इंटरमिटेंट फास्टिंग या कीटो डाइट कौन सी डाइट आपके लिए बेहतर हो सकती है ?

punjabkesari.in Monday, Sep 09, 2024 - 03:55 PM (IST)

नारी डेस्क: आजकल हर कोई स्वस्थ और फिट रहना चाहता है, और इसके लिए सही डाइट का चुनाव करना बेहद महत्वपूर्ण होता है। लेकिन बदलते लाइफस्टाइल और भाग भरी जिन्दगी में लोग अपना खुद का ध्यान रखना भूल ही जाते हैं। बिजी लाइफ के चलते लोग एक्सरसाइज और योगा नहीं कर पाते। ऐसे में कुछ लोग डाइटिंग करने लगते हैं। आपने सुना ही होगा इंटरमिटेंट फास्टिंग और कीटो डाइट के बारे में। आज हम उसी पर चर्चा करेंगे। इंटरमिटेंट फास्टिंग और कीटो डाइट दो ऐसी डाइट हैं, जो अपने-अपने तरीके से फिटनेस और स्वास्थ्य के लाभ प्रदान करती हैं। लेकिन यह समझना कि इन दोनों में से कौन सी डाइट आपके लिए सबसे बेहतर हो सकती है, आपके स्वास्थ्य लक्ष्यों को पूरा करने में मदद कर सकता है। आइए जानें कि इंटरमिटेंट फास्टिंग और कीटो डाइट के बीच क्या अंतर है और कौन सी डाइट आपके लिए अधिक उपयुक्त हो सकती है। 

इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है?

इंटरमिटेंट फास्टिंग (IF) एक  ऐसा डाइट प्लान है, जिसमें आप खाने और फास्टिंग की अवधि के बीच संतुलन बनाए रखते हैं। 16/8 विधि इस में आप 16 घंटे फ़ास्ट करते हैं और 8 घंटे में भोजन करते हैं। 5:2 विधि इसमें सप्ताह के 5 दिन सामान्य आहार लेते हैं और 2 दिन बहुत कम कैलोरी (500-600 कैलोरी) का सेवन करते हैं। Eat-Stop-Eat इसमें 24 घंटे के उपवास की अवधि होती है, जिसे हफ्ते में 1-2 बार किया जा सकता है।

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इंटरमिटेंट फास्टिंग के लाभ

वजन घटाने में सहायक होता हैं। मेटाबॉलिज्म को सुधारता है। शरीर में इंसुलिन लेवल को भी  कंट्रोल करता है। साथ ही सेल रिपेयर और ऑटोफैजी को बढ़ावा देता है। उपवास के दौरान इंसुलिन के स्तर में कमी आती है, जिससे शरीर की मेटाबोलिज्म प्रक्रिया में सुधार होता है और फैट बर्निंग बढ़ती है। इंटरमिटेंट फास्टिंग हृदय स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकती है। यह ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल स्तर और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद करती है।

इंटरमिटेंट फास्टिंग के नुकसान 

इंटरमिटेंट फास्टिंग का एक नुकसान यह हैं कि  शुरुआत में भूख और थकावट हो सकती है। शरीर में चिड़चिड़ापन और कमज़ोरी मेहसूस हो सकती हैं। इंटरमिटेंट फास्टिंग के लाभ होते हैं, लेकिन यह कुछ शुरुआती समस्याए भी उत्पन्न कर सकता है। यदि आप इसे अपनाने का विचार कर रहे हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप इसके संभावित नुकसान को समझें और अपनी व्यक्तिगत स्थिति के अनुसार एक स्वास्थ्य पेशेवर से सलाह लें। उचित योजना और संतुलित आहार के साथ, इन समस्याओं को कम किया जा सकता है और आप इसके लाभ का आनंद उठा सकते हैं।

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कीटो डाइट क्या है?

कीटो डाइट (Ketogenic Diet) एक उच्च वसा, बहुत कम कार्बोहाइड्रेट और मध्यम प्रोटीन वाली डाइट होती है। इसका मुख्य उद्देश्य शरीर को कीटोसिस (Ketosis) की स्थिति में लाना होता है, जहां शरीर वसा को ऊर्जा के रूप में उपयोग करता है, न कि कार्बोहाइड्रेट को। कम कार्ब आहार (जैसे एटकिंस आहार) के लिए एक शब्द है। विचार यह है कि आप प्रोटीन और वसा से अधिक कैलोरी प्राप्त करें और कार्बोहाइड्रेट से कम। आप आसानी से पचने वाले कार्बोहाइड्रेट जैसे चीनी, सोडा, पेस्ट्री और सफेद ब्रेड का सेवन कम करते हैं।

कीटो डाइट के लाभ

वजन घटाने में सहायक। ऊर्जा स्तर को स्थिर करता है। मानसिक स्पष्टता और फोकस में सुधार करता है। ब्लड शुगर और इंसुलिन लेवल  को कंट्रोल करता है। कीटोजेनिक आहार आपको पहले 3 से 6 महीनों में कुछ अन्य आहारों की तुलना में अधिक वजन कम करने में मदद कर सकता है। ऐसा इसलिए हो सकता है। क्योंकि वसा को ऊर्जा में बदलने के लिए कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा में बदलने की तुलना में अधिक कैलोरी की आवश्यकता होती है। यह भी संभव है कि उच्च वसा, उच्च प्रोटीन वाला आहार आपको अधिक संतुष्ट करता है, इसलिए आप कम खाते हैं, लेकिन यह अभी तक साबित नहीं हुआ है।

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कीटो डाइट के नुकसान

कीटोसिस की स्थिति में आने में समय लग सकता है। प्रारंभ में 'कीटो फ्लू' जैसी समस्याए हो सकती है। साथ ही लंबे समय में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। कीटो डाइट में प्रमुख लक्ष्य कीटोसिस की अवस्था प्राप्त करना होता है, जहां शरीर वसा को ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल करने लगता है। इस स्थिति को प्राप्त करने में कुछ हफ्ते लग सकते हैं, और यह प्रक्रिया हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकती है। इस दौरान, शरीर को कार्बोहाइड्रेट्स से वसा के उपयोग की ओर ट्रांसफर करना होता है। 

इंटरमिटेंट फास्टिंग और कीटो डाइट दोनों में से कौन सी बेहतर है?

वजन घटाना 

दोनों ही डाइट योजनाएं वजन घटाने में सहायक हो सकती हैं, लेकिन इंटरमिटेंट फास्टिंग का तरीका सामान्यतः आसान होता है और इसे जीवनशैली में आसानी से शामिल किया जा सकता है। कीटो डाइट भी वजन घटाने में प्रभावी है लेकिन इसके लिए आपके आहार में विशेष परिवर्तन करने होते हैं।

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एनर्जी लेवल और  मेन्टल क्लैरिटी 

कीटो डाइट शरीर को स्थिर ऊर्जा प्रदान करती है और मानसिक स्पष्टता को बढ़ावा देती है। हालांकि, इंटरमिटेंट फास्टिंग भी ऊर्जा स्तर में सुधार कर सकती है, लेकिन यह स्थिति व्यक्तिगत अनुभव पर निर्भर करती है।

स्वास्थ्य प्रभाव

इंटरमिटेंट फास्टिंग मेटाबॉलिज्म और ऑटोफैगी में सुधार कर सकती है, जबकि कीटो डाइट कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।

लंबे समय तक पालन

कीटो डाइट की शुरुआत में, कुछ लोग 'कीटो फ्लू' का अनुभव कर सकते हैं, जिसमें सिरदर्द, थकावट, और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि यह अस्थायी होती है, लेकिन यह लंबे समय के लिए परेशानी का कारण बन सकती है।

आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति, लक्ष्यों और जीवनशैली के आधार पर, दोनों डाइट योजनाएं अलग-अलग तरीकों से लाभकारी हो सकती हैं। यदि आप वजन घटाने, मेटाबॉलिज्म और हेल्दी जीवनशैली की तलाश में हैं, तो इंटरमिटेंट फास्टिंग एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यदि आप ऊर्जा स्थिरता और मानसिक स्पष्टता चाहते हैं, तो कीटो डाइट आपके लिए उपयुक्त हो सकती है। किसी भी डाइट को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या डाइटिशियन से सलाह लेना हमेशा सही होता है।


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Content Editor

Priya Yadav

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