दिवाली की रात क्यों खोलकर रखे जाते हैं घरों के दरवाजे? जानें इसके पीछे का रहस्ह
punjabkesari.in Sunday, Oct 19, 2025 - 05:18 PM (IST)

नारी डेस्क : दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। यह दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के लिए बेहद शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दिवाली की रात लोग अपने घरों के दरवाजे क्यों खुले रखते हैं? आइए जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कथा।
दिवाली की रात दरवाजे खुले रखने की परंपरा
दिवाली की रात लोग अपने घरों के दरवाजे इसलिए खुला रखते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस रात मां लक्ष्मी पृथ्वी लोक पर भ्रमण करती हैं। वह उन घरों में प्रवेश करती हैं जो स्वच्छ, प्रकाशित और श्रद्धा से भरे होते हैं। इसलिए घर में उनका स्वागत करने और उन्हें अंदर आने का निमंत्रण देने के लिए दरवाजे खुले रखे जाते हैं। ऐसा भी विश्वास है कि देवी-देवता अंधेरे घरों में प्रवेश नहीं करते, इसलिए दीप जलाना और दरवाजे खोलना लक्ष्मी स्वागत का प्रतीक है।
पौराणिक कथा
कहा जाता है कि एक बार कार्तिक अमावस्या की रात, माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण के लिए निकलीं। उस समय चारों ओर अंधकार फैला हुआ था, जिससे माता रास्ता भटक गईं। उन्होंने निर्णय लिया कि वे यह रात मृत्युलोक में ही बिताएंगी। जब माता हर घर गईं, तो सभी के दरवाजे बंद थे। सिवाय एक घर के। वह घर एक बुजुर्ग महिला का था, जिसने दीपक जलाया हुआ था और वह काम में व्यस्त थी। जब माता ने रात में रुकने का स्थान मांगा, तो उस महिला ने उन्हें शरण दी और अपने घर में ठहराया। सुबह जब महिला जागी, तो पाया कि उसका घर महल में बदल चुका था। चारों ओर रत्न, सोना और धन बिखरा हुआ था। तब उसे एहसास हुआ कि रात में जो अतिथि आई थीं, वे स्वयं माता लक्ष्मी थीं।
परंपरा की शुरुआत
इसके बाद से ही यह परंपरा शुरू हुई कि दिवाली की रात घर के दरवाजे खुले रखे जाएं, ताकि माता लक्ष्मी का स्वागत किया जा सके।
लोग इस रात अपने घर में दीपक जलाकर उजाला फैलाते हैं और मां लक्ष्मी से धन, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।