पटाखे जलाएं मगर संभलकर! दिवाली पर बढ़ जाती हैं इन 5 बीमारियों का खतरा, जानें बचाव के तरीके
punjabkesari.in Sunday, Oct 19, 2025 - 01:00 PM (IST)
नारी डेस्क : दिवाली खुशियों, मिठाइयों और रोशनी का त्योहार है, लेकिन इस रोशनी के बीच प्रदूषण और सेहत से जुड़े खतरे भी बढ़ जाते हैं। पटाखों से निकलने वाला धुआं, शोर और धूल हवा में हानिकारक गैसों को फैलाते हैं, जिससे सांस, आंख, कान और पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए इस बार दिवाली मनाते समय ज़रूरी है थोड़ा सावधान रहना, ताकि त्योहार की खुशियां सेहत पर भारी न पड़ें।
दिवाली पर क्यों बढ़ता है बीमारियों का खतरा
पटाखों, दीयों और धूपबत्ती से निकलने वाला धुआं हवा में घुलकर PM2.5, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी जहरीली गैसें बनाता है। यह हवा को दूषित कर देता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। इसके अलावा मिठाइयों और तले-भुने भोजन का अत्यधिक सेवन पाचन और वजन से जुड़ी दिक्कतें भी बढ़ा देता है।

अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीज रहें सावधान
पटाखों से निकलने वाला धुआं अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
इनसे निकलने वाली जहरीली गैसें फेफड़ों में सूजन बढ़ाती हैं और सांस की नलियों को संकुचित कर देती हैं।
बीमारियों से बचाव के तरीके
बाहर निकलते समय मास्क पहनें।
घर में एयर-प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें।
डॉक्टर द्वारा बताई दवाएं नियमित लें।
आंखों और गले में जलन
दीयों, धूपबत्ती और पटाखों से निकलने वाला धुआं आंखों में जलन, खुजली और लालपन पैदा कर सकता है।
गले में खराश और सूखापन भी आम है।
बचाव के तरीके
आंखों में जलन होने पर ठंडे पानी से धोएं।
बाहर निकलते समय चश्मा या गॉगल्स पहनें।
जरूरत पड़े तो आई-ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें।

सांस लेने में परेशानी
प्रदूषण और धुएं के कारण खांसी, सीने में जकड़न, घरघराहट और सांस फूलना जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं।
बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को खास सावधानी रखनी चाहिए।
बचाव बचाव के तरीके
सुबह या रात में बाहर जाने से बचें।
भाप लें या नेजल स्प्रे का उपयोग करें।
पर्याप्त पानी पिएं और शरीर को हाइड्रेटेड रखें।
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चोट और जलने की घटनाएं
पटाखे जलाते समय ज़रा सी लापरवाही जलने या आग लगने का कारण बन सकती है।
बचाव बचाव के तरीके
ढीले कपड़े न पहनें, सूती कपड़े पहनें।
पटाखे खुली जगह पर, बच्चों की पहुंच से दूर जलाएं।
पास में पानी या बाल्टी में रेत रखें ताकि आपात स्थिति में तुरंत उपयोग किया जा सके।
पाचन समस्याएं और मोटापा
दिवाली पर तरह-तरह की मिठाइयां और तले-भुने स्नैक्स खाने से एसिडिटी, गैस, पेट दर्द और कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की समस्या हो सकती है।

बचाव बचाव के तरीके
भोजन में फाइबर और सलाद शामिल करें।
मिठाइयों का सेवन सीमित मात्रा में करें।
ज्यादा तेल, मसाले और पैकेज्ड फूड से बचें।
सुनने में कमी या कानों में आवाज़
पटाखों का तेज़ शोर सुनने की क्षमता को अस्थायी या स्थायी रूप से प्रभावित कर सकता है।
कई लोगों को कानों में घंटी बजने (टिनिटस) जैसी परेशानी होती है।
बचाव बचाव के तरीके
कानों में ईयरप्लग लगाकर बाहर जाएं।
बच्चों को तेज़ आवाज़ वाले पटाखों से दूर रखें।
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सुरक्षित दिवाली के लिए हेल्थ टिप्स
पटाखे जलाने से पहले आसपास सूखा कचरा या कपड़ा न रखें।
प्रदूषण से बचने के लिए घर में पौधे लगाएं।
बुजुर्गों, बच्चों और पालतू जानवरों को शोर से दूर रखें।
जलन या एलर्जी की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
दिवाली की खुशियां तभी सच्ची हैं जब आप और आपका परिवार सुरक्षित और स्वस्थ रहें। थोड़ी-सी सावधानी, हेल्दी आदतें और जागरूकता अपनाकर आप इस त्योहार को रोशनी और सेहत दोनों के साथ मना सकते हैं।

