दीपिका ने जाना मेंटल हेल्थ मरीजों का हाल, खुद भी डिप्रेशन के बुरे दौर से  गुजर चुकी है एक्ट्रेस

punjabkesari.in Tuesday, Oct 11, 2022 - 10:30 AM (IST)

इंसान कितना भी आगे बढ़ जाए लेकिन कुछ पुरानी बातों ऐसी होती है, जिन्हें वह चाहकर भी भूला नहीं पाता है। बॉलीवुड की जानी- मानी एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण के साथ भी कुछ ऐसा ही है। भले ही आज वह टॉप क्लास ऐक्ट्रेसस में शुमार हैं, लेकिन उनकी जिंदगी हमेशा से ऐसी नहीं रही है। वह भी डिप्रेशन के बुरे दौर से गुजर चुकी है, अब एक बार फिर वह पुरानी बातों को याद कर भावुक हो गई।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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दरअसल  दीपिका ने 10 अक्टूबर को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे के मौके पर तमिलनाडु के एक गांव में मेंटल हेल्थ मरीजों से मुलाकात की और उनका हाल जाना। वह अपने अपने फाउंडेशन लिव लव लाफ (Live Love Laugh) के बैनर तले चलाए जा रहे रूरल आउटरिच प्रोग्राम के तहत तिरुवल्लौर में पहुंची। यहां उन्होंने मरीजों के साथ- साथ उनका  देखभाल करने वालों से भी बातचीत की। 

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एक्ट्रेस ने खुद सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें शेयर कर  कैप्शन में लिखा- अपने फाउंडेशन की स्थापना के बाद से हम मानसिक बीमारी का अनुभव करने वालों के जीवन में सुधार के साथ-साथ उनकी देखभाल करने वालों की लाइफ को बेहतर बनाने की अपनी कोशिशों में आगे बढ़ रहे हैं। हमारे ग्रामीण आउटरीच प्रोग्राम को तमिलनाडु तक बढ़ाना मेंटल हेल्थ केयर को आसान बनाने की दिशा में एक और जरूरी कदम है और सभी के लिए फायदेमंद भी है।

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इन तस्वीरों में देख सकते हैं कि दीपिका सूट में काफी सिंपल लग रही थी। इस दौरान उन्होंने मरीजों का हाल जाना और उनके साथ जमीन पर बैठकर चाय भी की। उनकी सह सादगी लोगों को खूब पसंद आई।  याद हो कि एक्ट्रेस अपनी बीमारी को लेकर खुलकर बात करती हैं। उन्होंने बताया था कि जब वह डिप्रेशन के बुरे दौर से गुजर रही थी, तब उनकी मम्मी ने उनके प्रॉब्लम को समझा और संभाला।

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दीपिका ने अपने डिप्रेशन के दिनों याद करते हुए कहा था कि- 'मेरी मां उज्जवला पादुकोण मेरे रोने के तरीका से समझ गई थी कि मैं काम का स्ट्रेस या नॉर्मल बॉयफ्रेंड इश्यू और ब्रेकअप से कही ज्यादा बड़ी मुसीबत में हूं। मेरा डिप्रेशन फरवरी 2014 में शुरू हुआ। वह मेरी जिंदगी का ऐसा वक्त था जब मैं अंदर से बिल्कुल टूट चुकी थी। उस वक्त मुझे अंदर से खालीपन लग रहा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे जिंदगी का कोई अर्थ या उद्देश्य ही नहीं है। फिजिकली और मेंटली दोनों तरह से कमजोर पड़ रही थी।'

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दीपिका यह भी कह चुकी है- 'ऐसा कोई दिन नहीं है जब मैं मेंटल हेल्थ के बारे में सोचती नहीं हूं। मुझे हमेशा डर लगा रहता है कि मैं कहीं वापस उसी स्थिती में न चली जाऊं। इसी डर की वजह से मैं पूरी नींद लेती हूं। एक्सरसाइज, अच्छा खाना, खूब पानी पीती हूं। ये सब चीजें मैं रोजाना करती हूं। ताकि मैं जिंदा रहूं।' दीपिका हमेशा यही कहती हैं कि- अपनों से हमेशा बात करते रहें भले ही वे कहें कि वे ठीक हैं, लेकिन फिर भी उनसे टच में रहें और बात करते रहें।
 


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Content Writer

vasudha

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