इस दिशा में तस्वीर लगाना श्रेष्ठ होता है। इस दिशा में उनकी तस्वीर रखने से परिवार में शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
उत्तर और पूर्व दिशा से बचें
पितरों की तस्वीर को उत्तर या पूर्व दिशा में नहीं रखना चाहिए, क्योंकि ये दिशाएं देवताओं की मानी जाती हैं। इन दिशाओं में केवल पूजा और ईश्वर की तस्वीरें ही लगाई जाती हैं। तस्वीर को हमेशा साफ और पवित्र स्थान पर रखें। इस स्थान की नियमित सफाई और पूजा करना आवश्यक है ताकि सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
तस्वीर को जमीन पर न रखें
तस्वीर को हमेशा दीवार पर या किसी ऊँची जगह पर रखें। इसे फर्श या किसी ऐसी जगह पर नहीं रखना चाहिए जहां पैर लगें। पितरों की तस्वीर को सही दिशा में रखने से परिवार में सुख-शांति और खुशहाली बनी रहती है, और उनके आशीर्वाद से परिवार को समृद्धि प्राप्त होती है।
टूटी या खराब माला ना चढ़ाएं
इस बात का भी ध्यान रखें कि पूर्वजों की तस्वीर पर चढ़ी माला टूटी या खराब ना हो, समय-समय पर माला बदलते रहें।वास्तु शास्त्र में पूर्वजों की तस्वीरों को किचन, बेडरूम और सीढ़ियों वाले स्थान पर लगाने की भी मनाही की गई है. इससे पारिवारिक कलह बढ़ती है, घर में अशांति रहती है ।