दिल झकझोर देने वाले पल! कोरोना मरीज़ों को बचा नहीं पाया तो डॉक्टर ने कर ली खुदख़ुशी
punjabkesari.in Saturday, May 01, 2021 - 10:54 PM (IST)
राजधानी दिल्ली में जहां कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है, वहीं एक और बड़ी खबर सामने आई हैं। दरअसल,दिल्ली के प्राइवेट अस्पताल के कोविड वॉर्ड में तैनात एक रेजिडेंट डॉक्टर ने सुसाईड कर लिया है। जानकारी के मुताबिक, डॉक्टर का नाम विवेक राय था, और करीब वह 35 साल के थे।
डॉक्टर विवेक मालवीय नगर में अपनी पत्नी के साथ रहते थे।वह साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में प्रैक्टिस करते थे. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के पूर्व प्रमुख डॉक्टर रवि वानखेड़कर ने ट्वीट कर दावा किया कि कोरोनावायरस की दूसरी लहर के चलते विवेक तनाव में थे। इसी वजह से उन्होंने आत्महत्या कर ली। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
मालवीय नगर पुलिस ने बताया कि एक महिला ने उन्हें कॉल करके सूचना दी कि उनकी दोस्त के पति दरवाजा नहीं खोल रहे हैं। जानकारी मिलने के बाद ASI जगदीश कुमार घटना स्थल पर पहुंचे और देखा कि विवेक राय का शव साड़ी के सहारे सीलिंग फैन से लटका हुआ था।
वहीं, कमरे की तलाशी में पुलिस को एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ, जिसमें विवेक ने आत्महत्या के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया। शव को पोस्टमार्टम के लिए AIIMS मॉर्चरी में भिजवा दिया गया।
इस पर दिल्ली पुलिस के DCP ने कहा कि प्राथमिक जांच के बाद यह पाया गया है कि सुसाइड नोट में हत्या की वजह का जिक्र नहीं किया गया है. विवेक राय ने नोट में सभी लोगों की बेहतरी की कामना की है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
उधर दूसरी तरफ, IMA के पूर्व चीफ डॉक्टर रवि वानखेड़कर ने इस बारे में ट्वीट कर बताया कि गोरखपुर के रहने वाले विवेक राय एक बेहद काबिल डॉक्टर थे. उन्होंने महामारी के दौर में सैकड़ों लोगों की जान बचाई। उन्होंने कहा कि डॉक्टर राय पिछले एक महीने से अस्पताल में कोविड मरीजों की देखभाल कर रहे हैं। वो हर रोज 7 से 8 गंभीर हालत के कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे थे। कोरोना की वजह से लोगों की मौत से वो डिप्रेशन में आ गए और उन्होंने सुसाईड जैसा घातक कदम उठाया।
COVID WARRIOR dies by Suicide
Dr Vivek Rai,
Resident dr of DNB 1st year at Max Hospital Saket Delhi.
He Was doing covid duty since 1 month and was dealing with icu pts every day and was providing cpr and ACLS for about 7 to 8 patients per day in which not many were surviving. pic.twitter.com/ha5v09Cjwh
— Prof Dr Ravi Wankhedkar (@docraviw) May 1, 2021