PCOS Diet: पीसीओएस से बचना चाहते है तो जरुर खाएं Protein से भरपूर ये फूड्स
punjabkesari.in Tuesday, Jan 03, 2023 - 03:32 PM (IST)
महिलाओं की कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे अनियमित पीरियड्स, ब्रेस्ट कैंसर, यूरीन इंफेक्शन, पीसीओएस आदि। लेकिन पीसीओएस महिलाओं में होने वाली आम समस्या है। इसके कारण महिलाओं के शरीर में सामान्य से भी ज्यादा हार्मोन्स बनने लगते हैं। यदि इसका इलाज समय पर न किया जाए तो महिलाओं के रिप्रोडक्टिव ऑर्गन भी प्रभावित होते हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, पीसीओएस से बचने के लिए आप प्रोटीन युक्त पदार्थों को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं। तो चलिए जानते हैं ऐसे फूड्स जिनका आप सेवन कर सकते हैं...
किस तरह फायदेमंद है प्रोटीन
एक्सपर्ट्स के अनुसार, प्रोटीन भूख कंट्रोल करने में मदद करते हैं यह हार्मोन्स को भी उत्तेजित करते हैं जिससे क्रेविंग्स कम होती हैं। प्रोटीन ब्लड शुगर स्तर को भी नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह ग्लूकागन नाम का हार्मोन उत्तेजित करता है जिससे ब्लड शुगर लेवल में काफी गिरावट आती है। पीसीओएस से ग्रस्त महिलाएं यदि प्रोटीन का उचित मात्रा में सेवन करें तो बीमारी से काफी राहत मिलेगी। इसके अलावा पीसीओएस होने पर आप हैल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं डाइट सुधारें और ज्यादा मात्रा में प्रोटीन और फाइबर का सेवन करें। इससे मेटाबॉलिक बदलाव कम होता है और असंतुलित हार्मोन्स भी बैलेंस रहते हैं।
इसके लक्षण
. पीरियड्स का अनियमित होना
. अधिक वजन हो जाना
. चेहरे, गर्दन आदि पर बाल आना
. ज्यादा बाल झड़ना
. स्किन से संबंधी समस्याएं होना
. एक्ने और ऑयली स्किन
. ओवरी में सिस्ट होना
. इंफर्टिलिटी
प्रोटीन के फूड सोर्स
आप प्रोटीन युक्त आहार के लिए अंडा, मछली, चिकन, सोयाबीन, मटर, चना, मसूर, दालें, राजमा आदि का सेवन कर सकते हैं। नियमित इन चीजों का सेवन करने से शरीर में प्रोटीन की कमी नहीं होगी।
इन फूड्स से करें परहेज
चीनी को कहें ना
मिठाइयां और किसी भी तरह का डेजर्ट्स, प्रोसेस्ड फूड्स में चीनी की मात्रा काफी ज्यादा पाई जाती है। इसका सेवन करने से शरीर में शुगर का स्तर बढ़ता है और इंसुलिन के स्तर पर भी नेगेटिव असर पड़ता है। चीनी वाले ड्रिंक्स, फ्रूट जूस जैसी चीजों से भी आप परहेज करें।
कार्बोहाइड्रेट्स
कार्बोहाइड्रेट्स युक्त आहार का सेवन भी न करें। इनका ज्यादा सोेवन करने से मोटापा बढ़ सकता है। सफेद चावल और आलू जैसी चीजों का भी ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है। इसलिए ऐसी चीजों का सेवन ही करें जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो।
तला भुना खाना
तले-भुने पदार्थ में फैट और कैलोरीज ज्यादा होती है जिसके कारण वजन बढ़ सकता है। इन चीजों को खाने से पीसीओएस की समस्या और भी बिगड़ सकती है।
शराब और धूम्रपान
अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने से भी ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है, जिसके वजन बढ़ना, इंफ्लेमेशन और हृदय रोगों का खतरा बढ़ता है। धूम्रपान से एंड्रोजन और इंसुलिन दोनों का स्तर बढ़ता है जिसके कारण मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा भी बढ़ता है। इसलिए शराब और सिगरेट से परहेज ही करें।